आई टी बी पी ने टाली दुर्घटना कोसी बैराज के पांचो गेट खोले##ग्रीन हिल्स ट्रस्ट ने आयोजित की एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी-www.janswar.com.

अरुणाभ रतूड़ी

आई टी बी पी ने टाली दुर्घटना कोसी बैराज के पांचो गेट खोले

 

पहाड़ों में पिछले 5 दिनों से हो ऱही लगातार बारिश के चलते अल्मोडा का कोसी बैराज अपने जलभराव के उच्चतम स्तर लाल निशान से उप्पर भर गया ।मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायता को पहुंचे आईटीबीपी के जवानों द्वारा कोसी बैराज के गेटों को खोलने के लिये कड़ी मशक्कत की गई इसके बड़ी मुश्किल के बाद कोसी बैराज़ के पांचो गेट सफलतापूर्वक खोल दिये गए । अगर गेट नही खुलते तो इससे बड़ा नुकसान होने की सम्भावना थी , गेटों के खुल जाने से बड़े हादसा होने की आशंका टल गयी हैं । पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते अल्मोड़ा जिले के कोसी बैराज में अत्यधिक पानी भर जाने से बैराज के पांचों गेट बंद हो गए थे। जिसे काफी प्रयासों के बाद भी खोल नहीं पा रहे थे। गेटों को खोलने के लिए आईटीबीपी के जवान जुट गये यदि समय रहते गेट नहीं खुलते तो बैराज के टूटने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता बड़ी जनहानि को टाला जाना मुश्किल हो जाता।

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अल्मोड़ा में “उत्तराखंड के सामाजिक उत्थान एवं पर्यावरणीय संरक्षण के लिए मीडिया की भूमिका”पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

अल्मोड़ा(अशोक कुमार पाणडेय)नगर के उदयशंकर नृत्य अकादमी में ग्रीन हिल्स ट्रस्ट की तरफ से एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।उत्तराखंड के सामाजिक उत्थान एवं पर्यावरणीय संरक्षण के लिए मीडिया की भूमिका” विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार कुलसुम मुस्तफा तल्हा मुख्य अतिथि और विधायक मनोज तिवारी, डीएफओ महातिम यादव , विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकांत विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे।संगोष्ठी का आरंभ करते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुलसुम मुस्तफा तल्हा ने कहा कि कि पत्रकारिता तत्थों पर आधारित जानकारी को समाज के बीच मे ले जाने का एक प्रमुख माध्यम है। उन्होंने कहा कि जब पत्रकार किसी बिषय पर लिखते हैं तो उस विषय की ठोस जानकारी भी प्राप्त करते है ,उन्होंने कहा कि आज से चालीस साल पूर्व पत्रकारिता कोई व्यवसाय नही था, बदलते जमाने में पत्रकारिता एक व्यवसायिक स्वरूप ले चुकी है। डीएफओ महातिम यादव ने कहा कि वन संसाधनों का ग्रामीण विकास मे योगदान होना चाहिये। उन्होंने कहा कि वन व समाज के बीच संन्तुलन से ही पहाड़ों का समग्र विकास हो सकता है । उन्होंने कहा कि चिपको आंदोलन पहाड़ो की आवश्यकताओ व वनों के दोहन के बीच का आन्दोलन था । इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा भी सवाल जबाब किये जिसमें सुरेश तिवारी, दयाकृष्ण काण्डपाल , अशोक पाण्ड़े , कपिल मल्होत्रा ,शिवेन्द्र गोस्वामी , ललित भटट् , डी एस सिजवाली के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला आदि ने संवाद मे हिस्सा लिया। विवेकाकानंद पर्वतीय अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. लक्ष्मीकान्त ने कहा कि सूचनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिये मीड़िया की बड़ी जिम्मेदारी है।पहाडों से पलायन को कैसे रोका जाय के सवाल पर बोलते हुए स्थानीय विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि यह एक बड़ा ज्वलंत मुद्दा है। पलायन के मुख्य कारण स्वास्थ्य , शिक्षा और रोजगार है। जिसकी पहाड़ों में काफी कमी है। पौड़ी जनपद के बाद सबसे ज्यादा पलायन अल्मोड़ा जनपद से हुआ है। यह काफी चिंताजनक है। इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा ठोस नीतियां बनायी जानी चाहिए।आकाशवाणी के निदेशक रमेश चन्द्रा ने कहा कि मीड़िया तक जो भी सूचनायें आती है, मीडिया उसे जनता तक पहुंचाने का काम बखूबी करता है। डा.बसुधा पन्त ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।सॆमिनार का संचालन भावना जोशी व नीरज पांगती ने संयुक्त रूप से किया ।