आईआईटी रुड़की उत्तराखण्ड और देश का गौरव है: राज्यपाल # राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों तथा हिंदी पत्रकारिता से जुड़े सभी लोगों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दीं।# मुख्यमंत्री ने अपात्र लोगों के राशनकार्ड जमा करने की तिथि 30 जून तक बढाई# पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने रुद्रप्रयाग जिले का दौरा कर यात्रा पर लगे घोड़ों व खच्चरों की सुरक्षा के निर्देश दिये। www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने रविवार को आईआईटी रुड़की के एलुमनाई एसोसिएशन के देहरादून चैप्टर की ओर से आयोजित आईआईटी रुड़की के 175वें वर्ष के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित शोध अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दृष्टि से साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में उभरती शक्ति और उसकी उपयोगिता पर केंद्रित अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन किया।

 

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आईआईटी रुड़की उत्तराखण्ड और देश का गौरव है। देश की प्रगति में आईआईटी रुड़की का महत्वपूर्ण योगदान है। इस संस्थान ने देश को 43,500 से भी अधिक बौद्धिक प्रतिभाएं तैयार कर देश के विकास में बड़ा योगदान दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इनोवेशन राष्ट्र की शक्ति को बढ़ाते हैं। साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, गणित जैसे विषयों में निपुणता से हम देश में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उत्तराखण्ड राज्य के लिए पलायन को रोकने, प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग करने और पहाड़ में रहने वाले लोगों की आजीविका को बढाने के लिए इनका उपयोग करना होगा। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, जैविक कृषि का विकास, महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के संरक्षण के लिए हमारी तकनीकी और प्रौद्योगिकी का उपयोग हो।
उन्होंने कहा की उत्तराखंड की दैवीय और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा और विकास में तकनीकी और प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना होगा। संचार, विनिर्माण, पर्यावरण संरक्षण, भौतिक संसाधनों के विकास में भी प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना होगा जिससे यहां के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की चार धाम यात्रा के साथ-साथ अनेक पवित्र दिव्य देवस्थानों और पर्यटन स्थानों तक सरल और सुगम कनेक्टिविटी बनानी होगी। प्रदेश की देवीय और आध्यात्मिक रीति-रिवाजों के साथ आध्यात्मिक पर्यटन के विकास में तकनीकी का उपयोग करते हुए उत्तराखण्ड की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कार्य करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार से आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों ने ऊपरी गंगा नहर का निर्माण कर मैदानी क्षेत्रों को हरा-भरा और समृद्ध बनाया, उसी प्रकार पहाड़ों में भी नयी प्रौद्यौगिकी के उपयोग से दुर्गम स्थानों को सुगम बनाते हुए देवस्थानों, पर्यटन स्थानों को विकसित करना होगा। उन्होने कहा कि आईआईटी रुड़की अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। शानदार इतिहास, एक गौरवशाली अतीत और एक उज्ज्वल भविष्य के साथ आईआईटी रुड़की ने अपने संकाय और छात्रों के बीच अनुसंधान और कौशल विकास की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया है।
राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की की ओर से महिला शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिये जाने की दृष्टि से किये गये कार्यों की प्रसंशा की और कहा कि महिलाएं वास्तव में देश की भावी नेता हैं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आईआईटी रुड़की की पहल सराहनीय है। आईआईटी रुड़की के कई पूर्व छात्रों ने देश का नाम रोशन किया है और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कई शीर्ष-स्तरीय पदों पर कार्य किया है । उन्होने एसोसिएशन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन और विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सेवा के लिए किये गये कार्यों की सराहना की।
इस अवसर पर एलमुनाई एसोसिएशन  राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) विशंभर सिंह, आईआईटी रुड़की के वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रो. हर्ष सिंघवाल, ओएनजीसी विदेश के डायरेक्टर इंजीनियर आलोक कुमार गुप्ता, देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष जैन, अजय मित्तल, डीएस पंवार सहित आईआईटी रुड़की के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके वरिष्ठ नागरिक एवं पूर्व छात्र उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की एलुमनाई एसोसिएशन देहरादून चैप्टर की वेबसाइट का भी उद्घाटन किया यह वेबसाइट एसोसिएशन की विभिन्न गतिविधियों के प्रसार तथा लोगों की सहायता के लिए कार्य करेगी। राज्यपाल ने वेबसाइट के शुभारम्भ अवसर पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सभी सदस्यों को बधाई दी।
उन्होंने आईआईटी रुड़की एवं एलमुनाई एसोसिएशन देहरादून चैप्टर की पत्रिका का भी विमोचन किया। पत्रिका में एसोसिएशन की विभिन्न गतिविधियों को प्रचारित-प्रसारित किया गया है तथा उनके कार्यों का भी वर्णन किया है। राज्यपाल ने पत्रिका के प्रकाशन पर सभी एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों को हार्दिक बधाई दी।
राज्यपाल ने दि इंस्टीट्यूशन आफ इंजिनियर्स (इंडिया) उत्तराखंड स्टेट सेंटर, देहरादून सड़क निर्माण गुणवत्ता प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें प्रयोगशाला के उद्घाटन अवसर पर सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह प्रयोगशाला उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर इंजीनियर धर्मचंद चेयरमैन आई.ई.आई. देहरादून, डॉ प्रशांत अग्रवाल निदेशक प्रयोगशाला, इंजीनियर सतीश चंद्र चौहान मानद सचिव, इंजीनियर रणवीर सिंह चौहान पूर्व चेयरमैन, इंजीनियर नरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने मीडिया प्रतिनिधियों तथा हिंदी पत्रकारिता से जुड़े सभी लोगों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। अपने संदेश में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी का संपूर्ण देश में प्रचार एवं प्रसार करते हुए राष्ट्र और समाज के निर्माण में हिन्दी पत्रकारिता ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह गौरव का विषय है कि 30 मई, 1826 को पंडित युगल किशोर शुक्ल जी ने प्रथम हिन्दी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन आरंभ किया था। उन्होंने कहा कि पत्रकार सैनिकों की तरह राष्ट्र के सच्चे प्रहरी होते हैं, देश के अंदर फैली कुरीतियों को मिटाकर पत्रकार राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान देते हैं।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर सभी मीडिया प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दी हैं। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में पत्रकारिता देश की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्वतंत्रता आन्दोलन में हिन्दी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं ने समाज में जन जागरूकता के प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक सूचना, तकनीकी एवं सोशल मीडिया के वर्तमान दौर में हिदी पत्रकारिता के समक्ष नई चुनौतियों के साथ ही इसकी प्रासंगिकता भी बढ़ी है।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार “अपात्र को ना- पात्र को हां“ अभियान के अन्तर्गत अपात्र राशनकार्ड धारकों को अपना राशनकार्ड समर्पित किये जाने की समयावधि 31 मई, 2022 से बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दी गई है।

यह जानकारी देते हुए आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति, श्री सचिन कुर्वे ने बताया कि वर्तमान में अपात्र को ना पात्र को हां अभियान के अन्तर्गत अपात्र राशनकार्ड धारकों को अपना राशनकार्ड समर्पित किये जाने हेतु 31 मई, 2022 तक का समय निर्धारित किया गया था,  जिसे बढ़ाकर दिनांक 30 जून 2022 कर दिया गया है ।

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जनपद रुद्रप्रयाग के दिवसीय भ्रमण पर आये प्रदेश के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगणा ने केदारनाथ यात्रा मार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों के संबंध में संबंधित अधिकारियों एवं घोडे़ खच्चर संचालकों से घोड़े खच्चरों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होनें यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चरों के पानी, रखरखाव की उचित व्यवस्था करने एवं जानवरों के साथ क्रूरता न करने के निर्देश घोड़े खच्चर संचालकों एवं हॉकरों को दिए।इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर संचालित घोडे-खच्चरों में से पचास फीसदी का संचालन ही एक दिन में करने के निर्देश दिए, उन्होंने हरा हाल में घोड़े खच्चरों को एक दिन का आराम देने के निर्देश दिए। किसी भी दशा में घोड़े खच्चरों से डबल चक्कर न लगाये जाय, इसके लिये उन्होने पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि किसी के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके विरुद्व नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होनें घोड़ा पड़ाव में घोडे़ खच्चरों के रहने के लिए शेड तैयार करने के हेतु उपजिलाधिकारी ऊखीमठ को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही चिकित्सकों के लिए सोनप्रयाग एंव गौरीकुण्ड में आवास व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गये।                     पशुपालन मंत्री द्वारा घोड़े खच्चर यूनियन के अध्यक्ष से वार्ता करते हुए कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होनें यह भी कहा कि यदि किसी मालिक एवं हॉकर द्वारा घोड़े खच्चर की देख-भाल ठीक ढंग से नही की जाती है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाये, इसके लिये उन्होनें सभी के सहयोग की अपेक्षा की। उन्होनें यह भी निर्देश दिये है कि यदि किसी घोड़े खच्चर की मृत्यु हो जाती है तो सुलभ द्वारा उसको दफनाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, सचिव पशुपालन, सहकारिता, डेयरी डॉ बी.बी.आर.सी. पुरुषोतम, अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह, उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेन्द्र वर्मा,  मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ आशीष रावत, पुलिस उपाधीक्षक सोनप्रयाग योगेन्द्र गुसांई, गुप्तकाशी विमल रावत, घोडे खच्चर यूनियन के पदाधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।