होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भेंट की।##उत्तराखण्ड में कोविड-19 की डबलिंग रेट 96 दिन, रिकवरी रेट 74 प्रतिशत##वनभूलपुरा 28 दिन से कोविद-19 पॉजीटिव न मिलने पर कंटेनमेंट जोन व बफरजोन से मुक्त। पढिए janswar.com में राज्यस्तरीय राज्य मान्यता पत्रकार नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी की रिपोर्ट।

होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास में उनसे भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने कहा कोविड-19 की वजह से राज्य में पर्यटन एवं अन्य लोगों के आवागमन न होने से होटल संचालकों एवं होटल एसोसिएशन को काफी समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है। होटलों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में पर्यटन कि दृष्टि से यह सबसे महत्वपूर्ण समय है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस अवसर पर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न समस्याएं रखीं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि होटल एसोसिएशन की प्रमुख समस्यायों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रीन जोन वाले जनपदों विभिन्न गतिविधियों में तेजी लाई जाए, ताकि अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हो सके।
इस अवसर पर विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा श्री अनिल गोयल, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संदीप सहानी, सेक्रेट्री श्री संजय अग्रवाल, श्री प्रदीप कर्णवाल, श्री आशीष गोयल आदि उपस्थित थे।
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उत्तराखण्ड में कोविड-19 की डबलिंग रेट 96 दिन, रिकवरी रेट 74 प्रतिशत

प्रदेश में कोविड-19 के एक्टीव केस 17 ही रह गए हैं। आज 06 कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक हो गए हैं। राज्य में कोरोना के मामले, दोगुना होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। अब यह दर बढ़कर 96 दिन हो गई है। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया ब्रीफिंग करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 में रिकवरी रेट 74 प्रतिशत है। प्रदेश में एक समय कंटेनमेंट जोन 21 हो गए थे जो कि अब घटकर 07 रह गए हैं। इनमें 5 देहरादून, 01 हरिद्वार और 01 ऊधमसिंहनगर में हैं। इस प्रकार राज्य में कोविड-19 को नियंत्रित करने के प्रयास सफल हो रहे हैं।

अन्य राज्यों से आज दोपहर तक 18156 प्रवासियों को वापस लाया गया

सामान्य परिस्थितियों में दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय न बुलाने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 1,75,880 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 18156 लोगों को लाया जा चुका है। उत्तराखण्ड में फंस गए दूसरे राज्यों के 20 हजार लोगों ने वापस अपने राज्य जाने के लिए पंजीकरण कराया है, इनमें से 4780 को भेज दिया गया है। 03 दिनों में गुड़गांव से 8700 लोगों को लाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। अहमदाबाद, सूरत, पुणे के साथ ही केरल से भी प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन के बारे में रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारों से बात हुई है। कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में 45 हजार से अधिक कॉल रिसीव की गई हैं।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

मुख्य सचिव ने बताया कि जो प्रवासी उत्तराखण्ड लौट कर आ रहे हैं, राज्य सरकार को उनके रोजगार की भी चिंता है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार और भी अनेक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिव्यांग कर्मचारियों को सामान्य परिस्थितियों में सरकारी कार्यालयों में न बुलाने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि लॉकडाउन-3 में सरकारी कार्यालयों को खोला गया है। इनमें अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। महिला कर्मचारी जो कि गर्भवती हैं या जिनके 10 वर्ष से कम उम्र की बच्चे हैं, को सामान्य परिस्थितियों में कार्यालय आने से छूट दी गई है। इसी प्रकार 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को भी सामान्य परिस्थितियों में नहीं बुलाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 307 कार्यों को मंजूरी

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जिलों से 307 कार्यों को अनुमति दी गई है। इसमें 16600 कार्मिकों व श्रमिकों का नियोजन होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में वनों में फायर सीजन है। मौसम आदि कारणों से पिछले वर्ष की तुलना में स्थिति कहीं अधिक बेहतर है। पिछले वर्ष इस समय तक वनाग्नि के 298 मामले आए थे जिसमें 351 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई थी। इस वर्ष 18 मामले वनाग्नि के सामने आए हैं। इससे 11 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। लगभग 6700 फायर वाचर की ड्यूटी लगी हुई है।
गर्मियों के सीजन में पानी के सम्भावित संकट को देखते हुए विभागीय स्तर पर तैयारी की गई है। 801 ग्रामीण व 347 शहरी बस्तियों को सम्भावित पेयजल संकट वाली बस्तियों के रूप में चिन्हित की गई हैं। यहां पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर आदि का उपयोग किया जा रहा है। 31 मई तक जलमूल्य व सीवर मूल्य की वसूली स्थगित की जा चुकी है साथ ही इस अवधि का सरचार्ज भी नहीं लिया जाएगा।

4747 उद्योगों को संचालन की अनुमति

मुख्य सचिव ने बताया कि 4747 उद्योगों को संचालन के लिए अनुमति दी गई है। इनमें 1 लाख 75 हजार श्रमिकों का नियोजन होगा। इनमें से बहुत सी इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है।
ग्रामीण अंचलों में स्वयं सहायता समूहों विशेष तौर पर महिला स्वयं सहायता समूहों ने विषम परिस्थितियों में भी उल्लेखनीय काम किया गया है। 3580 स्वयं सहायता समूहों जिनके 12 हजार से अधिक सदस्य हैं, द्वारा 11 लाख मास्क तैयार कर संस्थाओं को उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड-19 में जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने में बहुत से स्वयं सहायता समूह सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। बहुत से स्वयं सहायता समूह, आर्थिक गतिविधियां कर रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले के पहानिया में 600 से अधिक महिलाएं मूंज घास से हस्तशिल्प में काम कर रही हैं। इससे जाहिर होता है कि हमारे ग्रामीण अंचल ऊर्जा से परिपूर्ण हैं।
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वनभूलपुरा 28 दिन से कोविद-19 पॉजीटिव न मिलने पर कंटेनमेंट जोन व बफरजोन से मुक्त।
गत देर रात जारी आदेश द्वारा जिलाधिकारी सविन बंसल ने विगत 28 दिनों से कोई भी कोरोना पाॅजिटिव केस न मिलने पर बनभूलपुरा क्षेत्र को कंटेनमंेट जोन और बफर जोन से मुक्त किया।
श्री बंसल ने बताया कि बनभूलपुरा क्षेत्र में कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए 6 अप्रैल को सामुदायिक निगरानी के लिए बाहरी व्यक्तियों आवागमन प्रतिबंधित किया गया था। स्थिति में सुधार न होने पर 9 अप्रैल को बनभूलपुरा स्थित चिहिंत संक्रमित स्थलों में आंतरिक मार्गो में भी आवागमन प्रतिबंधित कर दिया था। स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण 13 अप्रैल को कफ्र्यू लगा दिया था, तथा 02 मई को कफ्र्यू समाप्त किया गया और कंटेनमेंट जोन एंव बफर जोन में विभाजित कर दिया था।
जिलाधिकारी ने बताया कि इन्सीडेन्ट रिस्पाॅन्स टीम द्वारा अवगत कराया कि बनभूलपुरा क्षेत्र में 08 अप्रैल के उपरान्त में किसी भी व्यक्ति को कोविड सैम्पल रिपोर्ट पाॅजिटिव नहीं प्राप्त हुआ है तथा वर्तमान में क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जा चुका है जिसमें किसी भी व्यक्ति में कोविड के संक्रमण के कोई भी लक्षण प्रकाश में नहीं आये है। श्री बंसल ने कहा कि बनभूलपुरा क्षेत्र के स्थानीय जनता की स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों को देखते हुए तथा नोडल अधिकारी लाॅकडाउन बनभूलपुरा एवं पुलिस अधीक्षक नगर हल्द्वानी द्वारा क्षेत्र में जनसमान्य की स्थिति तथा कंटेनमेंट जोन एंव बफर जोन को हटाऐ जाने की कि गई संस्तुति के दृष्टिगत बनभूलपुरा क्षेत्र में घोषित किये गये कंटेनमेंट जोन एंव बफर जोन को समाप्त किया जाता है, परन्तु इस क्षेत्र में जनपद के अन्य स्थानांे की भाति कोविड 19 के दृष्टिगत लाॅकडाउन के प्रतिबंध यथावत प्रभावी रहेगें।

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