द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी
स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर मुख्यमंत्री ने युवाओं से किया संवाद
राज्य में युवा आयोग जल्द अस्तित्व में आयेगा- मुख्यमंत्री
युवा चेतना दिवस के रूप में मनाई गई स्वामी विवेकानन्द की जयंती।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वामी विवेकानन्द की 158वीं जयंती के अवसर पर आयोजित युवा चेतना दिवस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के कई युवाओं से संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जल्द ही राज्य में युवा आयोग अस्तित्व में आ जायेगा। इसके लिए बजट का प्राविधान हो चुका है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने एक ध्येय वाक्य दिया ‘‘उठो जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो ’’। विवेकानन्द जी भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। उन्होंने पूरे विश्व को भारत की संस्कृति से अवगत कराया। भारत की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है, यहां की संस्कृति में सबको साथ लेकर चलने की ताकत है। उन्होंने भारत की शौर्य, वीरगाथाओं और वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति से दुनिया को अवगत कराया। दर्शन एवं साधक के रूप में हम विवेकानन्द जी के चरित्र को समझ सकते हैं। शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक सभी तरह की शक्ति हमारे युवाओं में होनी चाहिए, इस पर भी उन्होंने विशेष बल दिया। विवेकानन्द जी ने उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जनपद, बागेश्वर एवं अगस्त्यमुनी के स्मरणों का वर्णन किया है। उत्तराखण्ड से स्वामी विवेकानन्द जी का विशेष लगाव था। विवेकानन्द जी का जीवन दर्शन युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज प्रदेश के युवाओं के साथ जो संवाद हुआ, इसमें बहुत अच्छे सुझाव मिले। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि युवाओं द्वारा जो भी सुझाव दिये गये हैं, उनका संग्रह किया जाय। ये विचार सरकार के लिए नीतिगत निर्णय लेने में सहयोगी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, कार्य के प्रति समर्पण का भाव हो तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को रोजगार तक ही सीमित न रहकर अपने साथ अन्य लोगों को रोजगार से जोड़ना होगा। स्वरोजगार के लिए राज्य में पर्याप्त संभावनाएं भी हैं। उत्पादों का वैल्यू एडिशन एवं प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कैसे हो, इस दिशा में और प्रयासों की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रोथ सेंटर पर कार्य किया जा रहा है। ग्रोथ सेंटर आज आजीविका बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यूएनओ की रिपोर्ट के अनुसार एडवेंचर टूरिज्म में रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने एडवेंचर टूरिज्म के लिए एक अलग विंग बनाई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र से राज्य के युवाओं ने संवाद स्थापित करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से युवा कैसे लाभान्वित हो रहे हैं, प्रदेश को और तेजी से प्रगति पथ पर ले जाने के लिए क्या प्रयास होने चाहिए और सरकार की योजनाओं के बारे में दूरस्थ क्षेत्रों तक लोगों को जानकारी हो इस बारे में सुझाव दिये गये।
शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी का मूल उद्देश्य व्यक्तित्व निर्माण था। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक विकासखण्ड में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जा रहे हैं। इसका शासनादेश भी जारी हो गया है। इस शैक्षणिक सत्र से इनकी शुरूआत हो जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की खेल नीति जल्द प्रकाशित होने वाली है। उसके बाद अनेक युवाओं को खेलों के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने का मौका मिलेगा।
उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विवेकानन्द जी का जन्म दिवस प्रदेश में युवा चेतना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज प्रदेश भर में 127 स्थानों पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 01 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार रूपये पुरस्कार स्वरूप दिये जायेंगे। ये पुरस्कार 23 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा सुभाषचन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि आज से 23 जनवरी तक 125 स्थानों पर ब्लड डोनेशन के कार्यक्रम भी मुख्यमंत्री के निर्देशन में किये जा रहे हैं। गरीब बच्चे जो रिसर्च करना चाहते हैं, ऐसे बच्चों को मुख्यमंत्री रिसर्च फैलो पुरस्कार दिया जायेगा। गरीब बच्चों के लिए आईएएस एवं पीसीएस की कोचिंग के लिए 1 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है। यह कोचिंग जिन परिवारों की वार्षिक आय 2.5 लाख से कम होगी उनको दी जायेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्रीमती राधिका झा, वर्चुअल माध्यम से कुमायूं कमिश्नर श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, सभी जिलाधिकारी एवं युवा उपस्थित थे।
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राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य ने बर्डफ्लू पर समीक्षा की
प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में बर्ड फ्लू विषय पर विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में बर्ड फ्लू की स्थिति पूर्णतयः नियन्त्रण में है। बर्ड फ्लू से डरने, घबराने की आवश्यकता नही है, बल्कि सर्तक और जागरूक बनने की जरूरत है। महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पोल्ट्री सेक्टर में बर्ड फ्लू नही पाया गया है। पोल्ट्री सेक्टर अभी अपने आप में पूर्णतय सुरक्षित है।
बर्ड फ्लू संक्रमण के नियंत्रण के लिए आज राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया। राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तराखण्ड शासन और जनपद स्तरीय समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे।
बैठक में बताया कि पशुपालन विभाग पक्षीयों की सैम्पलिंग लगातार कर रहा है। पोल्ट्री सेक्टर को पूरी तरह से निगरानी में रखा गया है तथा हाई अलर्ट जारी किया गया है। किसी भी प्रकार की मुर्गियों, इत्यादि में किसी भी प्रकार की बिमारी/संक्रमण होने पर नोटिस देकर उसे तुरन्त लैब में भेजने के साथ साथ अन्य मुर्गियों से दूरी बनने के कडे निर्देश अधिकारियों को दिये गये है।
उत्तराखण्ड राज्य में जितने भी पोल्ट्री फर्म है वहाॅ पर किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण नही है। लेकिन गढवाल मण्डल और कुमाॅऊ मण्डल में यदि कोई नेचुरल डेथ हुई है तो उसकी सैम्पलिंग करते हुए बरेली भेजा गया है। जिसके रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। बर्ड फ्लू अभी जगली पक्षीयों में ही पाया गया है।
इस संदर्भ में निर्देश दिया गया कि आगामी 14 जनवरी 2021 को पोल्ट्री सेक्टर के किसानों और वैज्ञानिक, विषय विशेषज्ञ के साथ गोष्ठी का आयोजन कर लिया जाय। जन जागरूकता के लिए एडवाईजरी, पम्पलेट और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाय। डयूटी पर लगे कार्मिकों को पीपी किट उपलब्ध कराया जाय। पीपी किट हेतु शासन से आकस्मिक निधि में दस लाख की अतिरिक्त माॅग कर ली जाय।
बैठक में महिला कल्याण एवं बाल विकास, अपर निदेशक के. के जोशी, सीवीओ. एम. एस. नयाल, प्रेम कुमार उप सचिव पशुपालन बी. एस. पुण्डीर इत्यादि थे।
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मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कुम्भ मेले से संबंधित अनेक विभागों के प्रस्तावों का अनुमोदन।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कुम्भ मेले से सम्बन्धित विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया। मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कुम्भ 2021 के आयोजन में कम समय बचे होने के दृष्टिगत कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक कार्यों को छोड़ा न जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि कुम्भ कार्यो से सम्बन्धित वित्तीय स्वीकृति के आदेश 20 जनवरी तक निश्चित रूप से निर्गत कर दिये जाएं। उन्होंनेज धीमी गति से चल रहे कार्यों में तेजी लाते हुए जनवरी माह तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ, जिन कार्यों के जी.ओ. अभी तक जारी नहीं हुए हैं, उन्हें 20 जनवरी तक जारी किए जाने के भी निर्देश मुख्य सचिव ने दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नगर निगम हरिद्वार में अपर मुख्य नगर आयुक्त सहित लेखपाल एवं कानूनगो आदि की तैनाती शीघ्र सुनिश्चित की जाए। उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में पार्किंग निविदा समिति, भू-आबंटन समिति, आई.सी.टी. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु समिति सहित विभिन्न नगर निकायों हेतु स्वच्छता निविदा समितियों के गठन को भी अनुमोदन प्रदान किया गया। बैठक के दौरान मिल्क एण्ड डेरी प्रोडक्ट, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट, होमगार्ड, सूचना आदि विभागों हेतु आवश्यक बजट को भी अनुमोदन प्रदान किया गया।
सचिव शहरी विकास श्री शैलेश बगोली ने बताया कि अब तक कुम्भ मेले से सम्बन्धित 749 करोड़ लागत के कुल 166 कार्यों को अब तक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
बैठक के दौरान मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने बताया कि कुम्भ मेला 2021 में कुम्भ मेला की कहानियों का चित्रण, लाईट एण्ड साउण्ड शो, चंडीघाट में आयोजित होने वाले शो और चिर-परिचित आवाज में वॉयस ओवर और बैकग्राउण्ड म्यूजिक आकर्षण का केन्द्र होंगे।
बैठक में महानिदेशक सूचना डॉ0 मेहरबान सिंह बिष्ट द्वारा कुम्भ मेले-2021 में सूचना विभाग द्वारा किये जाने वाले मीडिया सेन्टर की स्थापना, संचालन, अनुरक्षण एवं प्रचार प्रसार से सम्बन्धित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
इस अवसर पर सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश कुमार झा, श्रीमती सौजन्या, प्रभारी सचिव शहरी विकास श्री विनोद कुमार सुमन एवं आई0जी0 कुम्भ मेला श्री संजय गुंज्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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कोविड वैक्सीनेशन की तैयारियों के क्रम में राज्य के प्रमुख अस्पतालों में दूसरा पूर्भाभ्यास किया गया।
कोविड-19 वैक्सीनेशन को राज्य में आरम्भ करने की तैयारियों के क्रम में आज दूसरी बार राज्य के प्रमुख चिकित्सालयों पर पूर्वाभ्यास/ड्राईरन किया गया। पूर्वाभ्यास के बारे में जानकारी देते हुए कोविड वैक्सीनेशन के लिए नामित राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एन०एच०एम० श्रीमती सोनिका ने जानकारी दी, कि आज के पूर्वाभ्यास हेतु 350 टीकाकरण सत्र निर्धारित किए गए थे, लेकिन कोविन पोर्टल पर 343 सत्रों के क्रियाशील होने के अनुसार टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया।
मिशन निदेशक श्रीमती सोनिका ने बताया कि पूर्वाभ्यास के दौरान लक्षित 7964 लाभार्थियों के सापेक्ष 6650 लाभार्थियों को टीकाकरण के ड्राईरन में सम्मिलित किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 84 प्रतिशत टीकाकरण है। पूर्वाभ्यास की गतिविधि 340 चिकित्सा ईकाईयों पर ऑनलाईन तथा 03 स्थानों पर ऑफलाईन मोड पर संचालित की गई। इस दौरान वैक्सीनेशन के उपरान्त होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के 243 मामलों को भी पूर्वाभ्यास में सम्मिलित किया गया।
मिशन निदेशक ने बताया कि राज्य में कोविड वैक्सीन द्वारा टीकाकरण किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा 1,13,000 डोज कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है और वैक्सीन की आपूर्ति मै० सीरम इंस्ट्रीटयूट ऑफ इंडिया से उत्तराखण्ड के लिए प्राप्त करने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
टीकाकरण के पात्र लाभार्थियों के बारे में जानकारी देते हुए एन०एच०एम० निदेशक, डॉ० सरोज नैथानी ने बताया कि प्रथम चरण में सभी जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज, एम्स, सेना चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय तथा प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात हैल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जायेगी, जिसमें आशा एवं ए०एन०एम० को भी सम्मिलित किया जा रहा है। वैक्सीन को प्राप्त करने एवं जनपदों तक आपूर्ति करने के लिए वाहन, ड्राईवर एवं अन्य कार्मिकों को तैनात कर दिया गया है तथा वैक्सीन के राज्य मुख्यालय स्थित वॉक-इन-कूलर में आने के उपरान्त इसे जनपदों को निर्धारित कोल्ड चैन प्रणाली के अन्तर्गत भेजा जायेगा।
डॉ० नैथानी ने बताया कि हरिद्वार कुंभ को देखते हुए यहां पर शत् प्रतिशत हैल्थ केयर वर्कर्स को आरम्भ के दौर में ही वैक्सीन दी जायेगी। डॉ० नैथानी ने यह भी बताया कि 113000 वैक्सीन की डोज द्वारा दोनों खुराक देने पर 50 प्रतिशत हैल्थ केयर वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जा सकेगी, शेष 50 प्रतिशत के लिए पुनः वैक्सीन की आपूर्ति प्राप्त करनी होगी। ज्ञातव्य है कि कोविड वैक्सीन की 02 खुराक लगनी है, दूसरी खुराक पहली खुराक के बाद 28 दिनों के अन्तराल में लगायी जायेगी ।
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