मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में खेल विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। खेल योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में योजनाबद्ध तरीके से खेल सुविधाओं को विकसित कर खिलाड़ियों को बेहतर खेल वातावरण देने के प्रयास निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों हेतु अवस्थापना सुविधाओं का विकास समयबद्ध रूप से निर्धारित समय तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल नीति को प्रभावी रूप से संचालित करते हुए प्रदेश को खेलों के मानचित्र में देश के प्रथम 05 राज्यों में स्थापित करना उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए बजट की चिंता न करते हुए प्रदेश की बेहतर प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें तराशने का कार्य किया जाए।
सचिव खेल श्री बृजेश कुमार संत ने बताया कि उत्तराखण्ड खेल नीति-2020 का पारण किया गया है। उन्होंने बताया कि दिनांक 18 जून, 2018 को उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट संघ को बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्रदान की जा चुकी है। उत्तराखण्ड ने प्रथम बार विजय हजारे ट्रॉफी में प्रतिभाग कर क्वार्टर फाइनल तक प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि आईसीसी द्वारा देहरादून में 02 अन्तर्राष्ट्रीय श्रृंखलाओं के अन्तर्गत 12 अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन किया गया। यूथ ओलम्पिक खेल में श्री लक्ष्य सेन (बैडमिन्टन खेल) एवं श्री सूरज पंवार (एथलेटिक्स खेल) द्वारा रजत पदक प्राप्त कर विश्व पटल में गौवान्वित किया।
इस अवसर पर खेल मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
—————————————–जिलाधिकारी गढ़वाल डा0 विजय कुमार जोगदण्ड़े के नेतृत्व एवं दिशा निर्देशन पर आज जनपद के समस्त तहसीलों के क्षेत्रान्तर्गत वनाग्नि की माॅकड्रिल अभ्यास किया गया। जिसमें जनप्रनिधि ग्राम प्रधान, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, फायर वाॅचर, संबंधित अधिकारी कर्मचारी, वन विभाग, पुलिस फायर सर्विस सहित तहसील स्तर पर गठित आईआरएस टीम द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। माॅक ड्रिल अभ्यास के दौरान जिलाधिकारी ने उक्त कार्यो का जायजा लेते हुए, आग पर नियंत्रण पाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए समुचित कार्यो की जानकारी ली। जबकि अपर जिलाधिकारी डा0 एस के बरनवाल ने थलीसैण में वनाग्नि माॅक ड्रिल का जायजा लेने थलीसैण पहुंचे तथा स्वयं भी आग बुझाने में जुट गया।
गौरतलब है कि प्रदेश में इन दिनों वनाग्नि बढती समस्या को लेकर उस पर काबू पाने हेतु लोगों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार करने को लेकर शासन के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने आज जनपद के समस्त तहसीलों में वनाग्नि मॉक ड्रिल अभ्यास का आयोजन हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिसके तहत समस्त तहसीलों में पूर्वाहन करीब 11ः00 बजे, से क्षेत्रान्तर्गत चिन्हित स्थानों पर वनाग्नि मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया। जिसमें तहसीलों में गठित आईआरएस टीम को सक्रिय किया गया, इंसीडेंट कमांडर ने वनाग्नि की सूचना पर त्वरित कार्यवाही कर, वनाग्नि की घटनास्थल पर पहुंचे अन्य लोगों के सहयोग के साथ आग पर प्लानिंग के आधार पर काबू पाया गया। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी तथा तहसीलदार द्वारा इंसीडेंट कमांडर का दायित्व बखूबी निभाया गया।माॅक ड्रिल अभ्यास की समस्त जानकारी जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को भेजी गयी। जहां से आपदा प्रबंधन अधिकारी दिपेश काला द्वारा घटना की जानकारी शासन की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
जनपद मुख्यालय के करीब खाड्यूसैण एवं घुडदौड़ी के मध्य समय पूर्वाहन 11ः00 बजे आग की सूचना पर पौड़ी तहसील में गठित आईआरएस टीम सक्रिय किया गया। जिसमें इंसीडेंट कमांडर/उपजिलाधिकारी श्याम सिह राणा ने टीम को उपकरण के साथ घटना स्थल के लिए रवाना किया। जहां पर पहले से ही पहुंचे जनप्रतिनिधि, स्थानीय लोगों के साथ बेहतर ताल मेल से आग पर काबू पाया गया। मॉक ड्रिल में आग बुझाते समय एक व्यक्ति को घायल बताया गया जिस मौके पर पहुंचे मेडिकल टास्क फोर्स टीम ने प्राथमिक उपचार के बाद दवाई देकर घर भेज दिया। वहीं वन विभाग की ओर से प्रभागीय वनाधिकारी के एस रावत, सहित संबंधित अधिकारी ने वनाग्नि पर काबू पाने हेतु टिप्स दिये। मॉक ड्रिल में वन विभाग के अधिकारियां के साथ साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधान वन पंचायत, महिला व युवक मंगल दलों, फायर सर्विस द्वारा भाग लिया गया। मॉक ड्रिल करते समय सड़कों के आसपास फायर लाइन बनाई गई, जिससे कि आग फैलने के खतरे से बचा जा सके।
थलीसैंण में मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान अपर जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की घटनाएं निरन्तर होती जा रही है, इससे हमारी प्राकृतिक वन सम्पदा को क्षति पहुंचने के साथ ही साथ जंगली जानवरों को भी नुकसान पहुंच रहा है। कहा कि इससे पर्यावरण भी दूषित हो रहा है और हमारे स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य लोगों को वनाग्नि रोकथाम के प्रति जागरूक करना है। वहीं वनाग्नि मॉक ड्रिल का अभ्यास सतपुली, चौबट्टाखाल, धुमाकोट, लैंसडाउन, श्रीनगर, यमकेश्वर सहित अन्य तहसीलों में भी किया गया। जिसमें आईआरएस टीम के अलावा ग्राम प्रधान जनप्रतिनिधि फायर वाचर महिला मंगल दल युवक मंगल दल वन विभाग सहित रेखीय विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने मॉक ड्रिल अभ्यास में अपना अहम योगदान दिया।
इस अवसर पर रेंजर अनिल भट्ट, मेडिकल टास्क फोर्स लीडर डॉ. अमित मेहरा, तहसीलदार पौड़ी एच एम खंडूरी, पुलिस फायर सर्विस से अनुसूया गौड़, नायब तहसीलदार सतपुली सुधा डोभाल, कानूनगो सुदामा सिंह, बी. एस. चैहान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।