सीएम ने किया ई-मीटिंगसॉफ्टवेयर का शुभारम्भ।##कुछ आईएएस अधिकारियों के पदभारों में फेरबदल।##डीएम पौड़ी ने नेटवर्क विहीन क्षेत्र के ग्राम प्रधानों को सेटेलाईट फोन वितरित किए।पढिए www.janswar.com में।


सीएम ने किया ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ

स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट प्रणाली से और प्रभावी बनेगा सरकारी सिस्टम

ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा।

     मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सचिवालय में होने वाली बैठकों को आईटी के माध्यम से और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा। बैठक में प्रतिभाग करने वाले अधिकारी, बैठक का एजेंडा और प्रस्तावित चर्चा के बिंदु बैठक से दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेंजेंगे, अनुमोदन के बाद ही बैठक होगी।
     मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया की सोच की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में ई-मंत्रीमण्डल, ई-ऑफिस के बाद ई-मीटिंग की शुरूआत हुई है। ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के कार्य करने की गति में और तेजी आयेगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए लीक से हटकर आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है। ई-मीटिंग प्रणाली से शासन एवं अन्य विभागों के कार्यों में भी तेजी आयेगी। मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग के माध्यम से कार्यों को एफिशिएंट व प्रोडक्टिव बनाकर समयबद्धता के साथ निस्तारण के स्थान पर निपुणता पर केन्द्रित किया जाना चाहिए। जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सचिवालय को सरकारी सिस्टम का हृदय माना जाता है। सचिवालय में फाइलों की ट्रेकिंग से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम वर्चुअल इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं। आज वर्चुअल ने एक्चुअल को साधने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है।
     मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में अच्छा प्रयास है। ई-मीटिंग प्रणाली से पूर्व में ली गई बैठकों के निर्णय भी सहजता से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस कार्य भी होंगे। मंत्रीगणों एवं मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जाय। इसके लिए निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि दिसम्बर तक सभी सन्दर्भ ई-ऑफिस पर आ जायें।  
ई-मीटिंग का सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा आईटी विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सहयोग से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय की बैठक मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगी। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल बनाया गया जिसकी वेबसाइट  emeeting-uk-gov-in है। ई-मीटिंग तकनीक के माध्यम से बैठक का एजेंडा एवं कार्यवृत्त ऑनलाईन स्टोर किये जायेंगे। बैठक के आयोजन के लिए अधिकृत अधिकारी बैठक की तैयारियों एवं बैठक के समय दिखाये जाने वाले डाटा का मीटिंग से पूर्व वैरिफाई करेंगे। मीटिंग में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑन लाईन दर्ज की जायेगी। मीटिंग के दौरान दिये गये लक्ष्यों की समय सीमा पूर्ण होने पर ऑटोमैटिक अलर्ट ईमेल और एसएमएस द्वारा अधिकारियों को मिलेंगे।
     इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आईटी श्री आर. के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा एवं विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव, एनआईसी के उप महानिदेशक श्री के.नारायणन एवं तकनीकि निदेशक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी उपस्थित थे।
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कुछ आईएएस अधिकारियों के पदभारों में फेरबदल।
उत्तराखंड शासन कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के आदेश पत्र, पत्रांक संख्या- 389 /एक्स एक्स एक्स-1-2020, दिनांक 24 अगस्त2020के अनुसार श्रीमती मनीषा पंवार आईएएस मुख्य सचिव को पूर्व पदभारों के साथ अपर मुख्य सचिव बाह्य सहायतित परियोजनाएं (ईएपी)का पदभार दिया गया। श्री आनंद बर्द्धन आइएएस से प्रमुख सचिव बाह्य सहायतित परियोजनाएं (ईएपी)का पदभार ले ले लिया गया है। उनके अन्य पदभार यथावत रहेंगे। श्री शैलेश बगौली आईएएस से परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाएं (यूईए पीयूडीआरपी) का पदभार ले लिया गया है।उनके शेष पदभार यथावत रहेंगे। श्री एस.ए. मुरुगेशन आईएएस को पूर्व के पदभारों के साथ परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित परियोजनाएं (यू.ई.ए.पी.यू.डी.आर.पी)का पदभार दिया गया है।
कैप्टन आलोक शेखर तिवारी आईएएस से अपर सचिव वैकल्पिक ऊर्जा तथा ऊर्जा का पदभार ले कर उन्हें पूर्व के शेष पदभारों के साथ अपर सचिव शिक्षा का पदभार दिया गया है। श्री अंशुल सिंह आईएएस डिप्टी कलेक्टर पौड़ी का स्थानांतरण डिप्टी कलेक्टर हरिद्वार के पद पर किया गया है तथा श्री प्रतीक जैन आईएएस से डिप्टी कलेक्टर हरिद्वार की जिम्मेदारी उन्हें डिप्टी कलेक्टर नैनीताल की जिम्मेदारी दी गयी है।
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डीएम पौड़ी ने नेटवर्क विहीन क्षेत्र के ग्राम प्रधानों को सेटेलाईट फोन वितरित किए।
पौड़ी :विकास खण्ड सभागार खिर्सू में ग्राम प्रधानों के सेेटेलाइट फोन प्रशिक्षण कार्यक्रम मे शिरकत करते हुए जिलाधिकारी श्री धीराज सिह गर्ब्याल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुश्री पी रेणुका देवी ने आज विकास खण्ड खिर्सू में नेटवर्क विहीन दुर्गम क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 10 ग्रामसभाओं के ग्राम प्रधानों को सेटेलाइट फोन आबंटित किया। जिनमें ग्राम पंचायत शुक्र(मथिगांव), चोपड़ा, नलई, नौगांव, मलुण्ड, चुठाली, मसोली, कटाखोला एवं गोदा आदि शामिल है। मा0 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत एवं आईजी एस.डी.आर.एफ. श्री संजय गुंज्याल के इस सराहनीय पहल से नेटवर्क विहीन गांव को सेटेलाइट फोन से सीधे संपर्क करने का मिला सुविधा। किसी भी घटना की अब त्वरित शासन, प्रशासन को देगी जानकारी ग्राम प्रधान। सरकारी सूचना आदान प्रदान कर सकंेगे। जिलाधिकारी ने कहा कि खिर्सू विकास खण्ड के 10 ग्रामसभाओं में एस.डी.आर.एफ. की ओर से सेटेलाइट फोन आबंटित किया गया है। ये वह गांव है जहां किसी भी मोबाइल कम्पनी के टावर/नेटवर्क नही है, ऐसे चिन्हित ग्राम सभाओं को आबंटित किया गया है। जो घटना, आपातकाल के दशा/समय में इन सेटेलाइट फोन के माध्यम से शासन, प्रशासन, 108, आपदा प्रबंधन आदि से सीधे संपर्क कर, अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है। जिससे त्वरित अग्रीम कार्यवाही अमल में लायी जा सकें। कहा कि जनपद के 8 विकास खण्डों में करीब 60 ग्रामसभाओं को यह सेटेलाइट फोन दिये है। संभवत उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहां के नेटवर्क विहीन गांवों को सेटेलाइट फोन प्रदान किया गया। कहा कि मा0 मुख्यमंत्री एवं आईजी एस.डी.आर.एफ. के सराहनीय पहल से  नेटवक विहीन ग्रामसभाओं को सेटेलाईट फोन देकर संचार की सुविधा को विकसित किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि खिर्सू में 10 ग्राम प्रधानों को एसडीआरएफ के माध्यम से सेटेलाइट फोन वितरित किया गया है। इससे उनको काफी फायदा होगा उत्तराखण्ड में ऐसे दुर्गम क्षेत्र, जहां नेटवर्क नही आता है। आपदा अथवा आपातकालीन के समय सूचना आदान प्रदान करने की बहुत अच्छा सुविधा मिलेगा। फ्री काॅल कर सकते है जो केवल सरकारी कार्य के लिए है।  उत्तराखण्ड सरकार का यह बहुत बडा पहल है जिसमें उन्होने ग्राम प्रधान को चुना है और उन्हे अच्छे कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। 

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा संपत सिह रावत सहित संबंधित अधिकारी एवं ग्राम प्रधान व एसडीआरएफ के जवान उपस्थित थे। 

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