सचिवालय में आयोजित की गई ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की पहली बैठक #ऐम्स ऋषिकेश में मनाया गया हिन्दी दिवस#जिलाधिकारी गढवाल ने पैडुल में किया धान क्राप्ट कटिंग का निरीक्षण।पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति- अरुणाभ रतूड़ी

सचिवालय में आयोजित की गई ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की पहली बैठक


मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनाये गये समूह में 13 सदस्य

     

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक आयोजित की गई। राज्य में नवाचार और उद्यमिता  (innovation and entrepreneurship)  को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने ‘‘स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’’ स्थापित किया है। राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है। इसके अलावा पाठ्यक्रम, मॉड्यूल प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जागरूकता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों और एजेंसियों के साथ आवश्यक साझेदारी हेतु सलाह देना है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनाये गये ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ में 07 सरकारी एवं 06 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं। सरकारी सदस्यों में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव उद्योग, सचिव वित्त, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सचिव मुख्यमंत्री, महानिदेशक उद्योग, एवं निदेशक उद्योग शामिल हैं। जबकि गैर सरकारी सदस्यों में इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, सम्पर्क फाउण्डेशन के फाउण्डर श्री विनीत नायर, क्वात्रो ग्लोबल सर्विस के चैयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रमन रॉय, फार्मर ग्रुप जनरल मैनेजर एण्ड कन्ट्री हेड एच.एस.बी.सी, इंडिया श्रीमती नैना लाल किदवई, इन्फो एज के वाइस चैयरमेन श्री संजीव बिखचंदानी एवं सन मोबिलिटी प्रा. लि. के वाइस चैयरमेन श्री चेतन मणि शामिल है।

उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल

       मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है। जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस समूह के विशेषज्ञों द्वारा उत्तराखण्ड में मेडिकल एवं मेंटल हेल्थ को लेकर क्या कार्य हो सकते हैं, इस पर जरूर सुझाव दें। उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गम्भीरता से कार्य किया जायेगा।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विशेषज्ञों के सुझाव

       इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों, नवाचार और उद्यामिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा की गई। इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने। स्टार्टअप के तहत जॉब क्रियेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। उत्तराखण्ड के उत्पादों की अलग ब्रांडिंग हो, वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। हेल्थ केयर में मेडिकल टूरिज्म पर ध्यान देने की जरूरत है। श्रीमती नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं। श्री विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर फोकस करना होगा। स्टार्टअप का भविष्य साइंस और तकनीक पर आधारित है। इस दिशा में पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। श्री रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है। विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने होंगे। श्री संजीव बिखचंदानी ने कहा कि राज्य में कुछ बड़े उद्योग स्थापित करने होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनेक कार्य किये जा सकते हैं।

राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण

       मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। 20 सालों में राज्य ने आर्थिक गतिविधियों में काफी उन्नति की है। उद्यमियों के लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। राज्य में बड़े उद्योगों पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना काल में साढ़े चार लाख से अधिक प्रवासी वापस उत्तराखण्ड आये हैं। उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। उत्तराखण्ड में साक्षरता दर काफी अच्छी है। राज्य के युवाओं में अच्छा कार्य करने की क्षमता है, सही मार्गदर्शन वे विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर सकते हैं। इसके लिए विशेषज्ञों की राय काफी महत्वपूर्ण होगी। राज्य में सीएम इनोवेशन फण्ड बनाया गया है। सीएम स्वरोजगार योजना में सोलर पॉवर फार्मिंग को भी शामिल किया गया है। मेडिकल के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं, आयुष, वैलनेस, मेडिसनल प्लांट के क्षेत्र में काफी कार्य हो सकते हैं। हेल्थ केयर के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के साथ रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ‘13 डिस्ट्रिक्ट, 13 न्यू डेस्टिनेशन’ पर कार्य किया जा रहा है। राज्य में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में भी अच्छा कार्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि की संभावनाएं सीमित हैं। नगरीय विकास से सेवा क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं।
       इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रवीन्द्र दत्त,  सचिव आईटी श्री आर.के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, सचिव कौशल विकास डॉ. रणजीत कुमार सिन्हा, महानिदेशक उद्योग श्री एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव कौशल विकास श्री आर राजेश कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती ईवा श्रीवास्तव, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित थे।


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में हिंदी सप्ताह का आयोजन किया गया।

जिसके तहत सप्ताहव्यापी प्रतियोगी कार्यक्रम आयोजित किए गए, समापन समारोह में प्रतिभागियों को संस्थान की ओर से सम्मानित किया गया।
आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार को हिंदी दिवस के मौके पर निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने नराजभाषा हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डाला, उन्होंने संस्थान में कार्यरत संकायगणों, अधिकारियों व कर्मचारियों से अपना अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता हुई, जिसमें संस्थान के विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारियों,संकायगण,कर्मचारियों, विद्यार्थियों व रेजिडेंट्स चिकित्सकों ने वर्चुअल माध्यम से बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। संस्थान में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताहभर कार्यक्रम हुए, जिनमें भाषण प्रतियोगिता, श्रुतलेखन प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता तथा स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल है।
राजभाषा विभाग, भारत सरकार के दिशा निर्देश पर देश की विभिन्न जानीमानी विभूतियों, महापुरुषों की हिन्दी सूक्तियों के ध्येय वाक्य/बैनर बनाए गए, जिन्हें एम्स परिसर में प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया गया। साथ ही राजभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से संस्थान के सभी डिजी बोर्ड पर हिन्दी दिवस पर शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया। इस अवसर पर राजभाषा प्रकोष्ठ की ओर से वृहद शब्दकोष एम्स संस्थान के पुस्तकालयाध्यक्ष संदीप सिंह को भेंट किया गया, जिसे केंद्रीय पुस्तकालय में रखा जाएगा। जिससे हिन्दी भाषा में रुचि रखने वाले मातृभाषा प्रेमी हिन्दी के शब्दों के बारे में अधिकाधिक जानकारी प्राप्त कर सकें और सभी अधिकारी,कर्मचारी,विद्यार्थी इस शब्दकोष का उपयोग कर सकें। कार्यक्रम के समापन अवसर पर ऐम्स निदेशक द्वारा विजेताओं को वर्चुअल माध्यम के जरिए पुरस्कार वितरित किए गए। तथा वर्षभर हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

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डीएम पौडी़ गढवाल ने ग्राम सभा पैडूल में फसल धान क्राफ्ट कटिंग प्रयोग का स्थलीय निरीक्षण किया।

जनपद पौड़ी गढवाल के जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने आज जनपद के ग्राम सभा पैडूल में फसल धान क्राफ्ट कटिंग प्रयोग का स्थलीय निरीक्षण कर धान की फसल उत्पादकता का आंकड़ा प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी में फसल धान पर कुल 85 ग्राम सभाओं में क्राफ्ट कटिंग प्रयोग नियोजित किये

गये है। इनसे प्राप्त आंकड़े के माध्यम से फसल बीमा योजनाओं एवं विभिन्न योजनाओं हेतु डाटा बेस तैयार किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि लाॅक डाउन के बाद क्षेत्र में बंजर पड़े खेतों में काश्त तेजी से आबाद हो रही है। बाहर से आये प्रवासियों काश्तकारों को संबंधित विभागों के माध्यम कृषि से संबंधित हर सम्भव मदद दी जा रही है। कहा कि कृषि विभाग द्वारा गत तीन माह के भीतर सबसे अधिक मात्रा में काश्तकारों को बीज वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कृृषि के क्षेत्र में सभी काश्तकार बेहतर कार्य कर रहे हैं।
इस मौके पर ग्राम प्रधान सुश्री ज्योति ने जिलाधिकारी के ग्राम सभा पैडूल आगमन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए ग्राम सभा की ओर से धन्यावाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के दिशा-निर्देशन पर कृषि एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में लोग बढ़-चढ़कर कार्य कर रहे हंै, जो कि क्षेत्र मंे पहली बार देखने को मिल रहा है तथा लोग अपने काश्त की ओर लौट रहे हैं, जिसमें जिलाधिकारी संबंधित विभागों के माध्यम से लोगों को हर सम्भव मदद मुहैया करा रहे हैं।
इस अवसर पर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संजय शर्मा, अपर संाख्यिकी अधिकारी भूलेख रवीन्द्र चैहान, राजस्व उप निरीक्षक कैलाश रवि, संजय रावत सहित संबंधित कार्मिक व काश्तकार मौजूद थे।

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