श्रीमती रेखा आर्या राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) ने अपने विभाग की केन्द्र एवं राज्य द्वारा पोषित योजनाओं की समीक्षा की।#एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल एवरनैस वीक के अंतर्गत व्याख्यानमाला#पलायनआयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के सम्बन्ध में चमोली के लोगों के विचार जाने।पढिए Janswar.Com में।

श्रीमती रेखा आर्या राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की केन्द्र एवं राज्य द्वारा पोषित योजनाओं की समीक्षा की।

देहरादून: प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की केन्द्र पोषित एवं राज्य द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।
महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ने महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं रोजगार से सम्बन्धित विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार की ओर से शुरू की जाने वाली नवीन योजनाएं मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल संजीवनी योजना तथा किशोरियों के लिए प्रस्तावित योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने वर्षवार तथा जिलावार तुलनात्मक प्रगति के साथ योजनाओं का विवरण तैयार किये जाने के निर्देश दिये। उन्होने बच्चों के पोषण के लिए संचालित आॅचल अमृत योजना तथा नन्दा गौरा योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होने महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए महिला स्वंय सहायता समूह को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। उन्होने उत्तराखण्ड में लिंगानुपात में सुधार पर सन्तोष प्रकट करते हुए लिंग चयन की रोकथाम के लिए अपने अधीनस्थ तैनात सुपरवाईजरों तथा आंगनवाडी कार्यकत्रियों के माध्यम से जागरूकता बढाने के निर्देश दिये।
उन्होने विवरण में केन्द्र पोषित योजनाओं का अंशदान का अनुपात भी दर्शाने के निर्देश दिये। महिला शक्ति केन्द्र योजना की समीक्षा के दौरान बाल विकास मंत्री द्वारा योजना में लाभान्वित 39 लाभार्थियो के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने विभाग द्वारा संचालित आई0सी0डी0एस0 योजना में बच्चो को दिये जाने वाले अनुपूरक पोषाहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जाॅच, तथा रेफरल सेवाओं का प्रगति रिपोर्ट में विस्तार से उल्लेख करने के निर्देश दिये तथा अब तक हुई प्रगति को आकड़ों में दर्शाने के निर्देश दिये।
उन्होने सचिव, महिला एवं बाल विकास को पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले बाल विकास परियोजा अधिकारी के रिक्त पदों को शीध्र भरे जाने हेतु कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। आंगनवाडी केन्द्रो में पेयजल एवं शौचालय सुविधा की समीक्षा के दौरान मंत्री के संज्ञान में लाया गया कि वर्तमान में 15621 अंागनवाडी केन्द्रो में पेयजल सुविधा तथा 15037 आंगनवाडी केन्द्रो में शौचालय सुविधा विद्यमान है। मंत्री द्वारा अवशेष 4396 आंगनवाडी केन्द्रो में पेयजल एवं अवशेष 4980 आंगनवाडी केन्द्रो में शौचालय सुविधा जल जीवन मिशन योजना से शीध्र आच्छादित करने के निर्देश दिये गये।
आंगनवाडी भवनों की समीक्षा के दौरान मंत्री द्वारा 2019-20 में स्वीकृत 1608 केन्द्रो को जारी किये गये धनराशि का तेजी से उपयोग करने के निर्देश दिये गये। समीक्षा के दौरान बताया गया कि 3470 आंगनवाडी केन्द्र अपने भवन में चल रहे है तथा वर्ष 2019-20 में स्वीकृति 130 आंगनवाडी केन्द्रो के लिए राज्य सरकार द्वारा 1.50 लाख रूपये प्रति भवन स्वीकृत किया जा चुका है। मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, नन्दा गौरा योजना,की भी विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि नन्दा गौरा योजना के अन्तर्गत 23182 बालिकाओं को सात चरण तथा 20901 बालिकाओ को दो चरण में लाभान्वित किया गया। जिसमें अब तक 9852.60 लाख रूपये की धनराशि उपयोग किया गया।

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वन स्टाॅप सेन्टर योजना में एकल खिड़की प्रणाली के अन्तर्गत पीडित महिलाओं को आवश्यक सेवाएं, सहायता, सुरक्षा, एवं संरक्षण प्रदान कर उनके पुनर्वास हेतु आश्रय, चिकित्सा, कानूनी सलाहकार सुविधा देने के बारे में विस्तार से मंत्री द्वारा जानकारी प्राप्त की गई।
महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री द्वारा निर्भया फण्ड योजना, कामकाजी महिलाओ के छात्रावास निर्माण, महिला शक्ति केन्द्र योजना, महिला समेकित विकास योजना की विस्तार से अद्यतन समीक्षा की गई। उन्होने सखी महिला ई-रिक्शा वितरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए पौडी आदि जनपदों में जहाॅ यह योजना संभव नही है, में स्वीकृत धन को अन्य योजना से लाभार्थियो को लाभान्वित करने के निर्देश दिये है।
मंत्री द्वारा तीलू रौतेली पुरस्कार,Scheme For Adolescent Girls, सेनेटरी नैपकिन योजना की भी विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में महिला कल्याण एवं बाल विकास, प्रभारी सचिव, श्री हरिचन्द्र सेमवाल, संयुक्त सचिव, लक्ष्मण सिंह, वित्त नियंत्रक, श्री संजीव कुमार, मुख्य परीवीक्षा अधिकारी, श्री मोहित चैधरी, उप निदेशक, एस के सिंह, तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी अंजना गुप्ता सहित समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थिति थे।


एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल एवरनैस वीक के अंतर्गत व्याख्यानमाला

अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल एवरनैस वीक के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न सर्जरी एवं सामान्य चिकित्सा विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल के लिए निर्धारित मानकों का खयाल रखने पर जोर दिया। व्याख्यानमाला के माध्यम से उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी बीमारी में बिना विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग नहीं करें, ऐसा करने पर एंटीबायोटिक जीवन को संकट में डाल सकता है।

जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष एडिशनल प्रोफेसर मीनाक्षी धर ने बताया कि एंटीबायोटिक का उपयोग किसी भी छोटी बीमारी के लिए नहीं होना चाहिए।इनके उपयेग से पहले विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह अवश्य लेनी चाहिए ।न्यूरो सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डा. रजनीश कुमार अरोड़ा ने बताया कि हमारे डिपार्टमेंट में एंटीबायोटिक के कम से कम उपयोग में लाने का प्रयास किया जाता है। सामान्य बीमारियों में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि पहले रोग की संपूर्ण जांच करानी चाहिए। एंटीबायोटिक देने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे निर्धारित समयविधि तक ही दिया जाना चाहिए।कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भानु दुग्गल ने कहा कि कोविड19 को लेकर उपयोग में लाए जाने वाले एंटीबायोटिक पर जानकारी दी। बताया कि कोविड के 80 फीसदी लोग वायरल वायरस से ग्रसित हैं, वैक्टिरिया से नहीं। जबकि 6 से 7 फीसदी मरीजों में ही वैक्टिरिया का संक्रमण पाया जाता है, चिकित्सक को वैक्टिरिया वाले पेशेंट को ही एंटीबायोटिक देनी चाहिए सामान्य वायरल से ग्रसित मरीजों को नहीं।
बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष एंड एडिशनल प्रोफेसर डा. विशाल मागो ने बताया कि एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ठीक प्रकार से नहीं हो रहा है, जो भी एंटीबायोटिक ली जानी चाहिए वह चिकित्सक की सलाह पर ही ली जानी चाहिए। नेफ्रोलॉजी विभाग के असिस्टेंड प्रोफेसर डा. गौरव शेखर शर्मा ने बताया कि गुर्दे की बीमारियों में बहुत अधिक एंटीबायोटिक देने से हमारे गुर्दों पर दुष्प्रभाव पड़ता है।इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक डॉ. पीके पंडा, डीन कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रोफेसर सुरेश कुमार शर्मा,असिस्टेंट प्रोफेसर मनीष शर्मा, डॉ. राखी मिश्रा, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ट्यूटर मिस प्रिया शर्मा, मिस हेमलता आदि मौजूद थे।


पलायनआयोग के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के सम्बन्ध में चमोली के लोगों के विचार जाने।

देहरादून:पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के सम्बन्ध में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं योजनाओं के विषयगत प्रशिक्षण आदि की रूप रेखा निर्धारित करने हेतु गठित समिति के सदस्यों ने जनपद चमोली के विकासखण्ड गैरसैंण, कर्णप्रयाग, थराली, देवाल आदि के लोगो से सम्पर्क कर उनके सुझाव व विचार जाने।
उन्होंने बताया कि गैरसैंण में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये स्थानीय लोगो में काफी उत्साह देखा गया। क्षेत्र के लोगो का कहना है कि कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीकि दक्षता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त होने से लोगो को इन व्यवसायों से जुड़ने में मदद मिलेगी तथा अधिक से अधिक लोग इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिये आगे आयेंगे।

ज्ञातव्य है कि गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं एवं जल्द क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र के निर्देश पर ग्राम्य विकास पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह एवं निदेशक कौशल विकास डॉ. आर राजेश कुमार की समिति गठित कर इससे सम्बन्धित रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये थे।

पौड़ी: राज्य सरकार के कार्मिकों एवं पेंशनरों हेतु लागू राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) के अन्तर्गत समस्त कार्मिकों, पेंशनरों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों का (SGHS)  कार्ड बनाये जाने संबंधी कार्य 18 नवम्बर, 2020 से प्रारम्भ हो चुका है।

इस आशय की जानकारी देते हुए कोषाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल प्रवीण बडोनी ने बताया कि कतिपय आहरण-वितरण अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्मिकों का डाटा IFMS पोर्टल पर आतिथि तक आॅनलाइन सत्यापन (Approval) नहीं किया है। उन्होंने जनपद के समस्त आहरण-वितरण अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष को अपने अधीनस्थ सभी कार्मिकों का डाटा IFMS पोर्टल पर अपलोड तथा सत्यापन (Approval) कराने हेतु पत्र जारी किया।

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