- गांवों में रह रहे बुजुर्गों की चिंता करते हुए मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन की व्यवस्था ग्राम स्तर तक करने के निर्देश दिए।
- टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रिटमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड, शतप्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन करने वाला राज्य बने। इसके लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने गांवों में रह रहे वृद्धजनों की विशेष चिंता करते हुए कहा कि ग्राम स्तर तक वैक्सीनेशन की पूरी व्यवस्था की जाए। इसमें किसी तरह की ढ़िलाई न बरती जाए। वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रिटमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने आदि बातों के प्रति जनजागरूकता के लिए फिर से अभियान चलाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों और पर्यटकों को शालीन व्यवहार में समझाया जाए कि कोविड के प्रोटोकोल का पालन करें। अधिक से अधिक टेस्ट करने हैं और डेथ रेट को कम करना है। इसके लिए बेस्ट ट्रीटमेंट प्रोटोकोल का पालन किया जाए। कोविड से होने वाली हर डेथ की आडिट की जाए। समाज के प्रतिष्ठित लोगों के माध्यम से लोगों से कोविड के नियमों का पालन करने की अपील की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो बातों पर विशेष ध्यान दिया जाए। सबको मास्क पहनाना है और सबका वैक्सीनेशन कराना है। वैक्सीनेशन के काम में तेजी लाने के साथ ही इसे ग्राम स्तर तक ले जाना है। विशेषतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों में बुजुर्ग रहते हैं। वे टीका के लिए आ नहीं सकते है। हमें ही उनके पास जाना है। इसके लिए सारी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्हें सूचित किया जाए कि किस दिनांक को उनके यहां वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके लिए प्रचार प्रसार किया जाए। यह एक बड़ी चुनौति है, परंतु हमें इसे करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के दृष्टिगत हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले विशेष तैयारी करें। अधिक से अधिक टैस्टिंग की जाए। बोर्डर पर स्थापित किए जाने वाले चेकिंग स्थलों पर रूकने, पानी, शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो। टेस्टिंग खास तौर पर आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने हैं। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। हरिद्वार को 20 करोड़ रूपए जबकि अन्य जिलों को 5-5 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। जो लोग मास्क न लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग न रखें, उनका चालान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आईसोलेशन में रहने वाले कोविड संक्रमित व्यक्ति सारे नियमों का पालन करें। होम आईसोलेशन में रहने वाले लोग, इधर उधर घूमते हुए पाए जाएं तो कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के 88 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन करने पर उत्तरकाशी जिला प्रशासन की प्रशंसा की और अन्य जिलों से इससे सीख लेने को कहा। उन्होंने कहा कि सेम्पिलिंग के लिए प्राईवेट लेब का भी सहयोग लिया जाए।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कहा कि आगामी यात्रा सीजन को देखते हुए विशेष तैयारी करनी होगी। यात्रा मार्गों और पर्यटक स्थलों में विशेष ध्यान दिया जाए। यहां कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन कराया जाए। हरिद्वार में टेस्टिंग के लिए टीमें बढ़ाई जाएं। जहां तक हो सके माइक्रों कन्टेंनमेंट जोन बनाए जाएं। जरूरी होने पर ही बड़े कन्टेंन्टमेंट जोन बनाए जाएं।
सचिव श्री अमित नेगी ने बताया कि पूरे देश में कोविड के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उत्तराखण्ड में भी मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें कोविड संक्रमण को भी रोकना है और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित नहीं होने देना है। इसके लिए बहुत ऐहतियात से काम करना होगा। उत्तराखण्ड में वर्तमान में जनसंख्या का 24.75 प्रतिशत टैस्टिंग दर है जबकि भारत के लिए 18.41 प्रतिशत है। पॉजिटीवीटी दर उत्तराखण्ड में 3.66 प्रतिशत है जबकि भारत में यह 4.99 प्रतिशत है। परंतु हमारी मृत्यु दर भारत के औसत से कुछ अधिक है। हमें इस ओर विशेष ध्यान देना है। आक्सीजन सप्लाई पर विशेष ध्यान देना है। हालांकि हमारे यहां यह पर्याप्त है। राज्य में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड आदि पर्याप्त मात्रा में हैं। 60 वर्ष से अधिक उम्र के 40 प्रतिशत से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है।
इस अवसर पर डीजीपी श्री अशोक कुमार, आयुक्त कुमायूं श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, सभी जिलाधिकारी और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोट पौड़ी, तथा सबदरखाल में स्थापित कोविड 19 सैंपलिंग चैकी का स्थलीय निरीक्षण किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोट में उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत जानकारी ली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोट द्वारा 30 विभिन्न स्थलों पर अब तक 1900 से अधिक लोगों को टीकाकरण किया गया। जिनमें 250 के करीब हेल्थ वर्कर शामिल हैं। आज से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीनेशन ध् टीकाकरण का कार्य का शुभारंभ किया गया। अस्पताल परिसर पहुंच हेतु 200 मीटर के संपर्क मार्ग तथा डॉक्टर निवास भवन की जीर्णोद्धार की मांग को लेकर , जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए डीपीआर बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अस्पताल में पहुंचे लोगों को मास्क लगाने तथा नियमित सेनिटाइज का प्रयोग करने को कहा। साथ ही उन्होंने अस्पताल द्वारा मुहैया सुविधा के बारे में भी जानकारी ली।
आज शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ जोगदण्डे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोट में चिकित्सा परिसर का निरीक्षण करते हुए, चिकित्सालय पहुंचे जहां उन्होंने वैक्सीनेशन कार्य सहित अन्य गतिविधियों का गहनता से निरीक्षण किया। पंजीकरण कक्ष से अब तक हुई टीकाकरण की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने वेटिंग कक्ष, वैक्सीनेशनध् टीका लगाने के कार्य का अवलोकन किया। ऑब्जरवेशन कक्ष में बैठे टीका लगा चुके लोगों से बात चीत की, साथ ही उन्होंने कहा कि अपने आसपास के लोगों को भी टीका लगाने के लिए जागरूक करे, कहा कि टीका से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। टीका लगाने से हमें कोरोना से सुरक्षा प्रदान होगी, इसके अलावा हमें सावधानी भी बरतने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने औषधि वितरण कक्ष का निरीक्षण करते हुए उपलब्ध दवाइयों के बारे में जानकारी ली तथा कुत्तों के काटने पर, उपलब्धि इंजेक्शन के बारे में भी जानकारी ली। जिस पर संबंधित फार्मा अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में 6 इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध है, कुछ दवाइयां नहीं होने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दवाई मुहैया कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके उपरांत उन्होंने दंत शल्य कक्ष, ओपीडी कक्ष, चिकित्सा अधिकारी कक्ष, गायानी आदि कक्ष सहित वार्डों का निरीक्षण किया। अस्पताल में सफाई व्यवस्था सुव्यवस्थित होने पर जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल परिसर, वार्ड एवं कक्षों में इसी तरह साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखेंगे। उन्होंने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि अस्पताल परिसर में फुलवारी आदि विकसित करें, साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि शीघ्र ही अस्पताल परिसर में आंख से संबंधित रोग का भव्य शिविर लगाना सुनिश्चित करें। कहा कि शिविर के आयोजन से आंख से पीड़ित लोगों को स्थानीय स्तर पर ही लाभान्वित मिल सके । जिलाधिकारी ने उक्त शिविर में निरीक्षण हेतु शिरकत करने की बात कही।
इसके उपरांत जिलाधिकारी डॉ जोगदण्डे सबदरखाल पहुंचे जहां उन्होंने बाहर से आ रहे लोगों की कोरोना सेंपलिंग चैकी का स्थलीय निरीक्षण किया। उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए तैनात कार्मिक द्वारा सुविधा मुहैया कराने की मांग पर उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारी एवं डॉक्टर को उपयुक्त स्थान चिन्हित करने तथा आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जिससे कि बाहर से आने वाले लोगों की सैंपल लेने में सुगम सुविधा मिल सके। उन्होंने कोरोना सैंपलिंग चैकी पर प्रतिदिन बाहर आने वाले लोगों के सैंपल लेने की जानकारी ली। जिस पर बताया गया प्रतिदिन बाहर से आने वाले करीब 300 से अधिक लोगों का सैंपलिंग लिया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज शर्मा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक तोमर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।