समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्रप्रसाद रतूड़ी

मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रमुखों को दिये प्रदेश की आर्थिकी में सुधार के निर्देश।
राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिये गठित उच्च स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष ने सौंपी मुख्यमंत्री को अन्तरिम रिपोर्ट।
सोमवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर मंथन किया। इस अवसर पर राज्य की आर्थिकी में सुधार लाने तथा आजीविका के संसाधनों में वृद्धि के लिये गठित उच्च स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष श्री इंदु कुमार पाण्डे ने अन्तरिम रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को सौंपी। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कोविड-19 के दृष्टिगत उत्पन्न स्थिति के कारण विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों पर उनके द्वारा विभिन्न संस्थानों, उद्यमियों से इस सम्बन्ध में सुझाव प्राप्त करने के साथ ही विभिन्न राज्यों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
श्री पाण्डे ने कहा कि प्रदेश की माइक्रो इकोनामी को रिवाइव करने की जरूरत है, इसके लिये बैंको को सहयोगी बनाना होगा। स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन, राज्य में होने वाले माईग्रेशन से उत्पन्न स्थिति के मध्य नजर उद्योगों की स्थिति के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों पर सेक्टरवार एनालिसिस पर ध्यान देने पर उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में प्रदेश के पर्यटन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। इससे सम्बंधित उद्योग बड़ी संख्या में प्रभावित हुए हैं, भविष्य में इन्हें कैसे मजबूती प्रदान की जाए इस पर चिन्तन जरूरी है। इसके लिए उन्होंने शार्ट टर्म, मीडियम टर्म एवं लॉन्ग टर्म की योजनाओं का स्थानीयता को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन किया जाना होगा। उन्होंने जिले से लेकर ब्लाक स्तर तक सेक्टरवार स्थिति के आकलन के लिये भी जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी देने को कहा। उन्होंने कहा कि आगामी माहों में राज्य की आर्थिकी की स्थिति का रूझान स्पष्ट हो पायेगा इसके लिये सभी क्षेत्रों की स्थिति पर गहनता से ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बतायी।
औद्योगिक उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभावों, श्रमिक समस्याओं, संसाधनों की कमी के दृष्टिगत आर्थिकी के नये स्रोतों पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये स्पेशल डेवलपमेंट प्लान भी तैयार किया जाना चाहिए। व्यय पर प्रभावी नियंत्रण के साथ ही एस.डी.आर.एफ का स्कोप बढ़ाये जाने, हर जिले में उत्पादों के कलस्टर तैयार करने की भी बात उन्होंने कही।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की आर्थिकी के लिये समेकित प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण राज्य के अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों को केन्द्र की गाइडलाइन के अंतर्गत वापस लाया जायेगा। पहले उन लोगों को लाया जायेगा जो न घर में हैं और न कार्य स्थल पर। इसके लिये यहां पर उनकी सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेश के जो लोग राज्य में रूके हैं उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के तहत 600 कि.मी सड़क का निर्माण दिसम्बर तक पूर्ण हो जायेगा। इससे राज्य को जीएसटी में 400 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि खनन की प्रक्रिया भी गतिमान है। प्रमुख सचिव श्री आनंदवर्धन ने कहा कि एक्साइज पर सेस व मेडिसिन प्लांट के कृषिकरण से आय के संसाधन बढ़ाये जा सकते हैं।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में 3,500 उद्योगों को अनुमति प्रदान कर दी गई है। फूड प्रोसेसिंग वाले उद्योगों में उत्पादन आरम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि आजीविका सुधार से सम्बंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सचिव कृषि श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि गेहूं किसानों को गेहूं का भुगतान समय पर किया जा रहा है। परम्परागत उत्पादों की मार्केटिंग की सप्लाई चेन की मजबूती पर ध्यान देने के साथ ही इसकी मानिटरिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए इम्पावर्ड कमेटी बनाई जाए। उद्योग व वाणिज्यिक संस्थानों को सहयोग देकर आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने कहा की प्रदेश में उद्योग एवं वाणिज्य प्रतिष्ठानों को विद्युत बिलों में राहत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि चार धाम यात्रा का व्यवसाय लगभग 2000 करोड़ का होता है, उन्होंने कहा कि पहाड़ के जिलों में यदि यात्रा में छूट दी जाए तो स्थानीय लोग अपना व्यवसाय आदि खोल सकते हैं। उन्होंने शार्ट टर्म रिलीफ के साथ सभी विभागों से इस क्षेत्र के रिवाइवल पर सहयोग की बात कही।
सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या ने कहा कि सभी जनपदों में रजिस्ट्री कार्यालय खोलने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक में सचिव वित्त श्री अमित नेगी ने राज्य की वित्तीय स्थिति का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने आय के प्रस्तावित संसाधनों की भी जानकारी दी। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी एवं सचिव आईटी श्री आर.के सुधांशु ने भी अपने सुझाव रखे।
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उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत भवन एवं अन्य सन्निर्माण गतिविधियों से जुडे श्रमिक पंजीकृत हैं। उक्त श्रमिक विभिन्न कार्यों जैसे राज मिस्त्री, प्लम्बर, बिजली मैकेनिक, सडक निर्माण आदि निर्माण कार्यों से जुड़े हैं । कोविड 19 महामारी के कारण लागू देश व्यापी लाकडाऊन में प्रति लॉकडाऊन के हिसाब से रू0 1000/- (रू0 एक हजार मात्र) प्रति पंजीकृत श्रमिक के हिसाब से लॉकडाऊन के प्रथम चरण में कुल 1,97,736 व्यक्ति इसमें लाभ प्राप्त कर चुके हैं, जिन्हें उक्त धनराशि बैंक के द्वारा उनके खातों के माध्यम से उपलब्ध करायी गई है और द्वितीय चरण में अब तक 1,80697 श्रमिकों को उक्त सहायता उपलब्ध करायी जा चुकी है। शेष को शीघ्र भुगतान कर दिया जायेगा ।
फैक्ट्री अधिनियम के अन्तर्गत अतिकाल (ओवरटाईम का प्राविधान) शिथिल
कारखाना अधिनियम के प्राविधानों को शिथिल करते हुए ओवर टाईम अर्थात कार्य के घण्टों को बढ़ाने की अनुमति शासन द्वारा दे दी गई है । इस बढ़ी हुई अनुमति के अनुसार प्रतिदिन चार घण्टे का काम लिया जा सकेगा यानि आठ के स्थान पर 12 घण्टे का काम लिया जा सकेगा सोशल डिस्टेंसिंग के दृष्टिगत पूर्व में यह अवधि 11 घण्टे निर्धारित की गई थी और 01 घण्टे का गैप किया गया था। परन्तु कन्टीन्यूअस प्रोसेस फ्लो वाले उद्योगों को इसके अनुपालन में आ रही कठिनाई के क्रम में उद्योग जगत से प्राप्त प्रतिवेदन क्रम में कार्य की अवधि 12-12 घण्टे की दो शिफ्ट में कर दी गई है फिर भी यह हिदायत है कि कारखानेदार इस चेन्जओवर में सोशल डिस्टेंसिंग के नॉमर्स का पूर्ण रूप से अनुपालन सुनिश्चित करवाएंगे।
—————————————————-मंगलवार को मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया ब्रींफग करते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति, लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में कोविड-19 के दृष्टिगत विकसित स्वास्थ्य अवस्थापना सुविधाओं, केंद्र सरकार की गाईडलाईन के तहत दूसरे राज्यों से लाए गए उत्तराखण्ड के लोगों के बारे में जानकारी दी।
उत्तराखण्ड में कोरोना की डबलिंग रेट 40 दिन, 65 प्रतिशत रिकवरी दर
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में अभी तक 61 कोराना पॉजिटीव केस रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें से 39 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। इस प्रकार वर्तमान में एक्टीव केस 21 हैं। हमारी डबलिंग रेट लगभग 40 दिन है। प्रदेश में रिकवरी दर 65 प्रतिशत है। इस हिसाब से उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में है।
कोराना संक्रमण शुरू होने के बाद प्रदेश में 4 टेस्टिंग लेब शुरू
मार्च में हमारे यहां कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी। अब राज्य में 4 टेस्टिंग लेब हैं। इनकी प्रतिदिन टेस्टिंग क्षमता 500 के करीब है। मुख्य सचिव ने बताया कि इमरजेंसी सेवा 108 का रेस्पांस टाईम, ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक वर्ष में 32 मिनिट से घटकर 27 मिनिट और शहरी क्षेत्रों में 25 मिनिट से घटकर 15 मिनिट हो गया है। अर्थात हमारी 108 सेवा में सुधार हुआ है।
अस्पतालों में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर व बाईपेप की संख्या में वृद्धि
आज मुख्यमंत्री जी द्वारा बहुत से सरकारी अस्पतालों व जिला अस्पतालों में आईसीयू बेड, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन सप्लाई के लिए जरूरी बाईपेप मशीन की सुविधा शुरू की गई है। इनमें मेला अस्पताल, हरिद्वार में 10 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर व 4 बाईपेप, कम्बाईंड अस्पताल रूड़की में 10 आईसीयू बेड, 01 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, बीडी पाण्डे अस्पताल,नैनीताल में 04 आईसीयू बेड, 01 वेंटिलेटर, 01 बाईपेप, माधव आश्रम अस्पताल, रूद्रप्रयाग में 06 आईसीयू बेड, 04 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, जिला अस्पताल, चमोली में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 05 बाईपेप, जिला अस्पताल चम्पावत में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 02 बाईपेप, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ में 06 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर 01 बाईपेप, जिला अस्पताल पौड़ी में 04 आईसीयू बेड, 01 वेंटिलेटर, 01 बाईपेप, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में 10 आईसीयू बेड, 03 वेंटिलेटर, 01 बाईपेप, और दून मेडिकल कॉलेज में 30 आईसीयू बेड जोड़े गए हैं।
लॉकडाउन-3 में आम जन पहले की तरह ही धैर्य व संयम का परिचय दें
मुख्य सचिव ने कहा कि लॉक डाउन के सख्ती से पालन करने से हम प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफल रहे। इस दौरान हमने प्रदेश में स्वास्थ्यगत अवस्थापनात्मक सुविधाएं भी विकसित की। लॉकडाउन के दो चरणों में आम जन का काफी सहयोग रहा है। लॉकडाउन 3 में केंद्र सरकार की गाईडलाईन के अनुरूप कई प्रकार की छूट दी गईं। कुछ स्थानों पर भीड़ दिखाई दी। आम जन से निवेदन है कि ये छूटें बनी रहें, इसके लिए जरूरी है कि जो संयम और धैर्य लॉकडाउन के पहले दो चरणों में बनाए रखा, उसे कायम रखें। दूसरों से आवश्यक डिस्टेंस रखें, अनावश्यक भीड़ भाड़ न करें। सरकार ये व्यवस्था बनाए रखना चाहती है। परंतु इसके लिए लोगों को भी सहयोग करना होगा।
4483 उद्योगों को अनुमति, 85 हजार को मिलेगा काम
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 4483 उद्योगों को अनुमति दी गई है। इनमें लगभग 85 हजार कार्मिक कार्य करेंगे। तमाम तरह की सावधानियां बरतते हुए बहुत से उद्योगों ने काम भी शुरू कर दिया है। पर्वतीय जिलों में भी बहुत से उद्योगों को अनुमति दी गई। कन्टीन्यूस प्रोसेस वाले उद्योगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को पूरा करने की शर्तों के साथ 12-12 घंटे की शिफ्ट की अनुमति दी गई है।
मनरेगा के 7311 काम शुरू, 85231 श्रमिक कर रहे हैं काम
भारत सरकार द्वारा मनरेगा में दी गई शिथिलता का लाभ लेते हुए 7311 कार्य प्रारम्भ किए गए हैं। इसमें 85231 श्रमिक काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा का काम शुरू हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम तरह की आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं। धीरे-धीरे हम सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं।
आंगनबाड़ी से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छोटे बच्चों को डोर टू स्टेप राशन
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में धात्री माताओं, गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों के लिए टेक होम राशन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा घर पर ही पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इनमें 20067 आंगनबाड़ी केंद्रों से 1 लाख 70 हजार गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं और 6 लाख 20 हजार छोटे बच्चों को घर पर ही टेक होम राशन दिया जाएगा।
गेहूं खरीद पर किसानों को 30 करोड़ रूपए का किया गया भुगतान
किसानों से गेहू खरीद का काम भी तेजी से चल रहा है। अभी तक 1 लाख 69 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। किसानों को 48 घंटे के भीतर ही भुगतान किया जा रहा है। अभी तक 30 करोड़ से अधिक धनराशि का भुगतान समयसीमा में किया जा चुका है। आगे भी ये प्रक्रिया चलती रहेगी।
अभी तक 5669 बाहर फंसे लोगों को उत्तराखण्ड लाया गया
प्रदेश के बाहर रह रहे लगभग 1 लाख 30 हजार प्रवासियों ने उत्तराखण्ड लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। 30 हजार के करीब ऐसे भी लोगों ने पंजीकरण किया है, जो कि दूसरे राज्यों के हैं और उत्तराखण्ड से अपने राज्य में जाना चाहते हैं। अभी तक 5669 उत्तराखण्ड के बाहर फंसे लोगों को राज्य में लाए हैं। ये प्रक्रिया चलती रहेगी। सभी राज्यों से समन्वय किया गया है। लोगों से आग्रह है कि धैर्य बनाए रखें क्योंकि पूरी प्रक्रिया काफी सावधानी के साथ की जानी है। राज्य के भीतर ही लगभग 07 हजार लोगों को अपने जिले में भेजा गया है। ग्राम प्रधानों ने बहुत जिम्मेदारी से काम किया है, इसी का परिणाम है कि हमारे ग्रामीण अंचल कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं। बाहर से आने वाले लोग होम क्वारेंटीन का पूरा पालन करें, इसके लिए ग्राम प्रधानों को डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट में कुछ अधिकार दिए गए हैं।
अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मिलेगा मानकों के अनुरूप मुआवजा
हाल ही में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे चल रहा है। इसमें मानकों के अनुसार प्रभावितों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। हॉर्टीकल्चर में नुकसान पर भी मानकों के अनुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में सुधार के लिए मंत्रिमण्डलीय उप समिति गठित
कृषि, बागवानी, डेरी, मत्स्य आदि संबंधित क्षेत्रों में सुधार के लिए कृषि एवं उद्यान मंत्री श्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक मंत्रीमण्डलीय उप समिति गठित की गई है। इसमें महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डा.धन सिंह रावत, मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण विभाग को सदस्य नामित किया गया है।