-अरुणाभ रतूड़ी
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल की 24वीं बैठक की अध्यक्षता की
Posted Date:- Sep 03, 2021
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां फाइनेंशियल स्टैबिलिटी (एफएसडीसी) की 24वीं बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में एमओएस (वित्त) डॉ. भागवत किशनराव कराड; एमओएस (वित्त) श्री पंकज चौधरी; भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास; व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव व सचिव, डॉ. टी. वी. सोमनाथन; आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री अजय सेठ; राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री तरुण बजाज; वित्त सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री देबाशिष पांडा; कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव श्री राजेश वर्मा; मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय डॉ. कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन; भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के चेयरपर्सन श्री अजय त्यागी; पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के चेयरपर्सन श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय; भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड के चेयरपर्सन डॉ. एम. एस. साहू; अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के चेयरमैन श्री इंजेती श्रीनिवास; भारती बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के सदस्य (गैर जीवन) सुश्री टी. एल. अलामेलु; और एफएसडीसी, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव आदि मौजूद रहे।
बैठक में एफएसडीसी के विभिन्न क्षेत्रों वित्तीय स्थायित्व, वित्तीय क्षेत्र विकास, अंतर नियामकीय समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन और अर्थव्यवस्था के व्यापक विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण सहित बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज आदि पर विचार-विमर्श किया गया।
गौरतलब है कि सरकार और सभी नियामकों द्वारा वित्तीय स्थितियों पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता है।
परिषद ने संकट में फंसी संपदाओं के प्रबंधन, वित्तीय स्थायित्व विश्लेषण, वित्तीय समावेशन, वित्तीय संस्थानों के समाधान के लिए फ्रेमवर्क और आईबीसी प्रक्रियाओं से जुड़े मुद्दों, विभिन्न सेक्टरों और सरकार को बैंक का एक्सपोजर, सरकारी प्राधिकरणों का डाटा शेयरिंग मेकैनिज्म, भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण और पेंशन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
परिषद ने आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप समिति द्वारा कराई गई गतिविधियों और एफएसडीसी के पुराने फैसलों पर सदस्यों द्वारा उठाए गए कदम पर भी विचार किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। श्रीनगर नगरपालिका क्षेत्र का विस्तार करते हुए नगर निगम बनाए जाने तथा राजकीय इन्टर कॉलेज, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज श्रीनगर में स्मार्ट क्लासेस शुरू करने की घोषणा की गई। इसके साथ ही पंचपीपल से श्रीनगर तक बाईपास को डबल लेन चौड़ीकरण निर्माण कार्य किये जाने, पौड़ी बस अड्डे से एजेंसी मोहल्ला एवं पौड़ी चुंगी से पौड़ी बस अड्डे तक 11 केवी विद्युत लाइन तथा 33 केवी उप संस्थान नर्सरी रोड़ श्रीनगर से नैथाणा पुल 33 केवी विद्युत लाइन को भूमिगत करने का कार्य किया जायेगा। श्रीनगर नगर निगम के अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु धनराशि प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही श्रीनगर में पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चौबट्टाखाल सतपुली में झील निर्माण की स्वीकृति, विकासखण्ड बीरौंखाल राजकीय पॉलीटैक्निक में मैक्निक, इलैक्टोनिक एवं फार्मेसी के नये ट्रेड खोलने, विकास खण्ड पोखडा के अन्तर्गत राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल में स्ववित्त पोषित बीएड व स्नातकोत्तर कक्षाएं खोलने की स्वीकृति, हिन्दी, राजनीतिक विज्ञान व भूगोल विषयों के साथ प्रदान की जायेगी। कहा कि एकेश्वर विकासखण्ड में राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय किर्खू का उच्चीकरण करने तथा एलोपैथिक चिकित्सालय खुलवाने तथा राजकीय डिग्री कॉलेज बेदीखाल बीएससी की मान्यता इसी सत्र में स्वीकृति दी जायेगी। विकासखण्ड बीरौंखाल के स्यूसी में झील निर्माण की स्वीकृति, विकास खण्ड पोखड़ा के अन्तर्गत बर्सूण्ड पेयजल योजना तथा एकेश्वर विकास खण्ड के अन्तर्गत ज्वाल्पा-नौगांवखाल पंपिंग योजना की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। विकास खण्ड बीरोंखाल में राजकीय इण्टर मीडिएट कालेज बेदीखाल स्यूसी, घोड़ियाला तथा सुन्दर नगर में नये भवनो के निर्माण तथा बालिका राजकीय इण्टर कालेज बीरोंखाल भवन की स्वीकृति तथा राजकीय इण्टर कालेज बीरोंखाल में प्रयोगशाला भवन की स्वीकृति प्रदान की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्रीनगर में बड़ी तेजी से विकास हुआ है, बड़ी तेजी से काम हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में लगातार विकास का पहिया आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विकास की नीतियों के तर्ज पर ही उत्तराखंड में विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ऑल वेदर रोड़ देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि कोई सोच भी नहीं सकता था कि पहाड़ों में रेल जायेगी, आज ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर रेल लाइन को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं को चूल्हा जलाने से कई बीमारियां हो जाती थी, उससे निजात दिलाने के लिए उज्जवला गैस योजना की सौगात दी गई। उन्होंने कहा कि आज कहीं योजनाएं चलाई जा रही हैं चाहे जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना आदि कई योजनाएं है, जिनसे जनता सीधे लाभान्वित हो रही है। कहा कि हमारी सरकार ने भी कुछ संकल्प लिये हैं, प्रदेश के अन्दर तीन चीजों पर फोकस करेंगे, पहला जो भी हमारे समाने समस्या आती है, उसका सरलीकरण करेंगे, फिर समाधान कर निस्तारण करेंगे। कहा कि जनता एवं जनप्रतिनिधियों की समस्याओं की सुनवाई के लिए तहसील दिवसों की प्रक्रिया को पहले की तरह पुनः शुरू किया गया है। कहा कि समस्याओं के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण हेतु सबके उत्तरदायित्व निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रातः दस से लेकर 12 बजे तक अपने कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और निस्तारण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जो कार्य जिस अधिकारी व कर्मचारी के स्तर का है, उसे हर हाल में वही निस्तारण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से युवाओं के लिए इस बार 22 से लेकर 24 हजार पदों पर भर्ती निकाली जा रही है। जिन्हें तय समय पर पूरा करना उनकी सरकार का प्रथम लक्ष्य भी है। यही नहीं कोरोना काल के चलते सरकारी सेवाओं की अधिकतम आयु सीमा को पार करने वाले युवकों को एक साल का एक्सटेंशन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐसे युवा जो संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्री परीक्षा पास करते हैं उन्हें सरकार की ओर से 50 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही सीडीएस व एनडीए की प्री परीक्षा पास करने वालों को आगे की तैयारी के लिए संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा शुरू नहीं होने को लेकर चिंता जताई। कहा कि चारधाम यात्रा शुरू नहीं होने को लेकर इससे जुड़े पर्यटन, परिवहन होटल आदि व्यवसायियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यात्रा, पर्यटन, होटल, राफ्टिंग आदि व्यवसाय से जुड़े लोगों को 200 करोड़ की धनराशि बतौर राहत पैकेज के रूप में दी है। जिससे कि पर्यटन व चार धाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को डीबीटी के माध्यम से राहत पैकेज की धनराशि उनके खातों में पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज से अभी तक प्रदेश के 12 से 13 हजार लोग लाभान्वित भी किए जा चुके हैं। जबकि अवशेष लोगों को एक महीने के भीतर ही राहत पैकेज की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। आजीविका के क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन, महिला मंगल दलों समेत क्लस्टर के आधार पर आजीविका चलाने वाले लोगों के लिए भी 119 करोड़ का राहत पैकेज से दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशाओं, तकनीशियन, डॉक्टरों, उपकरणों आदि के लिए भी 205 करोड़ का राहत पैकेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि आशाओं की मानदेय संबंधी समस्याएं उनके संज्ञान में है। शीघ्र ही आशाओं के मानदेय में वृद्धि की जाएगी। यही नहीं सभी आशाओं को स्वास्थ्य सेवाओं को अपडेट करने के लिए एक-एक टेबलेट फोन भी मुहैया कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कोविड 19 से जान गवाने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोविड से अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों का भरण पोषण भी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए वात्सल्य योजना लागू की है। प्रदेश में गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए भी सरकार ने महालक्ष्मी किट योजना लागू की है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह ने कहा कि श्रीनगर हर दृष्टकोण से ऐतिहासिक है। उत्तराखंड राज्य आंदोलन, भारतीय स्वाधीनता आंदोलन तथा वर्तमान समय मे भी हर क्षेत्र में यहां का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। श्रीनगर में श्री यंत्र टापू घटना उत्तराखंड आंदोलन में नीव का पत्थर के रूप में माना जाता है। कहा कि उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में भी श्रीनगर का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर पहाड़ में शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। साथ ही कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं को सुनते हुए वन रेंक वन पेंशन लागू किया है।
कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत सरकारद्वारा अफगानिस्तान में लगभग 250 उत्तराखंड वासियों को वापस सुरक्षित लाया गया है। उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड बनने से लोगों को सुगमता से पहाड़ों में पहुंचा रही है। भारी बारिश से बंद हो रही सड़कों को सरकार तत्परता दिखाते हुए जल्दी ही खोल रही है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर में एनआईटी, स्टेडियम, दो पुल, 52 बेड का अस्पताल, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सहित अन्य की तस्वीर बदल रही है। श्रीनगर पहाड़ का पहला नगर निगम बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम के तत्पश्चात कमलेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया।
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष संपत सिंह रावत, विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी, विधायक लैंसडोन, दलीप सिंह रावत, विधायक पौड़ी मुकेश कोली, विधायक रूद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, जिलाध्यक्ष रूद्रप्रयाग दिनेश उनियाल, अध्यक्ष सहकारी संघ मातबर सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष पौड़ी शांति देवी, कुलदीप, राजेन्द्र अन्थवाल, नगरपालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, आयुक्त गढ़वाल मंडल श्री रविनाथ रमन, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी, मुख्य विकास अधिकारी प्रशान्त कुमार आर्य, अपर जिलाधिकारी इला गिरि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों की कोविड-19 तथा डेंगू- मलेरिया रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक लेते हुए दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में अपर सचिव श्रीमती सोनिका द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोविड-19 की वैश्विक स्तर व राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर वर्तमान स्थिति तथा प्रदेश में संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की गयी तैयारियों और सामने आ रही चुनौतियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विवरण प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात सभी जिलाधिकारियों ने अपने जनपदों की चुनौतियों और फीडबैक को साझा किया।
मुख्य सचिव ने इस दौरान निर्देश दिये कि तीसरी कोविड लहर से संबंधित जो भी तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पायी है उन्हें शीघ्रता से पूरा कर लें। वैक्सीनेशन की गति गढ़ायें तथा जिन लोगों को अभी तक कोविड वैक्सीन नहीं लग पायी है उनको फील्ड में जाकर ट्रेस करें। इसके लिये ग्राम प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और बड़े स्तर के जनप्रतिनिधियों सभी से अपेक्षित सहयोग भी ले सकते हैं ताकि कोई भी व्यक्ति प्रदेश में कोविड के टीकाकरण से वंचित ना रहने पाये। उन्होंने मच्छर जनित बीमारियों डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिये लगातार सेंसेटिव क्षेत्रों की पहचान करते हुए समय पूर्व रोकथाम के कदम उठाने और मच्छर पनपने के पूरे सीजन के दौरान लगातार विभिन्न क्षेत्रों में फॉगिंग, बेहतर साफ-सफाई, रुके हुए पानी को हटाने के लिये विभागीय स्तर पर भी तथा लोगों को इसके लिये संवेदनशील करते रहने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने इस दौरान सभी जिलाधिकारियों को जनपद की कार्यप्रणाली को सुगम, सरल और पारदर्शी बनाने के लिये बेहतर प्लान बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि इसके लिये कोई अपेक्षित सुझाव हों तो उसको भी निःसंकोच साझा करने को कहा। साथ ही उन्होंने शासन-प्रशासन को अधिक जन उपयोगी बनाने तथा लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का समुचित लाभ प्रदान करने के लिये सिविल सोसाइटी को पब्लिक फोरम के माध्यम से जोड़ने के लिये एक फोरम बनाने को कहा, जिससे सेवानिवृत्त व्यक्ति तथा देश-समाज के लिये कुछ कर गुजरने की मंशा रखने वाले व्यक्ति की फीडबैक और उनकी ऊर्जा का भी जन कल्याण में बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके।
इस दौरान सचिवालय सभागार में सचिव श्री अमित नेगी, प्रभारी सचिव श्री पंकज पाण्डेय, अपर सचिव श्रीमती सोनिका सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे तथा विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।