लोक सेवा आयोग विभागीय चयन समिति की बैठक निर्धारित समय पर आयोजित करे- मुख्यमंत्री टी.एस.रावत #लोगों को गुणवत्ता युक्त पेयजल मिले और पानी के उपभोग के अनुसार ही बिल भुगतान हो-मुख्यमंत्री #उत्तराखण्ड व समीपवर्ती राज्यों के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा दे रहा है एम्स ऋषिकेश।#पौड़ी गढ़वाल में कोविड-19 की आज की रिपोर्ट।पढिए Janswar.Com में।

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

लोक सेवा आयोग स्तर की विभागीय चयन समिति की बैठक निर्धारित समय पर आयोजित हो- टी.एस.रावत मुख्यमंत्री

आयोग के स्तर पर एक बार तिथि निर्धारण के पश्चात इसमें नहीं किया जाय बदलाव।

अनावश्यक रूप से विभागीय पदोन्नति से सम्बन्धित चयन प्रक्रिया में न हो विलम्ब- मुख्यमंत्री।

       मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति से सम्बन्धित चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का विलम्ब न किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवा आयोग के स्तर पर आयोजित होने वाली विभागीय चयन समिति की बैठकें निर्धारित समय पर हो विभागाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री ने आयोग के स्तर पर एक बार चयन सम्बन्धी तिथि निर्धारण के बाद उसमें तिथि परिवर्तन का अनुरोध करने की परम्परा को रोकने के भी निर्देश दिये हैं।
       इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया था कि लोक सेवा आयोग के स्तर पर सम्पादित किये जाने वाले पदोन्नति से सम्बन्धित चयनों हेतु विभागीय चयन समिति की तिथि निर्धारित होने के पश्चात अन्तिम समय में सम्बन्धित विभागों द्वारा नामित अधिकारी के अन्यत्र व्यस्त होने के कारण कोई अन्य तिथि निर्धारित किये जाने का अनुरोध  किया जाता है, जिस कारण अनावश्यक रूप से पदोन्नति से सम्बन्धित चयनों में विलम्ब होता है।
        मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा शासनादेश जारी किया गया है जिसमें भी स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग में विभागीय चयन समिति की तिथि निर्धारित होने के पश्चात सम्बन्धित विभाग के स्तर पर किसी भी दशा में तिथि परिवर्तन का अनुरोध न किया जाय, बल्कि चयन समिति की बैठक में प्रतिभाग किये जाने हेतु अन्य अधिकारियों को नामित किया जाय, जिससे विभागों में लम्बित पदोन्नति आदि की कार्यवाही ससमय सम्पन्न की जा सके।
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लोगों को गुणवत्ता युक्त पेयजल मिले और पानी के उपभोग के अनुसार ही बिल भुगतान हो-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों को गुणवत्ता युक्त पेयजल मिले और पानी के उपभोग के अनुसार ही बिल भुगतान हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मीटर लगाने के साथ ही पानी की खपत के अनुसार ही लोगों से चार्ज लिया जाए। इसके लिए एक सरल और स्पष्ट नीति बनाई जाए, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि मानकों का निर्धारण करना जरूरी है।  
     मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड के सभी ग्रामीण परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी नल द्वारा पहुंचाया जायेगा। जल संस्थान, स्वजल एवं पेयजल निगम को इसके लिए कार्यदायी एजेंसी बनाया गया है।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित रिफार्म एक्शन प्लान के अनुरूप कार्य किए जाएं। उत्तराखण्ड राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जाएं।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस में हालांकि उत्तराखण्ड वर्ष 2015 में 23 वें स्थान से अब 11 वें स्थान पर आ गया है। परंतु इसमें और सुधार के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किए जाएं। कोविड-19 के दृष्टिगत तमाम सावधानियां भी रखनी हैं। साथ ही औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित भी करना है। राज्य के उद्यमी, आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का लाभ उठा सकें, इसके लिए उनका हरसम्भव सहयोग किया जाए। वोकल फोर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि निवेशकों को अनावश्यक परेशान न होना पड़े। प्राप्त निवेश प्रस्तावों का समयबद्धता के साथ निस्तारण हो।  कोविड-19 के कारण केंद्र व सभी राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। अब अनलॉक में काफी कुछ गतिविधियां खोल दी गई हैं। राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए अनलाक की नई परिस्थितियों के अनुरूप कार्ययोजना बनाकर काम किया जाए। अनावश्यक व्यय को कम किया जाए परंतु विकास योजनाओं पर इसका प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए
     मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सहित विभिन्न जन कल्याण योजनाओं के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम की ओर अधिक ध्यान दिया जाय। सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों को मिले, इसके लिए सभी लाभार्थियों का आधार सीडिंग हो।
     बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री नितेश झा, श्री शैलेष बगोली, श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव श्री नीरज खैरवाल, नगर आयुक्त देहरादून श्री विनय शंकर पाण्डे आदि उपस्थित थे।
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उत्तराखण्ड व समीपवर्ती राज्यों के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा दे रहा है एम्स ऋषिकेश।

कोविड 19 विश्वव्यापी महामारी के काल में लॉकडाउन व अनलॉक के विभिन्न चरणों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड व समीपवर्ती रार्ज्यों के मरीजों की चिकित्सा सेवा के लिए जिम्मेदारी से कार्य कर रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश को कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार के लिए चयनित किया गया था, जिसके चलते में जनरल ओपीडी सेवाओं को स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए एम्स में स्क्रीनिंग ओपीडी, संजीवनी पोर्टल व टेलिमेडिसिन परामर्श एवं आपातकालीन सेवाओं के माध्यम से अब तक 2,31,515 से अधिक मरीजों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि कोविड19 के चलते संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लागू किया गया था। संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर एम्स को भी अपनी जनरल ओपीडी सेवाएं स्थगित करनी पड़ी। मगर उस दौरान सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों में पूर्ण बंदी के कारण मरीजों को इलाज में दिक्कतें नहीं आएं व समय पर उपचार नहीं मिलने से गंभीर मरीजों की जान नहीं चली जाए, इसके मद्देनजर एम्स संस्थान द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी अपनी इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाएं सततरूप से जारी रखी गईं। इतना ही नहीं स्क्रीनिंग ओपीडी के माध्यम से अस्पताल पहुंचने वाले सामान्य मरीजों का परीक्षण एवं परामर्श तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे लोगों, जो कि लॉकडाउन के दौरान आवागमन बंद होने से अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते थे उनके लिए संजीवनी पोर्टल व टेलिमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। जो कि अनलॉक में भी सततरूप से जारी हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इस साल अब तक अस्पताल में 2,31,515 मरीज उपचार एवं चिकित्सकीय परामर्श के लिए पहुंचे हैं। जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इस अवधि में संस्थान में 23,589 कोरोना नेगेटिव मरीजो को भर्ती की सुविधा प्रदान की गयी, 4,496 मरीजों की बड़ी शल्य चिकित्सा व 4,257 मरीजों की छोटी शल्य चिकित्सा की गई। इसके अलावा 23,448 रोगियों को इमरजेंसी डे-केयर सेंटर में भर्ती किया गया। उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला और रेडियोलॉजिकल सेवाएं आपातकालीन और वैकल्पिक रोगियों की आवश्यक सेवाओं के लिए सततरूप से जारी हैं। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स कोविड स्क्रीनिंगग केंद्र में कोविड 19 के लिए अब तक 28,145 संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच की गई जबकि इस अवधि में अब तक 2,599 कोविड पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया गया है।

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पौड़ी गढ़वाल में कोविड-19 की आज की रिपोर्ट।

जनपद में कोरोना वायरस कोविड-19 के सक्रमण से रोकथाम एवं बचाव हेतु आम जन में कोरोना के प्रति जागरूकता एवं व्यवहार परिवर्तन लाने हेतु जिला प्रशासन सक्रियता से कार्य में जुटा है। जिला प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों द्वारा लोगों कोे सामाजिक दूरी का पालन करने, अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग करने तथा स्वच्छता का ध्यान रखने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साथ ही खांसी, जुखाम, बुखार, कफ, सांस लेने में तकलीफ आदि रोग के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चेकअप करवाने अथवा आपदा कन्ट्रोल रूम दूरभाष नम्बर 01368-221840 तथा वार रूम कोविड 19 दूरभाष नम्बर 01368-222213 पर सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से आज दिनांक 07.10.2020 को समय 02ः00 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में आरटीपीसीआर, रेपिड एन्टीजन व ट्रूनेट रूप से 49563 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये, जिनमंे से 43637 नेगेटिव, 3855 लम्बित तथा 2071 कोरोना संक्रमित रोगी पाये गये। कोरोना संक्रमित 2071 में से 1495 स्वास्थ्य हो चुके है, जबकि 20 की मृत्यु हुई तथा 556 एक्टिव केस हैं। वर्तमान समय में 99 रोगी आइसोलेशन में भर्ती है, जिनमें 21 बेस हाॅस्पिटल श्रीकोट तथा 78 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार में है। कोविड केयर सेंटर के अन्तर्गत 38 लोग हैं, जिनमंे 08 नर्सिंग काॅलेज डोबश्रीकोट, 20 सीसीसी कोड़िया कैम्प में, 05 गीता भवन स्वर्गाश्रम ट्रस्ट में है।

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