प्रदेश के कृषि मंत्री व नरेन्द्र नगर विधायक श्री सुबोध उनियाल जिनके विधानसभा क्षेत्र में लक्ष्मण झूला का पश्चिमी भाग है पर इस धरोहर को बचाने का गुरुतर भार है। वह इसलिए कि वे कैबिनेट मंत्री भी हैं।उन्हें यह भी देखना होगा कि क्या यह सचमुच आवाजाही हेतु खतरनाक है भी या नहीं। हो सकता है काफी पुराना होने के कारण यह सचमुच खतरनाक हो पर कुछ लोगोंं को यह भी संदेह है कि हो सकता है कुम्भ बजट के कारण यह रिपोर्ट बनायी गयी हो। झूलापुल का नवीनीकरण किया ही जाना चाहिए।सरकार चाहे तो वैकल्पिक पुल बना कर इसके पुनर्निर्माण युद्धस्तर पर कर सकती है।आज के मशीनी युग में सब संभव है।
अगर जानकी सेतु तैयार हो गया होता तब भी लक्ष्मणझूला के लोगों के लिए लक्ष्मणझूला को बंद करना परेशानी का कारण होता।क्योंकि उन्हें रामझूला या गरुड़ चट्टी हो कर जाना पड़ता। हां प्रशासन को तो राहत रहती।अगर सरकार यहाँ पर नया पुल बनाती है तब भी लक्ष्मणझूला जैसे पौराणिक नाम वाले पुल को सुरक्षित रखना सरकार का दायित्व है।श्री सुबोध उनियाल जैसे मंझे हुए नेता इस बात को भली प्रकार जानते, समझते हैं।
-नागेन्द्र रतूड़ी राज्य मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार