रोजगार केअवसरों का सृजन सर्वोच्च -मुख्यमंत्री# पेटीएम के उपाध्यक्ष ने की मुख्यमंत्री से भेंट की।#कुम्भ मेले के कार्यों को समयबद्धता से किया जाए पूर्णः मुख्य सचिव#मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना की एक दिवसीय कार्ययोजना सम्पन्न।

रोजगार के अवसरों का सृजन सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में युवाओं को बैंकों से ऋण में न हो परेशानी
रोजगार सृजन के लिए विभाग लक्ष्य निर्धारित करें
कैम्पा के तहत सृजित किये जायेंगे लगभग 40 हजार रोजगार
मंगलवार को सचिवालय में रोजगार सृजन से सम्बन्धित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने एमएसएमई, ग्राम्य विकास, ऊर्जा, पर्यटन, कैम्पा, पेयजल, लोक निर्माण, श्रम आदि विभागों की कार्य योजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि रोजगार के अवसरों का सृजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उद्योग, कृषि, औद्यानिकी, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य, पर्यटन, वन, ऊर्जा, आदि विभाग इस दिशा में लक्ष्य निर्धारित कर काम करें। स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को बैंकों से ऋण मिलने में परेशानी न हो। हर विभाग रोजगार सृजन के संबंध में कार्य योजना बनाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने रोजगार सृजन से जुड़े विभागों के प्रमुखों से राज्य में पिछले साढ़े तीन सालों में सृजित किये गये रोजगार एवं स्वरोजगार की सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने रोजगार सृजन से सम्बन्धित विभागीय कार्य योजना भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
मंगलवार को सचिवालय में रोजगार सृजन से सम्बन्धित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने एमएसएमई, ग्राम्य विकास, ऊर्जा, पर्यटन, कैम्पा, पेयजल, लोक निर्माण, श्रम आदि विभागों की कार्य योजना की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि सचिवालय स्तर पर पत्रावलियों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने शिकायतों के त्वरित अनुश्रवण एवं निस्तारण के लिये मुख्यमंत्री सचिवालय में एक क्विक एक्शन टीम के गठन के भी निर्देश दिये हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से रोजगार सृजन के संबंध में सुझाव भी प्राप्त किये।

कैम्पा के माध्यम से हो अधिक से अधिक रोजगार सृजन
मुख्यमंत्री ने कैम्पा के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये समेकित कार्य योजना बनाने पर बल दिया। इसके लिये इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट प्लान तैयार करने एवं हर दो माह में कैम्पा गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। जलागम परियोजना, फल पट्टियों के विकास एवं महिला पौधशालाओं के विकास के साथ ही वनों व जंगली जानवरों से बचाव के लिये मानव संसाधनों के उपयोग से हजारों की संख्या में रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित हो सकेंगे।

ग्रोथ सेन्टर बनेंगे स्वरोजगार के आधार
लोकल के लिये वोकल की अवधारणा को साकार करने के लिये स्थानीय उत्पादों एवं हस्त शिल्प को बढ़ावा दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। एक डिस्ट्रिक्ट एक उत्पाद की प्रभावी कार्य योजना बनाने के साथ ही एसएचजी के माध्यम से टेक होम राशन योजना को इसमें जोड़ा जाय। ड्रेस निर्माण का कार्य भी इसमें शामिल किया जाय। मुख्यमंत्री ने लोकल ग्राम लाइट योजना को कुटीर उद्योग के रूप में संचालित करने पर भी बल दिया, इसके लिये बाजार के विस्तारीकरण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागीय योजनाओं के लिये स्वीकृत धनराशि के बोर्ड तैयार कर जनपद एवं विकास खण्ड मुख्यालय पर लगाये जाने के भी निर्देश दिये हैं ताकि आम जनता को जानकारी भी रहे कि किस विभाग को योजनाओं के निर्माण अदि के लिये कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है।

कोविड -19 के दृष्टिगत प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर भी लगाये जायेंगे सूचना पट्ट
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आने वाले उद्यमियों, व्यापारियों, पर्यटकों एवं जन साधारण की जानकारी के लिये सूचना पट्ट लगाये जाने के निर्देश दिये हैं जिसमें आवश्यक जानकारी अंकित की जाय ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये भी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। राफ्टिंग एवं नौकायन शुरू करने के भी उन्होंने निर्देश दिये हैं।

एमएसएमई एवं मनरेगा के माध्यम से सृजित हों अधिक से अधिक रोजगार
मुख्यमंत्री ने एमएसएमई एवं मनरेगा के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे उद्यमी विभिन्न प्रकार की छोटी योजनाओं के लिये मनरेगा के साथ एमएसएमई का भी लाभ ले सकते हैं जिसमें मुद्रा लोन के साथ ही सब्सिडी की भी व्यवस्था रखी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत 50 दिन के अतिरिक्त रोजगार सृजन पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

जल जीवन मिशन को भी जोड़ा जाय स्वरोजगार में
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो इस दिशा में भी कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन के साथ ही कृषि एवं बागवानी के विकास में भी मदद मिलेगी।

राज्य में शत प्रतिशत साक्षरता के लिये भी बनायी जाये कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड- 19के इस दौर को हमें साक्षरता अभियान से भी जोड़ना चाहिए। इसके लिये फिर से पूरा डाटा तैयार करने के प्रयास किये जाएं। ईच वन टीच वन की व्यवस्था पर भी हमें ध्यान देना होगा। हमारा प्रदेश शत प्रतिशत साक्षर हो इस दिशा में हम सबको मिलकर कार्य करना होगा।
बैठक में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस नेगी, मुख्यसचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्रीमती ईवा आशीष, डॉ. नीरज खैरवाल, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री प्रदीप रावत, श्री सुरेश जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पेटीएमके उपाध्यक्ष ने की मुख्यमंत्री से भेंट की

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पेटीएम के उपाध्यक्ष श्री अभय शर्मा और प्रबंधक प्रियांशु मिश्रा ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने कोरोना योद्धाओं के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मास्क, ग्लब्स, सैनीटाइजर एवं हैण्डवास दिये। श्री अभय शर्मा ने कहा कि पेटीएम अपनी सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ मंदिर हेतु पेटीएम द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कोविड के दौरान पेटीएम द्वारा लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने उत्तराखंड में पेटीएम का ऑफिस खोलने की ईच्छा भी जताई।

कुम्भ मेले के कार्यों को समयबद्धता से किया जाए पूर्णः मुख्य सचिव।


समयबद्धता के साथ-साथ गुणवत्ता का रखा जाए विशेष ध्यान
कोविड-19 के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं की जाएं सुनिश्चित
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने मंगलवार को सचिवालय में कुम्भ मेला-2021 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक की। मुख्य सचिव ने कुम्भ मेले के कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और आवश्यक सामग्रियों की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि हर की पौड़ी में कांगड़ा घाट का कार्य 15 नवम्बर, 2020 तक पूर्ण कर लिया जाए, इसके लिए आवश्यक उपकरण एवं सामग्री की उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाए। सीवरलाईन, पेयजल लाईन, विद्युत लाईन आदि के लिए सम्बन्धित विभागों से समन्वय बनाते हुए, पूर्व नियोजित तरीके से कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि आस्था पथ पर बाढ़ सुरक्षा कार्य को नदी में पानी का स्तर कम होते ही शुरू कर लिया जाए। काँवड़ पटरी में पक्कीकरण (ब्लैकटॉपिंग) का कार्य 15 नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जाए। इन सभी कार्यां के लिए आवश्यक सामग्री की उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि 05 अस्थायी पुलों का निर्माण प्राथमिकता पर लेते हुए, इनका निर्माण कार्य 31 दिसम्बर तक प्रत्येक स्थिति में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कुम्भ मेले के लिए प्रस्तावित बस स्टैंड का कार्य भी तेजी से पूर्ण कर लिया जाए, इसके लिए आवश्यक फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी ले ली जाएं।
मुख्य सचिव ने श्री ओम प्रकाश ने कहा कि कुम्भ मेला-2021 के आयोजन के लिए कम समय रह गया है। सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से किया जाए। साथ ही कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने डाम कोठी के जीर्णोद्धार के कार्य को भी समय से किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेला-2021 में विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों एवं अन्य आवश्यक स्टाफ की तैनाती ससमय सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए 500 बेड की व्यवस्था रखी जाए, साथ ही पेशेंट केयर एवं टेस्टिंग की भी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कुम्भ मेला-2021 के लिए आवश्यक स्टाफ, मेला अधिकारी, उप मेला अधिकारी, सूचना अधिकारी, पुलिस फोर्स एवं होम गार्ड की तैनाती की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाए।
मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र में सड़क, घाट, पार्किंग, शौचालय, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की जानकारी दी।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्धन, सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री शैलेश बगोली, श्री नीतेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्रीमती सौजन्या सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना की एक दिवसीय कार्ययोजना सम्पन्न।

विकास भवन सभागार पौड़ी में आज मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई के अध्यक्षता लोक योजना अभियान के अन्तर्गत सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना हेतु एक दिवसीय कार्यशाला को आयोजना किया गया। जिसमें जिला स्तरीय संबंधित अधिकारियों सहित, खण्ड खण्ड अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में परियोजना निदेशक एस. एस. शर्मा तथा संबंधित अधिकारियों ने भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विकास परक योजनाओं का धरातल पर मुहुर्त रूप देने हेतु सर्वे, प्लान, बैठक इत्यादि की क्रमवार विस्तृत जानकारी के साथ जीपीडीपी निर्माण हेतु प्रशिक्षण दिया
कार्यशाला में एपीडी सुनिल कुमार, जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश द्वारा भी जीपीडीपी निर्माण हेतु अधिकारियों को विस्तृत जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिया। जबकि डीपीआरओ एम.एम.खान ने प्रोजेक्टर के माध्यम से लोक योजना अभियान के अन्तर्गत सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना हेतु एक दिवसीय कार्यशाला की प्रस्तुती दी।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिह राणा, मुख्य शिक्षा अधिकारी एम.एस.रावत, जिला पर्यटन विकास अधिकारी खुशाल सिह नेगी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी संजय शर्मा, अ0अ0 लघु सिंचाई राजीव रंजन, परियोजना प्रबंधक स्वजल दीपक रावत, जिला सेवा योजन अधिकारी मुकेश रयाल सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित थे।

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