रोचक संस्मरणों का दस्तावेज है- स्मृति की खिड़की -Janswar.com

 

-प्रबोध उनियाल

 

रोचक संस्मरणों का दस्तावेज है- स्मृति की खिड़की

देहरादून
कहानीकार जितेंद्र शर्मा की लिखी पुस्तक ‘स्मृति की खिड़की’ रोचक संस्मरणों का दस्तावेज है। उक्त विचार सुपरिचित कहानीकार सुभाष पंत ने काव्यांश प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लेखक ने समाज में उन रिश्तों को व अपने समय को भावनात्मक बुनावट के साथ रचा है जो सहज और मार्मिक बन पड़ा है।
इस अवसर पर जितेंद्र शर्मा ने अपनी पुस्तक के कुछ अंश पढ़े और कहा कि
स्मृति की खिड़की को पढ़ते हुए शायद पाठकों को भी ये लगे कि वे अपने बीते हुए कल को देख रहे हैं। कवि व स्तंभकार राजेश सकलानी ने बताया कि लेखक की इस पुस्तक में तेरह रोचक संस्मरण हैं,जो रस्किन बॉन्ड, स्विट्जरलैंड का संन्यासी, कवि व कथाकार होशियार सिंह चौहान,टैरी मेरा हमदम व प्रोफ़ेसर वर्मा के साथ कुछ रंग आदि पर लिखे गए हैं।
दिनेश चंद्र जोशी ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि ये संस्मरण अनूठे व विशिष्ट बन पड़े हैं।
संवाद गोष्ठी में मदन शर्मा ,गुरदीप खुराना,कृष्णा खुराना ,संजय शर्मा, जितेन ठाकुर,दिनेश चंद्र जोशी ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के समापन पर प्रबोध उनियाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन राजेश सकलानी ने किया ।
सुषमा शर्मा,डॉ रविन्द्र अंथवाल,कुसुम भट्ट,श्याम प्रकाश,श्याम सिंह श्याम अपूर्व शर्मा व शिवानी व तरसेम शर्मा आदि उपस्थित रहे

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