समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

रेल मंत्री ने दिल्ली से देहरादून के लिए तेजस ट्रेन की सैद्धांतिक स्वीकृति दी
पाथ-वे मिलते ही दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए चलेगी तेजस ट्रेन।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से मिले। रेल मंत्री ने उत्तराखण्ड के लिए बजट की कमी नहीं आने देने के प्रति आश्वस्त किया।
हरिद्वार कुम्भ के लिए प्रयागराज की तर्ज पर रेलवे करेगा व्यवस्थाएं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को नई दिल्ली में रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से भेंट कर उत्तराखण्ड में रेल सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बताया कि उत्तराखण्ड की रेल परियोजनाओं के लिए बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर नई दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए समस्त आधुनिक सुविधाओं से युक्त तेजस ट्रेन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। पाथ-वे उपलब्ध होते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम दिखने लगा है। इसके लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमें दूसरे राज्यों में जो समस्याएं आती है, उत्तराखण्ड में नहीं आई। पूरा प्रयास रहेगा कि अगले ढ़ाई वर्ष में श्रीनगर गढ़वाल तक रेल पहुंचा दी जाए। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में इनोवेटिव काम किया जाएगा। वर्ष 2021 मे हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेले के लिए रेलवे विभाग, प्रयागराज की भांति ही पूरी तैयारी करेगा। देहरादून, हरिद्वार स्टेशनों की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।दून रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण इस वर्ष नवम्बर तक कर दिया जाएगा। जल्द ही रेलवे के उच्च अधिकारियों के दल को उत्तराखण्ड भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से सम्भावित यातायात के लिए मजबूत तंत्र जरूरी
इससे पूर्व बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन परियोजना की वर्तमान प्रगति से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 126 किमी0 लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के अन्तर्गत फॉरेस्ट लैंड को नॉन फॉरेस्ट लैंड में परिवर्तन को स्वीकृति मिल गयी है। उन्होंने कहा कि 167 हेक्टेयर प्राईवेट रेवेन्यू लैंड का अधिग्रहण कर लिया गया है। परियोजना के लिए जियो टैक्नीकल इन्वेस्टीगेशन भी पूर्ण हो गयी है। इसके अन्तर्गत एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) को तैयार कर लिया गया है, जिन्हें नियमित यातायात के लिए खोल दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में रेल यातायात में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए हरिद्वार-रायवाला अथवा हरिद्वार-देहरादून के मध्य रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना चाहिए, साथ ही, पुराने ऋषिकेश में भारी माल लादने व उतारने एवं कंटेनरों से लदे रेल वैगनों के रूकने के लिए एक रेल कंटेनर डिपो स्थापित किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देहरादून व योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डाइवर्जन लाइन का निर्माण किये जाने की भी जरूरत है।
रूड़की-देवबंद रेल परियोजना
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने रेल मंत्री श्री पियूष गोयल को अवगत कराया कि देवबन्द-रूड़की रेल लाईन परियोजना को विशेष रेल प्रोजेक्ट का दर्जा प्रदान किया गया है। उक्त योजना को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में 50ः50 प्रतिशत के रेलवे एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अंशदान के रूप में स्वीकृत दी गयी है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा परियोजना हेतु राज्य सरकार का अंशदान के रूप में वर्तमान तक कुल रू0 261.61 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा अब तक अवमुक्त धनराशि को पर्याप्त मानते हुए परियोजना की अवशेष धनराशि का वित्त पोषण रेल मंत्रालय अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का अनुरोध किया।
नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री से लालकुंआ-खटीमा, टनकपुर-बागेश्वर और काशीपुर-धामपुर नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उक्त तीनों रेल लाईनों का पर्वतीय क्षेत्र के विकास और सामरिक दृष्टि से काफी महत्व है। लालकुआं-शक्तिफार्म-सितारगंज-खटीमा नई रेल परियोजना को स्वीकृति देते हुए इसका शत प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र द्वारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ व बागेश्वर क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति को तेज करने, पर्यटक के विकास और सस्ती परिवहन सुविधा के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने काशीपुर से धामपुर वाया जसपुर नई रेल लाइन का भी शत प्रतिशत वहन केंद्र सरकार से करने का आग्रह किया।
बैठक में रेल मंत्रालय और उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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आज गुरूवार को सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में मध्याह्न भोजन योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की सोलहवीं बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
वित्तीय वर्ष 2020-2021 की रू0 18239.72 लाख की वार्षिक कार्य योजना विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव द्वारा अनुमोदित की गई। भारत सरकार को प्रेषित की जाने वाली 2020-21 की इस वार्षिक कार्ययोजना में रू0 11361.24 लाख केन्द्रांश तथा रू0 6878.49 लाख राज्यांश शामिल है। इस वार्षिक कार्ययोजना में कुकिंग एसिस्टेंस, खाद्यान का यातायात, भोजन माताओं का मानदेय, खाद्यान की लागत, मीड डे मील से जुड़े स्टॉफ का वेतन, किचन डिवाइस आदि मदें शामिल है।
मुख्य सचिव द्वारा मीड डे मील में पंजीकृत लाभार्थियों तथा औसत लाभान्वित छात्रों के अंतर को समान करने के निर्देश दिए गए तथा भोजन की गुणवत्ता की भी समय-समय पर जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये। तथा इस अन्तर को समान करने के लिए एम.डी.एम. में वास्तविक रूप से उपस्थित होने वाले बच्चों के अभिभावकों के साथ अनुपस्थित लाभार्थियों के अभिभावकों के साथ मुलाकात कराने की आवश्यकता पर बल दिया एवं पंजीकृत लाभार्थियों को योजना में शत् प्रतिशत शामिल कराने के लिए ठोस कार्ययेजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2019-20 में 17045 प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी विद्यालयों में संचालित एम.डी.एम. योजना में 06 लाख 89 हजार छात्र नामांकित थे, जिनमें से बच्चों की औसत उपस्थित 05 लाख 95 हजार पाई गई। अवगत कराया गया कि वर्तमान में एम.डी.एम में स्वीकृत 301 प्राइमरी/अपर प्राइमरी विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य एवं अन्य पास के विद्यालयों में विलीनीकरण के कारण इन विद्यालयों में यह योजना संचालित नही है।
मुख्य सचिव द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत विकासखण्ड स्तर पर योजना का कार्य देख रहे कार्मिकों के प्रोत्साहन राशि में 500 रूपये प्रति कार्मिक की वृद्धि स्वीकृत की गई। अब योजना में कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रोत्साहन भत्ता के रूप में 01 हजार रूपये प्रति कार्मिक दिया जाएगा।
बैठक में एक सहायता प्राप्त हुसैनिया जू0हा0 मरगूबपुर, मुस्तफाबाद, रूड़की विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना में शामिल की अनुमति दी गई। बैठक में अक्षय पात्र फाउण्डेशन के प्रतिनिधि श्री भरत प्रभू दास द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत संचालित किये जाने वाले केन्द्रीय किचन के निर्माण की अद्यत्न प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा योजना में देहरादून के सुद्धोवाला, काशीपुर, सितारगंज, गदरपुर(ऊधमसिंहनगर) में निर्माणाधीन केन्द्रीय किचन की प्रगति की जानकारी दी गई तथा देहरादून में मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले केन्द्रीय किचन के संपर्क मार्ग के सुधार का अनुरोध किया गया जिसपर मुख्य सचिव द्वारा लोक निर्माण विभाग को संपर्क मार्ग सुधार करने के निर्देश दिए गए। सचिव शिक्षा द्वारा बताया गया कि प्रदेश के 5519 स्कूलों में हंस फाउण्डेशन द्वारा गैस कनेक्शन तथा 5519 स्कूलों में गैस चूला सहित गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये गये। तथा उनके द्वारा दो लाख थालियां भी उपलब्ध कराई गई। राज्य सरकार द्वारा फ्लैक्सी फंड से उत्तराखण्ड सहाकरी डेयरी फेडरेशन के माध्यम से एमडीएम में आच्छादित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को सप्ताह में एक बार फोर्टिफाइड मीठा सुगन्धित दुग्ध दिया जायेगा।
मुख्य सचिव ने विशेष भोज योजना में स्वयं भी भोजन करने के लिए शीघ्र तिथि तय करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव शिक्षा श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनु सचिव श्री अरूणव ढ़ाकी, कन्सलटेंट श्री सुनिल सिन्हा, निदेशक शिक्षा डॉ राकेश कुंवर, निदेशक रमसा श्रीमती सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक शिक्षा श्री पी.के.बिष्ट आदि उपस्थित थे।