भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाएं : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शी व विवाद रहित बनाने पर जोर।
एसीआर लिखने में कोताही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जाएगी।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा 1 अप्रैल 2017 से वर्तमान तक कुल 2511 नई भर्तियां की गईं जबकि 876 पदों पर डीपीसी की गई।
वर्तमान में आयोग स्तर पर 852 पदों पर भर्ती प्रक्रिया व 3080 पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया गतिमान है।
जबकि 883 पदों पर भर्ती के अधियाचनों को आवश्यक संशोधन के लिए विभागों को भेजा गया है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 से कुल 3109 पदों पर चयन संस्तुतियां भेजी गईं। वर्तमान में 3177 पद, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरे जाने के लिए चिन्हित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आयोगों को भेजे जाने वाले अधियाचन स्पष्ट व त्रुटिरहित हों। भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ व विवादरहित हो। डीपीसी के लिए महीने की कोई तारीख तय कर दी जाए। अधीनस्थ कार्मिकों की एसीआर समय पर न लिखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही निश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री, विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे थे।
सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया विवादरहित व पूर्ण पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। पूरी प्रक्रिया इस प्रकार की हो कि अभ्यर्थियों को किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई आशंका न रहें। निर्धारित समय पर भर्तियों का एक सुनिश्चित कैलेण्डर हो। कार्मिक विभाग नियमित तौर पर इसकी समीक्षा करे और विभागों व आयोगों से समन्वय करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार अभ्यर्थियों द्वारा माननीय न्यायालय से स्टे लाने के कारण भी भर्ती प्रक्रिया बाधित होती है। अधिकांशतः ऐसा तभी होता है जबकि आयोगों को भेजे गए अधियाचन या सेवा नियमावलियां स्पष्ट न हों। आयोगों द्वारा 10 प्रतिशत आर्थिक आरक्षण को शामिल करने के लिए विभागों को जो अधियाचन वापिस भेजे गए हैं, उनको सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कार्यवाही कर संशोधित अधियाचन जल्द भेजना सुनिश्चित किया जाए।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) आनंद सिंह रावत ने बताया कि 1 अप्रैल 2017 से वर्तमान तक कुल 2511 नई भर्तियां की गईं जबकि 876 पदों पर डीपीसी की गई। इनमें 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक नई भर्तियां 794 व डीपीसी 303 पदों पर की गईं। जबकि 1 अप्रैल 2018 से 17 जुलाई 2019 तक नई भर्तियां 1717 व डीपीसी 573 की गईं। वर्तमान में आयोग स्तर पर 852 पदों पर भर्ती प्रक्रिया व 3080 पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया गतिमान है। इसी प्रकार आयोग द्वारा 883 पदों पर भर्ती के अधियाचनों को आवश्यक कार्यवाही के लिए विभागों को भेजा गया है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष श्री एस.राजू ने बताया कि वर्ष 2017 से कुल 63 परीक्षाएं आयोजित की गईं व 3109 पदों पर चयन संस्तुतियां भेजी गईं। वर्तमान में 3177 पद, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरे जाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें 2564 पद तकनीकी अर्हता के व 613 पद गैर तकनीकी अर्हता के हैं। चयन प्रक्रिया को अभ्यर्थियों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाईन किया गया है। अभ्यर्थियों को परीक्षा संबंधी जानकारी उनके द्वारा आवेदन पत्रों में दिए गए मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है। आयोग द्वारा परीक्षा की तिथि को ही उत्तर कुंजियों का प्रकाशन किया जा रहा है। प्रत्येक आपत्ति को 3 विषय विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कर निस्तारित किया जाता है।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि विभागों से रिक्त पदों का विवरण मांगा गया था। कुल 32 विभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 18 हजार पद रिक्त हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, सचिव श्री शैलश बगोली, श्री नीतेश झा, डा. भूपिंदर कौर औलख, श्री हरबंस सिंह चुघ, श्री सुशील कुमार, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के सचिव श्री राजेन्द्र कुमार, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव श्री संतोष बड़ोनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
————————————————————
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेला 2021 हेतु गठित एम्पावर्ड कमिटी की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुम्भ मेला हेतु स्वीकृत कार्यां एवं नए प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा की।
प्रत्येक 15 दिन में बैठक आयोजित की जाएः मुख्य सचिवमुख्य सचिव ने निर्देश दिए कुम्भ मेला 2021 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सभी तैयारियाँ समय से पूर्ण कर ली जाएं। कार्यां की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रत्येक 15 दिन में बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान मुख्य दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या के अनुसार व्यवस्थाओं का प्लान तैयार किया जाए।
सौन्दर्यीकरण का रखा जाए विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2021 में जनवरी से अप्रैल माह तक आयोजित होने वाले कुम्भ मेले में पिछले कुम्भ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना को देखते हुए, सभी प्रकार की तैयारियों समय से पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने की बात कही। कुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए अवस्थापना सम्बन्धी स्थायी प्रकृति के सड़क, घाटों का निर्माण आदि कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। पेयजल व विद्युत आपूर्ति, कानून व शांति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने, मेला क्षेत्र को साफ-स्वच्छ रखने के लिए कूड़ा निस्तारण का सुव्यवस्थित प्रबंध, धार्मिक संस्थाओं व श्रद्धालुओं के आवास के लिए अस्थाई कैम्पिंग स्थलों का विकास करने, पार्किंग स्थलों को विकसित कराने आदि कार्यों की भी शीघ्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
शीघ्र शासनादेश जारी किए जाएंमुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जिन विभागों द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु शासनादेश जारी होने हैं, वे शीघ्र शासनादेश जारी करें। जनपद हरिद्वार में गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थायी प्रकृति के कार्यां पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नये स्थायी पुलों के बनाए जाने तक मेला क्षेत्र में अस्थायी पुलों की शीघ्र व्यवस्था की जाए। उन्होंने मेलाधिकारी को लगातार मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए।
सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंमुख्य सचिव ने कहा कि मेले हेतु गठित समितियों द्वारा जहाँ-जहाँ निर्णय लिए जाने हैं, समितियों की बैठक करा कर शीघ्र निर्णय ले लिए जाएं। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को मेलाधिकारी से निरन्तर समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए। जहाँ-जहाँ छोटे-छोटे घाटों की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि एम्पावर्ड कमिटी की बैठक में प्रस्तावों को लाने से पूर्व सभी विभाग मेलाधिकारी को प्रस्ताव की व्यवहारिकता पर संस्तुति प्राप्त करने के उपरान्त ही एम्पावर्ड कमिटी की बैठक में प्रस्तुत करें।
मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न विकास कार्यों को मिली सैद्धान्तिक स्वीकृतिबैठक के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावां जैसे, स्थाई प्रवृति के घाटों का मरम्मत कार्य, बहादराबाद एन0एच0-58 से सिडकुल फोर लेन मार्ग पर नाला निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य, सुलभ टॉयलेट कॉम्पलेक्स, निरीक्षण भवन लोनिवि परिसर, ऋषिकेश में सर्किट हाउस निर्माण एवं पुराना दिल्ली नीतिपास मार्ग के किमी0 202 में सूखी नदी पर पूर्व निर्मित के बगल में डबल लेन आरसीसी प्रास्ट्रेस्ड सेतु निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर सचिव डॉ. भुपिन्दर कौर औलख, श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, मेलाधिकारी श्री दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक श्री संजय गुंज्याल सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।