राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद 10 से 14 फरवरी, 2022 तक महाराष्ट्र और तेलंगाना का दौरा करेंगे।
राष्ट्रपति 11 फरवरी, 2022 को राजभवन, मुंबई में नए दरबार हॉल का उद्घाटन करेंगे।
राष्ट्रपति 12 फरवरी, 2022 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर स्मारक का दौरा करेंगे।
राष्ट्रपति 13 फरवरी, 2022 को हैदराबाद में श्री रामानुज सहस्राब्दी समारोह में शामिल होंगे और श्री रामानुजाचार्यजी की स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
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एयर मार्शल के. अनंतरामन वीएसएम ने एयर ऑफिसर-इन-चार्ज एडमिनिस्ट्रेशन (एओए) का पदभार ग्रहण किया
एयर मार्शल के. अनंतरामन वीएसएम ने पहली फरवरी 2022 को नई दिल्ली स्थित वायु सेना मुख्यालय में एयर ऑफिसर-इन-चार्ज एडमिनिस्ट्रेशन (एओए) का पदभार ग्रहण कर लिया।
एयर मार्शल अनंतरामन को जून 1985 में भारतीय वायु सेना की प्रशासनिक शाखा में कमीशन किया गया था। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन, कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2005 में वाशिंगटन डीसी की डीआईए में संयुक्त सामरिक खुफिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
एयर मार्शल अनंतरामन ने अपने 37 वर्षों से अधिक लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर अपनी सेवाएं दी हैं। जिनमें पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारी प्रभारी प्रशासन, मुख्य कार्मिक कर्मचारी अधिकारी, मुख्यालय पश्चिमी वायु कमान, मुख्यालय प्रशिक्षण कमान में कमांड वर्क्स ऑफिसर, अंबाला और चेन्नई में सहायक प्रोवोस्ट मार्शल / कमांडिंग ऑफिसर तथा एओए के कार्मिक अधिकारी के तौर पर उनका कार्य करना शामिल है। एयर मार्शल वर्तमान नियुक्ति पर पदभार संभालने से पहले, वायु सेना मुख्यालय में महानिदेशक (प्रशासन) का कार्यभार देख रहे थे।
एयर ऑफिसर विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हैं।
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खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण सीमा आदेश को कार्यान्वित करने के लिये केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की
खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण सीमा आदेश को केंद्र ने तीन फरवरी, 2022 को अधिसूचित किया था। आदेश के अनुसार भंडारण की अवधि 30 जून, 2022 तक कर दी गई है
इस आदेश का लक्ष्य खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण और वितरण को नियमबद्ध करने के अलावा देश में जमाखोरी को रोकना है
केंद्र सरकार ने तीन फरवरी, 2022 को एक आदेश को अधिसूचित किया था, जिसके तहत खाद्य तेल और तिलहनों की भंडारण सीमा मात्रा 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी गई है। इसका उद्देश्य है देश में खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर करने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न पहलों में तेजी आ सके।
भंडारण सीमा आदेश केंद्र सरकार और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह अधिकार देता है कि वे खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण तथा वितरण को नियमबद्ध कर सकें। इससे देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी रोकने के सरकारी प्रयासों को बल मिलेगा। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आठ फरवरी, 2022 को एक बैठक की, जिसमें तीन फरवरी, 2022 को जारी उपरोक्त आदेश को क्रियान्वित करने की योजना पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान इस बात पर बल दिया गया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी बिना आपूर्ति श्रृंखला और वैधानिक कारोबार में अड़चन पैदा किये भंडारण सीमा मात्रा आदेश लागू कर सकते हैं।
खाद्य तेलों के सम्बंध में भंडारण सीमा तय कर दी गई है। भंडारण सीमा खुदरा व्यापारियों के लिये 30 कुंतल, थोक व्यापारियों के लिये 500 कुंतल, बड़े रिटेलरों की दुकानों की श्रृंखला के लिये 30 कुंतल और उनके डिपो के लिये 1000 कुंतल तय की गई है।
तिलहनों के सम्बंध में खुदरा व्यापारियों की भंडारण सीमा 100 कुंतल और थोक व्यापारियों के लिये 2000 कुंतल है। तिलहनों का प्रसंस्करण करने वालों के लिये उत्पादित खाद्य तेल का भंडारण 90 दिनों तक किया जा सकता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन क्षमता पर निर्भर होगा। निर्यातकों और आयातकों को कुछ शर्तों के साथ इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।
बैठक में बताया गया कि यदि सम्बंधित वैधानिक प्रतिष्ठानों के पास भंडारण तय सीमा से अधिक हुआ, तो उसे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल portal (https://evegoils.nic.in/eosp/login) पर घोषित करना होगा। इसके अलावा यह घोषणा करने के बाद भंडारण सीमा को 30 दिनों के भीतर तय सीमा में लाना होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पोर्टल तक पहुंच बना दी गई है, ताकि वे प्रतिष्ठानों द्वारा घोषित भंडारण की निगरानी कर सकें। इसके साथ ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे पोर्टल के जरिये भंडारण सीमा की नियमित निगरानी करते रहें।
आशा की जाती है कि उपरोक्त उपाय से जमाखोरी, काला-बाजारी आदि अवैधानिक कृत्यों को रोका जा सकेगा तथा खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा नहीं होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य की भी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि इससे भारतीय बाजार किस तरह प्रभावित होता है।