राष्ट्रध्वज से अंकित अमूल दूध के खाली पाउच को कूड़े में न डाल कर उसका ससम्मान निस्तारण करें।www.janswar.com

नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

  • राज्य निर्माण आन्दोलनकारी 
  • राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार।

राष्ट्रध्वज से अंकित अमूल दूध की खाली थैली को कूड़े में न डाल कर उसका ससम्मान निस्तारण करें।

 आजादी के 75वें वर्ष को भारत की जनता बहुत उत्साह से मना रही है।केन्द्र सरकार का नारा है हर घर तिरंगा।जिसके अनुसार 13से 15 अगस्त तक हर घर में तिरंगा फहराया जाएगा।इससे लिए राष्ट्रध्वज नियमावली में परिवर्तन भी किया गया।सामान्यत: राष्ट्रध्वज को सुबह सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही पहराया जा सकता है परन्तु इन तीन दिनें यह दिन-रात फहराया जाएगा।
केन्द्र सरकार के इस आवाह्न पर देश की प्रतिष्ठित कम्पनी अमूल ने भी अपने उत्पाद दूध की थैलियों पर तिरंगा प्रिंट किया है।सामान्य दृष्टि से तो यह बहुत ही अच्छा कार्य है परन्तु कम्पनी यह भूल गयी कि तिरंगा प्रिंट हुए थैली को खाली होने पर लोग कूड़े में डालेंगे जो तिरंगे(राष्ट्रध्वज)का अनजाने किया जाने वाला अपमान है।होना तो यह चाहिए कि कंपनी को इन थैलियों के ससम्मान वापस मंगाया जाना चाहिए था।चाहे उसे इसके लिए एक रुपये की छूट प्रति थैली पुरस्कार ही क्यों न रखना पड़ता।इस प्रकार अमूल दूध कंपनी जाने अनजाने राष्ट्रध्वज प्रिंटेट थैलियों को कूड़े में डालने से बचा सकती है।
उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि ऐसी वस्तुओं को जिनपर तिरंगा अंकित है को खाली होने पर कूड़ै में न डालकर उनका ससम्मान निस्तारण करें।