समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

उक्रांद के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान में संरक्षक त्रिवेन्द्र सिंह पंवार ने परेड ग्राउण्ड स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य में अनु0 371 लागू कर राज्य की राजधानी गैरसैण घोंषित करें। राज्य की जमीन की नीलामी की योजना वर्तमान राज्य सरकार ने कैबिनेट में तय की है। यदि योजना के अधार पर ही राज्य की भूमि किसी बाहरी व्यक्ति या शरणार्थियों को दी जायेगी तो वह हारिनकारक होगी और उसे किसी भी कीमत पर उक्रांद स्वीकार नही करेगा। राज्य में पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये तथा आंगनवाडी कार्यकत्रियों व मिनी व सेविका कार्यकत्रियां जो वेतनमान 600/- रूपये प्रतिदिन के अलावा अन्य कई मांगों को लेकर पिछले 50 दिन से इस ठण्ड के मौसम में धरने और अब अनशन पर बैठी हैं कि मांगों का उक्रांद पूर्ण समर्थन करता है और सरकार से इनकी सभी मांगों को पूरा करने की मांग करता है। साथ ही 2026 में राज्य का परिसीमन होना प्रस्तावित है, जो राज्य की जनसंख्या के आधार पर हुआ तो निश्चित तौर से पहाडी राज्य के क्षेत्रों पर उसका दुष्प्रभाव पडेगा, उक्रांद मांग करता है कि अन्य पर्वतीय राज्यों की भांति राज्य के पहाडी जनपदों में परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किये जाने का प्रस्ताव वर्तमान सरकार विधानसभा में परित करें, जिससे राज्य बनाने के पीछे की अवधारणा बनी रहे। यदि सम्पूर्ण राज्य का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर ही हुआ तो निश्चित तौर से पहाछी जनपदासें की विधानसभाओं की संख्या घटेगी जो राज्य के लिए अहितकर होगी। राज्य में मूल निवास की अनिवार्यता यथावत रखते हुए सरकार को अध्यादेश लाकर स्थानीय युवाओं की नौकरी के मोके को बहाल रखना चाहिए। सरकार राज्य के मूल निवासी संविदा व उपनल कर्मियों को स्थायी नियुक्ति दे अन्यथा उक्रांद को भविष्य में इन सभी सवालों पर जनता को विश्वास में लकर मुखरता से खडा होना पडेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय महामंत्री जयदीप भट्ट, लताफ़त हुसैन, एपी जुयाल, रेखा मियां, विजय बौड़ाई, किशन रावत, समीर मुंडेपी, सुरेंद्र पोखरियाल आदि मौजूद थे।