-नागेन्द्र प्रसाद रतूडी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) की विशेष पहल पर मंगलवार को राजभवन स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित “पथ प्रदर्शक” कार्यक्रम में मेधावी विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा छात्रवृत्तियां प्रदान की गई। कार्यक्रम में कला, लोक संस्कृति, समाज सेवा, संगीत, स्वयं सहायता समूह, महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नेतृत्व करने वाली विशिष्ट प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं में पढ़ने वाले 30 मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां प्रदान की गई तथा 214 बच्चों को जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा छात्रवृत्तियां प्रदान की जायेंगी। कुल 244 विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद देहरादून द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता के 05 विजेता प्रतिभागियों को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के लिए विभिन्न कैटगरियों में कुल 13 छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने प्रशस्ती पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली अल्मोड़ा की प्रेमा मेहता, बागेश्वर की सविता नगरकोटी व पिथौरागढ़ की प्रेमा बसेड़ा ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। उनके द्वारा किये जा रहे सराहनीय एवं जनसेवा के कार्यों की उपस्थित लोगों द्वारा सराहना की गई। इस दौरान भातखण्डे संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने कथक नृत्य, देवभूमि संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा योगाभ्यास, कु0 कृतिका कुकरेजा द्वारा शास्त्रीय नृत्य, व आर.सी जुयाल द्वारा मोरचंग वादन(बिणाई)प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान श्री राज्यपाल ने कहा कि “पथ प्रदर्शक” कार्यक्रम का मकसद राज्य की प्रतिभाओं को संवारना, निखरना व उन्हें प्रेरित कर आगे बढ़ाने का है। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण व बालिका कल्याण को प्रोत्साहन देने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के बेटे-बेटियां जो पढ़ना चाहते हैं और किसी कारणवश पढ़ नहीं पाते उन्हें छात्रवृत्ति के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। विशेषकर ऐसे बच्चों को इस कार्यक्रम के माध्यम से सहायता करना इस उन्हें राज्यपाल ने कहा कि पथ प्रदर्शक कार्यक्रम उत्तराखण्ड के विभिन्न इलाकों में विषम परिस्थितियों में संघर्ष और परिश्रम कर रही मातृ शक्तियों को सम्मान दिलाने का माध्यम बने। राज्यपाल ने महिलाओं को इंगित करते हुए कहा कि ऐसे “पथ प्रदर्शक” कार्यक्रम भारत को विश्व गुरु की ओर ले जाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं अपने आप में विशेष हैं प्रदेश में महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में महिला सशक्तिकरण एवं बेटियों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित 20 निजी विश्वविद्यालयों में बालिकाओं के लिए पांच-पांच छात्रवृत्तियां देने का सुझाव दिया है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन की अनुरूप उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और आने वाले समय में उत्तराखण्ड देश का शीर्ष राज्य बनेगा।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की इस विशेष पहल का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला कल्याण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के शिक्षाविदों से आग्रह किया है कि वे अपने सुझाव सरकार को दें ताकि और बेहतर तरीक़े से योजनाओं का संचालन हो सके।
कार्यक्रम में सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान प्रथम महिला गुरमीत कौर, विधायक लैंसडौन श्री दिलीप रावत, सचिव राज्यपाल डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव शिक्षा दीप्ती सिंह, वित्त नियंत्रक तृप्ति श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद जनपद के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली व चहुंमुखी विकास की कामना की। इससे पूर्व कालीमठ पहुंचने पर जन प्रतिनिधियों सहित स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों व फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।
मां कालीमठ मंदिर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को गति दी जा रही है तथा उनके द्वारा जो संकल्प लिए गए हैं उन्हीं के अनुसार विकास कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सभी का सहयोग भी जरूरी है तभी वह कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार देश के अंदर आया है। जिसके लिए सभी को नई प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की उनके द्वारा निरंतर जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला श्रृंखला में हर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है तथा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का प्रमुख साधन हैं इससे सभी को लाभ प्राप्त होता है
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई जिनमें शहीद राम सिंह विद्यालय के आने वाले सत्र में उच्चीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कोटमा विद्यालय में स्थाई भवन बनाया जाएगा। चिलौंड सड़क मार्ग की घोषणा की गई। तथा स्यांसूगड़ सड़क मार्ग की घोषणा की। विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में बीएससी की कक्षाओं को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। गौरीकुंड से रामबाड़ा-चैमासी कालीमठ मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनका आंकलन कर उस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्रीमती शैला रानी रावत ने मुख्यमंत्री के उनकी विधान सभा क्षेत्र में आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने आपदा के दंश को झेला है जिसके लिए उन्होंने यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह रुतचौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ नगर पंचायत देवप्रकाश सेमवाल, चंडी प्रसाद भट्ट, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बाचस्पति सेमवाल, मंदिर समिति के मठाधीश अब्बल सिंह राणा, प्रधान कालीमठ गजपाल राणा, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रदीप राणा, श्रीनिवास पोस्ती, पंकज भट्ट, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रधान, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।
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प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी द्वारा विधानसभा स्थित सभा कक्ष में ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
ग्रा.वि. मंत्री ने पूर्व में आयोजित बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में विभाग द्वारा किये गये कार्य प्रगति की जानकारी ली। मा॰ मंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के तहत संचालित महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना आदि अन्य योजनाएं), राज्य पोषित योजनाओं ( प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मेरा गांव मेरी सड़क, मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, ग्रामीण व्यवसाय इन्क्यूवेटर व अन्य योजनाएं) तथा वाह्य सहायतित योजना (एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना) के बारे में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत चैक डेम, वाटर स्टोरेज हारवेस्टिंग, मत्स्य पालन के कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की तथा 100 दिन के भीतर किये जाने वाले कार्यों को ससमय पूर्ण किये जाने का निर्देश दिया। ग्रा.वि. मंत्री ने विभाग में रिक्त पदों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ने रायपुर ब्लाक में विभाग द्वारा नव निर्मित आउटलेट का उद्घाटन किये जाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मा॰ मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत आने वाली सड़कों तथा ब्रिजों का निर्माण कार्य सितंबर 2022 तक पूर्ण कर लिए जाये।
मा॰ मंत्री ने कहा कि जिन किसानों के खेत सड़क बनाने में उपयोग हुए हैं उन भूस्वामियों को दी जाने वाले मुआवजे की राशि शीघ्र आवंटित करें। उन्होने आवंटित/शेष मुआवजे की स्पष्ट जानकारी एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मा॰ मंत्री ने सीमान्त क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये ताकि पलायन को रोका जाय।
श्री जोशी ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का विभिन्न माध्यमों (सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, होर्डिंग्स आदि) से प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि योजना के अंतर्गत जिन ट्रेडस में रोजगार की सम्भावना अधिक हैं उन ट्रेडस में विशेष ध्यान दिया जाय ताकि अधिक से अधिक युवाओं को योजना का लाभ मिल सके। उन्होने स्वयं सहायता समूहों को और अधिक मजबूत करने हेतु योजना बनाये जाने, फेज -2 का कार्य सितम्बर 2022 तक पूर्ण करने, पुलों का निर्माण ससमय कराने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव, ग्राम्य विकास विभाग सचिन कुर्वे, अपर सचिव/आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, अपर सचिव उदयराज सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में रोप – वे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने रोप – वे प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस, एनएच एवं अन्य अप्रूवल आदि में लग रहे समय को देखते हुए कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रतिदिन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के निर्देश दिए। कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स का विशेषज्ञों द्वारा सर्वे करवा कर अधिक फुटफॉल वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि जहां अधिक आवश्यकता है उनका कार्य समय से पूर्ण हो सके। उन्होंने मसूरी और यमुनोत्री रोप – वे निर्माण कार्य की प्रत्येक कार्य पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने इंटरडिपार्टमेंटल कॉर्डिनेशन के लिए प्रोजेक्ट्स को उन्नति पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों एवं स्वीकृतियों में गति लायी जा सके, फिर भी कोई समस्या आ रही हो तो मुख्य सचिव स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित करवाई जाए ताकि समस्या का त्वरित निस्तारण किया जा सके।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु एवं सचिव श्री दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
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पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले बलात्कार, छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांच करने वाली महिला अधिकारियों (उपनिरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक) हेतु पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
कार्यशाला में प्रदेश के समस्त जनपदों से कुल 125 महिला अधिकारियों (उपनिरीक्षक- 116, निरीक्षक- 02 से पुलिस उपाधीक्षक- 07) ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि महिला सुरक्षा के प्रति उत्तराखण्ड पुलिस संवेदनशील है। निर्भया केस के बाद महिला सुरक्षा सम्बन्धी कानूनों में काफी परिवर्तन हुए हैं साथ ही कई नए कानून बने हैं। आईपीसी, सीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम सभी में काफी परिवर्तन आये हैं। इन सभी का विवेचकों को पूरा ज्ञान हो इसके लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिससे उन्हें इन कानूनों की सही जानकारी हो। महिलाओं के विरूद्ध होने वाले बलात्कार, छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांच/विवेचना महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ही की जाती है, इसलिए हमारे पुलिस अधिकारी एवं विवेचक पीडित के प्रति संवेदनशील हो। BPR&D (Bureau of Police Research and Development) द्वारा इन कानूनों एवं महिला अपराधों की विवेचना के सम्बन्ध में पूर्व में एवं नवीनतम जारी एस0ओ0पी0 की जानकारी हर विवेचक तक पहुंचे और उसका वह अनुपालन करे।पुलिस का कार्य पीडित मदद करना, उसे न्याय दिलाना और कानून के अनुसार कार्य करना है।