राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित वसंतोत्सव के विशेष प्रचार वाहन को फ्लैग ऑफ किया।
राजभवन देहरादून 02 मार्च, 2023:
राजभवन देहरादून में 03 से 05 मार्च तक आयोजित हो रहे तीन दिवसीय वसंतोत्सव- 2023 के विशेष प्रचार वाहन का गुरुवार को राजभवन से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने फ्लैग ऑफ किया। वसंतोत्सव के वृहद प्रचार-प्रसार के लिए फूलों से सुसज्जित यह वाहन पूरे देहरादून शहर में इस महोत्सव का प्रचार-प्रसार करेगा। यह प्रचार वाहन डोईवाला से सेलाकुई सहित संपूर्ण देहरादून शहर में भ्रमण कर पुष्प प्रदर्शनी हेतु लोगों को जानकारी देगा। राज्यपाल ने वसंतोत्सव में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर यहां पर पुष्प प्रदर्शनी, प्रतियोगिताओं और अन्य कार्यक्रमों का आनंद लें। इस अवसर पर उद्यान निदेशक डॉ. एच.एस.बावेजा, संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार, उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय वसंतोत्सव-2023 का 03 मार्च को प्रातः 11.00 बजे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) उद्घाटन करेंगे। 03 मार्च को दोपहर 1.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक तथा 04 व 05 मार्च को प्रातः 09 बजे से सायं 6.00 बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। 3 दिवसीय आयोजन में 16 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 62 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जाएंगे। इस प्रकार कुल 186 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त दिनांक 05 मार्च, 2023 को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे। इस वर्ष प्रतियोगिता में पहली बार 04 नई श्रेणियां यथा-रूफटॉप गार्डनिंग, बोन्साई, टेरारियम एवं शहद सम्मिलित की गयी हैं। साथ ही अधिक से अधिक पुष्प उत्पादकों को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से कट फ्लावर प्रतियोगिता के अन्तर्गत मात्र व्यक्तिगत एवं कृषकों की ही प्रतिभागिता सुनिश्चित की जायेगी।
इस वर्ष तिमरू (Zanthoxylum armatu) को विशेष डाक आवरण जारी किये जाने हेतु चयनित किया गया है। इस तीन दिवसीय आयोजन में राज्य के लगभग 30 विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा, जिसमें उद्यान विभाग के अतिरिक्त विभिन्न शोध संस्थान/कृषि विश्वविद्यालय/बोर्ड/निगम आदि प्रमुख होंगे। इन विभागों/संस्थानों द्वारा आयोजन में अपना स्टॉल लगाकर अपने विभाग के जनोपयोगी कार्यक्रमों/तकनीकियों का उत्कृष्टता के आधार पर प्रदर्शन किया जायेगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
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हम उस संस्कृति के साधक हैं जिसमें बिना नारी के पुरुष अधूरा है-सी.एम. धामी
हम उस संस्कृति के साधक हैं जहां पुरुष की परिकल्पना नारी के बिना अधूरी मानी जाती है। हमारे यहां जहां एक ओर अर्धनारीश्वर की पूजा की जाती है वहीं दूसरी ओर मां जगदम्बा को इस सृष्टि का मूल माना जाता है, यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ एवं ‘महिला भागीदारी को प्रोत्साहन’ में प्रतिभाग करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को सक्षम स्तर पर सूचित करते हुए रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में जाना जाएगा तथा मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे व्यक्ति या समूह को विशेष अवसरों पर सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने दूसरी घोषणा की कि समाज की कुरीति बाल विवाह की पूर्व सूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रूपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा तथा इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के ई-पेपर ‘अपनी वाणी’ का शुभारंभ किया एवं महिलाओं की आत्मरक्षा पर बनी लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड की समस्त नारीशक्ति को नमन करते हुए महिला सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि किसी समाज या राज्य की रीढ़, उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं। यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। उत्तराखण्ड के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। राष्ट्र-निर्माण में महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में कहा गया है जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। परंतु कालांतर में आक्रांताओं के प्रभाव के कारण समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल गया,इसका परिणाम महिलाओं के साथ किए जाने वाले अपराधों के रूप में सामने आया। परंतु अब समय आ गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के मन में भय पैदा किया जाय। ऐसे लोगों को ऐसा दंड मिले कि ऐसा घृणित अपराध करने से पहले इसके परिणाम के बारे में सोचकर उनकी रूह कांप जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र तथा राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मिलकर सभी प्रकार के प्रयत्न कर रही हैं। महिलाओं को होम-मेकर के साथ – साथ नेशन-मेकर के रूप में आगे बढ़ना होगा, तभी सही अर्थों में राष्ट्र का विकास संभव हो पायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा निरंतर प्रयास है कि महिलाओं के जीवन स्तर को जितना अधिक हो सके उतना ऊपर उठाया जा सके। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, लखपति दीदी योजना, महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने और पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का क्षेत्र हो या फिर सामाजिक न्याय की बात हो, हर क्षेत्र में महिलाओं को शक्ति संपन्न बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार द्वारा बनाई जाने वाली नीतियों में महिलाएं हमेशा प्राथमिकता पर रही हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा उज्ज्वला योजना चलाई जा रही है, इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 01 लाख 76 हजार अंत्योदय कार्डधारकों को साल में तीन गैस सिलिण्डर मुफ्त दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ को लेकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है। हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, देश का नाम रोशन करें, यह हम सबका दायित्व है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की राह को आसान करने के लिए सरकार ‘जल जीवन मिशन‘ योजना पर तेजी से काम कर रही है। हमारा लक्ष्य 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार को मातृ शक्ति का आशीर्वाद एवं समर्थन चाहिए।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। बेटी के पैदा होने पर महालक्ष्मी किट दी जा रही है। 12वीं पास करने पर नंदा-गौरा योजना के तहत बेटियों को 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। विभाग द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के तहत विभाग द्वारा पूरे सप्ताह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आज महिला सुरक्षा एवं भागीदारी प्रोत्साहन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। द्वितीय दिवस में महिलाओं एवं बालिकाओं, विशेषकर अकुशल श्रमिक महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के साथ समन्वयन कर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जायेगा। तृतीय दिवस मानव तस्करी एवं बाल विवाह निषेध सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर गृह विभाग के साथ समन्वयन कर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा । चतुर्थ दिवस राज्य में संचालित सरकारी / निजी संस्थानों, प्रतिष्ठानों, उद्यमों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं विद्यालयों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में गृह विभाग द्वारा “गौरा शक्ति एप“ एवं “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न“ के कानूनी प्रावधानों से सम्बंधित जन-जागरूकता अभियान कार्यक्रम किया जायेगा। पंचम दिवस में परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक यातायात के साधनों, यथा-बसों, ऑटो, टैक्सियों पर आपातकालीन नम्बर-112, महिला हैल्पलाईन नम्बर-1090, के साथ-साथ “मैं महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूँ“ टैग लाईन का अंकन किया जायेगा। षष्ठम दिवस में महिला सशक्तिकरण हेतु अन्तर्विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में निराश्रित/एकल महिलाओं के उत्थान कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री एच.सी. सेमवाल, विशेष सचिव श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं मातृशक्ति मौजूद थे।
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पुलिस ने गुलदार की खाल के साथ एक तस्कर किया गिरफ्तार।
गिरफ्तार करने वाली टीम को एसएसपी ने किया पुरस्कृत
अल्मोड़ा:(अशोक कुमार पाण्डेय) पुलिस की सयुक्त टीम द्वारा कोसी मार्ग दौलाघट पुल के पास दौराने चैकिंग अभियुक्त नन्द किशोर के कब्जे से एक खाल बरामद हुई,जिसकी पुष्टि मौके पर वन क्षेत्राधिकारी सोमेश्वर श्री मनोज लोहनी एवं वन क्षेत्राधिकारी अल्मोड़ा रेंज श्री मोहन राम आर्य एवं वनरक्षक हरेंद्र सिंह सतवाल के द्वारा गुलदार की खाल के रुप में की गई । मौके पर खाल की नाप की गई नाक से पुँछ तक लम्बाई 160 सेंटीमीटर, चौड़ाई 58 सेंटीमीटर निकली, इसके अतिरिक्त गुलदार के दात व नाखून भी खाल में मौजूद थे ।
अभियुक्त नन्द किशोर उम्र 28 वर्ष पुत्र प्रेम राम निवासी-फल्याटी पो0 अमसरकोट तह0 व जिला-बागेश्वर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर अंतर्गत धारा 2/9/39/49b/50/51/57 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 व 429 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की गई।
अभियुक्त से पुलिस द्वारा जब पूछताछ की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि हमारे गांव में गुलदार बहुत होते हैं मैंने मांस में जहर मिलाकर इस गुलदार को मारा था, फिर इसकी खाल निकालकर तराई क्षेत्र हल्द्वानी की ओर ऊंचे दाम में बेचने के लिए ले जा रहा था।
एसएसपी अल्मोड़ा द्वारा पुलिस टीम को 8,700 रु0 के नगद ईनाम से पुरस्कृत किया गया।
उक्त अभियुक्त को गिरफ्तार टीम में थानाध्यक्ष सोमेश्वर विजय नेगी ,प्रभारी एसओजी सुनील धनिक,प्रभारी एएनटीएफ सौरभ भारती, हेड कांस्टेबल 135 गोपाल गिरी थाना सोमेश्वर कांस्टेबल 395 सूरज सिंह थाना सोमेश्वर कांस्टेबल राकेश भट्ट एसओजी कांस्टेबल पवन थ्वाल एसओजी थे।