सचिव श्री राज्यपाल श्री रमेश कुमार सुधांशु ने बुधवार को जानकारी दी है कि राज्यपाल/ कुलाधिपति श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने विश्वविद्यालय अधिनियम धारा 11 की उपधारा 6 (अ.ब.एवं स) के तहत डॉ. तेज प्रताप कुलपति जी० बी० पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर को छह माह अथवा नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक (जो भी पहले हो) वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, पौड़ी गढ़वाल के कुलपति पद पर नियुक्त किया है। डॉ०तेज प्रताप को यह अतिरिक्त कार्यभार उनके वर्तमान पद के कार्यों एवं दायित्वों के साथ-साथ प्रदान किया गया है।
ज्ञातव्य है कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,भरसार,पौड़ी गढ़वाल के कुलपति पद का कार्यभार डॉ० बी वी आर सी पुरुषोत्तम,आयुक्त, गढ़वाल मंडल को दिया गया था। डॉ० बी वी आर सी पुरुषोत्तम के आयुक्त गढ़वाल मंडल पद से अवमुक्त होने के कारण उनके द्वारा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,भरसार,पौड़ी गढ़वाल के कुलपति पद संबंधी दायित्वों का निर्वहन किया जाना संभव नहीं है।
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राशन की दुकानों पर कम दरों पर दालें उपलब्ध कराने की बनेगी योजना
मिड-डे-मील व आईसीडीएस में भी दी जाएंगी दालें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पीएसएस (प्राईस सपोर्ट स्कीम) के तहत सब्सिडाईज्ड दरों पर दाल प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत केन्द्र सरकार के सहयोग से उपभोक्ताओं को सब्सिडाइज्ड दरों पर दाल उपलब्ध कराई जाएगी। मिड-डे-मील, एकीकृत बाल विकास परियोजना में भी दाल दी जाएगी। बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को पीएसएस (प्राईस सपोर्ट स्कीम) के तहत सब्सिडाईज्ड दरों पर दाल प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को राज्य की आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कम दर पर दाल मिलने से खास तौर पर निर्धन वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे मिड-डे-मील व आईसीडीएस के माध्यम से बच्चों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार नैफेड के माध्यम से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्यों में उपलब्ध दाल के स्टॉक से राज्य सरकार की मांग पर चना, तूअर व मसूर दालें उपलब्ध कराई जाएंगी। नोडल एजेंसी द्वारा जो भी निर्गमन मूल्य निर्धारित किया जाएगा उस पर 15 रूपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी केंद्र द्वारा राज्य सरकार को दी जाएगी। इन दालों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मिड-डे-मील, एकीकृत बाल विकास परियोजना में वितरित किया जाएगा। जिन राज्यों में दालें संग्रहित हैं उन राज्यों से दालों का क्रय कर उसकी हलिंग कराकर राज्य के बेस गोदामों पर व वहां से आंतरिक गोदामों व उचित दर विक्रेता की दुकान तक परिवहन करना होगा।
बैठक में सचिव श्री एलआर फैनई, श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम, श्रीमती राधिका झा, श्री सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थितथे।
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मुख्य सचिव ने डीबीटी लाभार्थियों को दिए जाने वाले लाभ 1 अगस्त से शत प्रतिशत ऑन लाईन करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को सचिवालय में प्रत्यक्ष लाभान्तरण योजना (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम) की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि डीबीटी के सभी लाभार्थियों को दिया जाने वाला लाभ 1 अगस्त 2019 से 100 प्रतिशत डीबीटी के माध्यम से दिया जाए। उन्होंने सभी विभागों को अपने लाभार्थियों की जानकारी शीघ्र वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि से संबंधित विभाग किसानों को फर्टिलाइजर्स देते समय भी पीओएस मशीनों का प्रयोग करें, ताकि पात्र व्यक्ति को ही लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों को स्कूल ड्रेस, पुस्तकें छात्रवृति आदि को पूर्ण रूप से डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने विभागों द्वारा लाभार्थियों को किए जाने वाले किसी भी प्रकार के भुगतान सीधे लाभार्थी के खाते में डालने पर बल दिया। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में सभी विभागों द्वारा डीबीटी को 100 प्रतिशत करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री अमित नेगी, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम एवं श्री शैलेश बगोली सहित
सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
टिहरी झील में सी-प्लेन के लिए किया गया एमओयू
टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन हेतु वाटरड्रोम की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व राज्य सरकार के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
वाटर ड्रोम की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना। वाटरड्रोम की स्थापना ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तरह की जाएगी।
पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार, अगस्त माह में फिक्की के सहयोग से देहरादून में हेलीकाप्टर कान्क्लेव आयोजित किया जाएगा।
टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन की दिशा में ठोस शुरूआत की गई है। बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन हेतु वाटरड्रोम की स्थापना के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व राज्य सरकार के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। वाटर ड्रोम की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।
इसी प्रकार पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम (कम्यूनिकेशन, नेवीगेशन, सर्विलांस एंड एयर ट्रैफिक मेनेजमेंट सर्विसेज) एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दोनों एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासित अवसर बताते हुए कहा कि टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए बड़ी शुरूआत हुई है। इससे टिहरी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों को लाभ होगा। पिछले कुछ समय में टिहरी की पहचान प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर बनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ राज्य का दूरस्थ क्षेत्र है। इसका सामरिक महत्व भी है। नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के संचालन से पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी बहुत सुविधा होगी। राज्य सरकार पिथौरागढ़ को डेस्टीनेशन के तौर पर विकसित कर रही है। वहां 50 हेक्टेयर में ट्ण्ूलिप गार्डन बनाया जाएगा। जो कि देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती उषा ने बताया कि यह एमओयू भारत सरकार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। वाटरड्रोम के लिए पहली बार किसी राज्य के साथ एमओयू किया गया है। उड़ान योजना के क्रियान्वयन में मुख्यमंत्री जी व उत्तराखण्ड सरकार ने काफी सक्रियता दिखाई है। प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने हमेशा सहयोग दिया है। उड़ान योजना में एयरपोर्ट डेवलपमेंट की लागत का सौ प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
श्रीमती उषा ने कहा कि पिथौरागढ़ में हवाई सेवाओं के संचालन को बहुत गम्भीरता से लिया गया है। राज्य में 13 हेलीपोर्ट विकसित किए जाने हैं इनमें से 10 की डीपीआर दे दी गई है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है। इसके टर्मिनल की क्षमता को 150 से बढ़ाकर 1800 किया जाएगा।
श्रीमती उषा ने बताया कि अगस्त माह में फिक्की के सहयोग से देहरादून में हेलीकाप्टर कान्क्लेव आयोजित किया जाएगा। उन्होंने पवन हंस की ओर से सीएसआर के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में 60 लाख रूपए की सहयोग राशि दिए जाने की बात भी कही।
सचिव नागरिक उड्डयन, उत्तराखण्ड सरकार श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार की उड़ान योजना के अंतर्गत सी-प्लेन संचालन के लिए टिहरी झील को चयनित किया गया है। योजना के तहत वाटरड्रोम की स्थापना व हवाई सेवाओं के संचालन के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व उत्तराखण्ड सरकार के मध्य त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके लिए टिहरी झील के निकट 2.5 हैक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गय है। वाटरड्रोम की स्थापना ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तरह की जाएगी। उड़ान योजना के तहत अवस्थापना पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत संचालित होने वाली हवाई सेवाओं के लिए एटीएफ पर वैट की दर को घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी श्रीमती सोना सजवाण, विधायक श्री विनोद कण्डारी, श्री धन सिंह नेगी, श्री विजय सिंह पंवार, श्री शक्ति लाल शाह, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक श्री एस चड्ढा, अपर सचिव नागरिक उड्डयन उत्तराखण्ड सोनिका, डीएम टिहरी श्री वी.षणमुगम, मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे