राज्यपाल ने दी मतदाता दिवस की बधाई व शुभकामनाएं # सीएम धामी ने ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया #जोशीमठ में 301परिवारों को अग्रिम राहत के रूप में रु.3.72करोड़ वितरित#एम्समें देवसीय (मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग ऑफ हैड इंज्यूरी पेशेंट्स) कार्यशाला का आयेजन# अल्मोड़ा में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गये #मुख्य सचिव  ने पिरुल के निस्तारण व उपयोग संबंधी बैठक ली-www.janswar.com

-अरुणाभ रतूड़ी

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।

राजभवन देहरादून 24 जनवरी, 2023

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि देश की प्रगति के लिए सुदृढ़ लोकतंत्र आवश्यक है और लोकतंत्र की सुदृढ़ता का आधार मतदाता है। मतदाता अपने विवेक के आधार पर निर्भीकता से अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की सुदृढ़ता में अपना अमूल्य सक्रिय योगदान दें।

राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र का यह उत्सव संविधान द्वारा प्रदान की गई लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति जनआस्था का प्रतीक है जो प्रत्येक मतदाता को एक निष्पक्ष व प्रगतिशील सरकार के चयन का अधिकार देता है। मतदाताओं का भी उत्तरदायित्व है कि वे लोकतंत्र की प्रतिष्ठा एवं मर्यादाओं की रक्षा के लिए जाति, धर्म, भाषा, समुदाय अथवा अन्य किसी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना निर्भयता से अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

राज्यपाल ने कहा कि मतदान अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य भी है। मतदान सबसे बड़ा दान है। मतदान करके लोग निर्वाचन प्रक्रिया में अपनी भागीदारी करते है। मतदान से देश का लोकतंत्र और अधिक शक्ति सम्पन्न होता है। सभी जागरूक नागरिकों की यह भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे प्रत्येक वर्ष मतदाता सूची को सही और अपडेट रखने में निर्वाचन आयोग को अपना सहयोग दें।

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सीएम धामी ने ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून स्थित नवीन बहुद्देशीय हॉल में ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न खेलों में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले महिला खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और बालिकाओं को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान करने वाले के खिलाफ हम कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। हमारी बेटियां हमारी शान, मान एवं अभिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में तीलू रौतेली, टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल, वंदना कटारिया जैसे अनेक नाम हैं जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए प्रदेश का मान और सम्मान बढ़ाया। आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिक्षा से लेकर खेल के मैदान और वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर सेना के अभियान तक में हमारी बेटियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 80 हजार बालिकाओं को 323 करोड़ रुपये की धनराशि “नंदा गौरा योजना“ के अंतर्गत हस्तांतरित की गई थी। जो निश्चित ही हमारी बेटियों के बेहतर भविष्य की नींव रखने में काम आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों मे बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी हुई है और लिंगानुपात में सुधार हुआ है, इससे स्पष्ट है कि बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं सफल हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा,स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनमें “महालक्ष्मी किट योजना“,“खुशियों की सवारी“ योजना, “नंदा गौरा“ योजना, “मुख्यमंत्री आंचल अमृत“ योजना,“मुख्यमंत्री महिला पोषण“ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें हमारी बेटियों और मातृशक्ति की अहम भूमिका होगी।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास तथा खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग द्वारा खेल को केंद्रित करते हुए बालिकाओं को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, यह सराहनीय पहल है। राज्य में बालिकाएं खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े इसके लिए राज्य में नई खेल नीति में हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए आर्थिक संकट से न गुजरना पड़े, इसके लिए नई खेल नीति में हर सुविधा देने के प्रयास किए गए है। खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रुपए से बढ़ाकर 175 रुपए की गई है। राज्य में लगभग 3900 बच्चों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 1500 रुपए प्रति बच्चे को छात्रवृत्ति दी जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत बालिकाएं शामिल हैं।

राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं।

राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दी जा रही है। खुशियों की सवारी योजना के माध्यम से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद जच्चा एवं बच्चा को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में गरीब कन्याओं के लिए राज्य सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही बालिका के जन्म के समय माता- पिता को 11 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत मां और नवजात शिशु की साफ-सफाई एवं पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम के हिसाब से अलग-अलग किट प्रदान की जा रही है। राज्य में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए गौरा शक्ति एप बनाया गया है। गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, श्रीमती सविता कपूर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कण्डवाल, खेल निदेशक श्री जितेन्द्र सोनकर एवं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आई बालिकाएं मौजूद थी।

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जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.72 करोड़ रूपये की धनराशि 301 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.72 करोड़ रूपये की धनराशि 301 प्रभावित परिवारों को वितरित कर दी गई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 182 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 282 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 947 है।

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एम्स ऋषिकेश में नेशनल हेल्थ मिशन, उत्तराखंड की ओर से दो दिवसीय (मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग ऑफ हैड इंज्यूरी पेशेंट्स) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागी मेडिकल ऑफिसर्स को हेड इन्ज्यूरी (सिर की चोट) से ग्रसित मरीजों के उपचार सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में 10 जिलों से आए 18 प्रतिभागियों के अलावा 10 न्यूरो सर्जरी रेजिडेंट, 20 न्यूरो सर्जरी नर्सेस व 20 बीएससी नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी प्रशिक्षण का लाभ लिया।

एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर ( डाॅ. ) मीनू सिंह,दिल्ली एम्स के न्यूरोलाॅजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डाॅ. )पद्मा श्रीवास्तव ,संस्थान की डीन एकेडमिक प्रोफेसर (डॉ.)जया चतुर्वेदी,एम्स न्यूरोसर्जरी विभाग के डाॅ. निशांत गोयल,डाॅ. जितेन्द्र चतुर्वेदी आदि प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया।

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अल्मोड़ा में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गये

अल्मोड़ा, 24 जनवरी 2023 (अशोक पाण्डेय)

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि आज 24 जनवरी 2023 को समय लगभग दोपहर 14:28 बजे जनपद में भूकम्प के झटके महसूस किए गए, जिसके उपरान्त जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र अल्मोड़ा द्वारा जनपद की समस्त तहसीलो से दूरभाष के माध्यम से सूचना प्राप्त की गई। उन्होंने बताया कि तहसीलो द्वारा प्राप्त सूचनानुसार किसी भी तहसील में जनहानि व पशुहानि की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि *भूकम्प का केन्द्र कालिका, नेपाल में बताया जा रहा है इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.8 रही ।

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मुख्य सचिव  ने पिरुल के निस्तारण व उपयोग संबंधी बैठक ली

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पिरूल (चीड़ की पत्ती) के निस्तारण एवं अन्य उपयोगों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर पिरूल से विद्युत उत्पादन हेतु लगाए गए कुछ प्लांट संचालक भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल का निस्तारण आवश्यक है। उन्होंने पिरूल के निस्तारण के लिए उसके विभिन्न उपयोगों पर शोध किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिरूल से ब्रिकेट्स बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि प्रयोग के रूप में स्कूलों में मिड डे मील के लिए प्रयोग हो रहे रसोई गैस आदि के उपलब्ध न होने के समय इन बिकेट्स को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पिरूल का उपयोग हो सकेगा, इस रोजगार से जुड़े लोगों को एक बाजार भी मिलेगा। साथ ही, जंगलों को आग से बचाया जा सकेगा। उन्होंने पिरूल के निस्तारण के लिए अन्य राज्य क्या कर रहे हैं, इसका भी अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पिरूल को वन उत्पाद की श्रेणी से बाहर किए जाने हेतु शीघ्र शासनादेश किया जाए। इससे पिरुल एकत्र करने वाले लोगों को पिरूल एकत्र करने में सुविधा होगी। उन्होंने पिरूल से विद्युत उत्पादन हेतु लगाए गए प्लांट्स का स्वयं दौरा करने की भी बात कही। कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन को व्यवहार्य बनाए जाने के लिए और क्या सुधार किया जा सकता है और पॉलिसी में और क्या बदलाव किया जा सकता है, इस पर भी विचार किया जाए।
इसके उपरांत मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर प्लांट्स को लगाए जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सरकारी भवनों एवं स्कूलों की छत पर सोलर प्लांट्स लगाए जाने हेतु शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि एक ओर सोलर एनर्जी पर्यावरण के अनुकूल है, वहीं दूसरी ओर यह विद्युत व्यय को बहुत कम करने में सक्षम है। इसे पूरे प्रदेश में जहां भी संभव हो, सरकारी भवनों में शुरू कराया जाना चाहिए
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, श्री विजय कुमार यादव, निदेशक उरेडा श्री रंजना राजगुरु, सचिव वन, अधीक्षण अभियन्ता यूपीसीएल श्री एन.एस. बिष्ट एवं पिरूल प्लांट संचालक महादेव सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।