राज्यपाल ने इंदौर (म.प्र.) में भोज पर्व कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। #जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 136 एल.पी.एम. हुआ# प्रेस के सम्मुख उत्तराखण्ड के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।#जोशीमठ आपदा पर मुख्यमंत्री की लगातार नजर-www.Janswar.com

  1. -अरुणाभ रतूड़ी

22 जनवरी, 2023

राज्यपाल ने इंदौर में भोजपर्व कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को मध्यप्रदेश, इंदौर में नर्मदा साहित्य मंथन द्वारा आयोजित “भोज पर्व” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में उन्होंने आंतरिक सुरक्षा, चुनौतियों एवं समाधान विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

राज्यपाल ने कहा की राष्ट्र और समाज के लिए कार्य करना एक महान कार्य हैं। आज जहां लोग अपने परिवार से बाहर नहीं सोच पा रहे ऐसी स्थिति में जब युवा, साहित्यकार और विचारक साहित्य मंथन जैसे आयोजनों के माध्यम से राष्ट्र की सुरक्षा जैसे विषयों से जुड़ता है तो मुझे विश्वास हैं उस देश का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

उन्होंने कहा की गलवान घाटी हमले के बाद जिस प्रकार पूरे देश ने एकजुटता दिखाई हैं वह प्रशंसा और गर्व करने लायक़ हैं। भारत के लोगों को अपनी शक्ति को पहचानना होगा। पूरा विश्व जानता है कि हम आत्मविश्वास से भरी शक्ति है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बॉर्डर एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा हैं वह हमारी सेना के मनोबल को और ऊँचा उठाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा की समाज के सामने चुनौतियां बहुत हैं,और उसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सैनिक की भांति कार्य करना होगा।

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जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 136 एल.पी.एम. हुआ

अग्रिम राहत के तौर पर 3.62 करोड़ रूपये की धनराशि 242 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई
सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने शनिवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए बताया है कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.62 करोड़ रूपये की धनराशि 242 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 136 एलपीएम हो गया है।  अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 650 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01,  सिंहधार में 02,  मनोहरबाग में 05,  सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 274 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 921 है।*********

उत्तराखण्ड के सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी को स्पेशल अवार्ड  के लिए किया चयनित

उत्तराखण्ड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मतदान पार्टियों द्वारा अपने गन्तव्य स्थान तक ईवीएम के सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन, विशेषकर वीवीपैट, जिसका डाइमेंशन हाथ से कैरी करने के लिए सुविधा जनक नहीं है, के लिए ईवीएम बैग बनवाने का विचार आया। बैग के प्रयोग से मतदान कर्मियों को ईवीएम मशीनों को बैगपैक से कैरी करने में मशीन एवं कार्मिक दोनों को ही सुरक्षात्मक सुविधा प्राप्त हुई। आयोग द्वारा उत्तराखण्ड के इस अभिनव प्रयोग को सभी राज्यों में परिचालित कर इसे पैन इंडिया स्तर पर प्रयोग किए जाने की मान्यता प्रदान की गयी। इसी प्रकार ईवीएम के रख-रखाव एवं सकारात्मक प्रचार-प्रसार के लिए भी श्री दास द्वारा विभिन्न कार्य किए गए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2022 में विभिन्न निर्वाचनों के दौरान उत्कृष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों से उन्हें विभिन्न श्रेणी यथा जनरल अवार्ड, स्पेशल अवार्ड, नेशनल अवार्ड फोर गवर्नमेंट डिपार्टमेंट-एजेंसी, पीएसयू एवं वेस्ट स्टेट अवार्ड तथा नेशनल मीडिया अवार्ड प्रदान किए जाने हेतु सभी राज्यों से प्रस्ताव मांगें गए थे। जिसके क्रम में उत्तराखण्ड राज्य से से श्री मस्तू दास, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी को स्पेशल अवार्ड के लिए चयनित किया गया। श्री दास को दिनांक 25 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष पर महामहिम श्री राष्ट्रपति जी द्वारा नई दिल्ली में अवार्ड प्रदान किया जाएगा।

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प्रेस के सम्मुख उत्तराखण्ड के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

  रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी कलाकारों द्वारा प्रेस के सम्मुख अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक झलक पेश की गयी। उत्तराखण्ड राज्य के कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड की पारंपरिक वेशभूषा में राष्ट्रीय रंगशाला में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित लोगों द्वारा सराहा गया। साथ ही इन 16 राज्यों के कलाकारों द्वारा भी अपने-अपने प्रदेश की झांकी के साथ पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी गई। गणतंत्र दिवस समारोह में इस वर्ष 17 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई है।

उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी श्री के.एस. चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य से 18 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड झांकी में भाग ले रहे हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय “मानसखण्ड” रखा गया है। गणतंत्र दिवस समारोह पर कर्तव्य पथ उत्तराखंड राज्य की झांकी मार्च पास्ट करते हुए चतुर्थ स्थान पर देखने को मिलेगी। झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित किया गया है। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित है।

श्री चौहान ने कहा कि कर्तव्य पथ पर इस बार उत्तराखण्ड की झांकी “मानसखण्ड” सबके लिये आकर्षण का केन्द्र रहेगी। उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा। देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। श्री चौहान ने कहा कि आध्यात्मिक भूमि उत्तराखण्ड में जहाँ एक ओर जीवन दायिनी गंगा, यमुना बहती है तथा दूसरी ओर चार-धाम पवित्र तीर्थस्थल विद्यमान हैं। उत्तराखण्ड आध्यात्मिक शांति और योग के लिये अनुकूल धरती है। इसलिए उत्तराखण्ड को देवभूमि भी कहा जाता है।

उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्रा0लि0 के निदेशक श्री सिद्धेश्वर  कानूगा द्वारा किया जा रहा है।

इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जायेगा।

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  • जोशीमठ  प्रभावितों के लिए राज्य सरकार कर रही है हर संभव व्यवस्थाएं, सीएम धामी की है लगातार नजर
  • प्रभावितों के रहने-खाने एवं ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त संख्या में की गई हीटर, ब्लोअर, हॉट वाटर बॉटल आदि की व्यवस्था
  • नियमत रूप से की जा रही स्वास्थ्य जांच

जोशीमठ आपदा प्रभावित इस समय राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रभावितों के रहने-खाने से लेकर शीत से बचाने हेतु पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। जहां आपदा प्रभावित परिवारों के सदस्यों के रहने की व्यवस्था होटलों के अलावा राहत शिविरों में की गई है तो ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की समस्या न होने पाए। जानकारी के अनुसार 120 परिवारों को हीटर और ब्लोअर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा जो लोग होटल में ठहरे हैं उनके लिए होटल के हीटर-ब्लोअर उपलब्ध हैं। 1082 ली दूध, 105 लोगों को इलेक्ट्रिक केतल, 110 लोगों को थर्मल वियर, 175 लोगों को हॉट वॉटर बोतल, 592 लोगों को टोपी, 280 लोगों को मोजे, 213 लोगों को शॉल आदि जरूरत का सामान वितरित किया गया है। इसी तरह अब तक 842 लोगों को खाद्यान्न किट, 693 को कंबल, 121 लोगों को डेली यूज़ किट, 48 लोगों को जूते भी दिए गए हैं। आमजन की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है। अब तक कुल 826 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के मवेशियों का भी पूरा ख्याल राज्य सरकार की ओर से रखा जा रहा है। 72 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं 100 चारा बैग भी वितरित किये गये हैं।
जोशीमठ में आपदा प्रभावित 275 परिवारों के 925 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रुकवाया गया है। राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा इत्यादि मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा एवं स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल एवं धर्मशाला में ठहराया गया है।
नगर पालिका जोशीमठ में 16 परिवार के 63 सदस्यों को रुकवाया गया है। गुरुद्वारा जोशीमठ में 7 परिवारों के 28 सदस्य रह रहे है। इसी तरह, प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ में 4 परिवारों 11 सदस्य, जोशीमठ सिंचाई विभाग कॉलोनी में 1 परिवार के 4 सदस्य, टूरिस्ट हॉस्टल औली रोड में दो परिवारों के 8 सदस्यों, राजीव गांधी अभि.वि.जोशीमठ में 1 परिवार के 6 सदस्य, प्रा.वि.सिंगधार में 3 परिवारों के 18 सदस्य, होटल शैलजा में 3 परिवारों के 11 सदस्य, होटल श्रीमान पैलैस में 7 परिवारों के 16 सदस्य, विवेक लाज में 2 परिवारों के 10 सदस्य, होटल सैफायर में 9 परिवारों के 46 सदस्य, होटल द्रोणागिरी में 10 परिवारों के 34 सदस्य, काली कमली धर्मशाला में 5 परिवारों के 23 सदस्य, मिलन केन्द्र सिंगधार में 1 परिवार के 4 सदस्य, होटल तथास्तु में 3 परिवारों के 13 सदस्य, होटल उदय पैलेस में 12 परिवारों के 45 सदस्य, होटल हिमशिखर मे 6 परिवारों के 21 सदस्यों को ठहराया गया है।
जबकि होटल ईश्वरी नारायण में 20 परिवारों के 63 सदस्य, शिवालिक कैम्पिंग एंड कार्टज में 7 परिवारों के 22 सदस्य, औली इको नेचर रिजॉर्ट में 5 परिवारों के 22 सदस्य, होटल पथिक में 5 परिवारों के 8 सदस्य, भारत गेस्ट हाउस में 4 परिवारों के 20 सदस्य, संस्कृति महाविद्यालय में 26 परिवारों के 79 सदस्य, होटल आली डी में 1 परिवार के 5 सदस्य, अलकनंदा सदन जोशीमठ में 3 परिवारों के 10 सदस्य, गुंजन गेस्ट हाउस में 3 परिवारों के 11 सदस्य, बलराम गेस्ट हाउस में 11 परिवारों के 48 सदस्य, न्यू सिद्धार्थ होटल में 10 परिवारों के 20 सदस्य, जय मां सरस्वती में 6 परिवारों के 10 सदस्य, हिमालय होटल में 1 परिवार के 3 सदस्य, होटल साईधाम में 5 परिवारों के 12 सदस्य, होटल माणिक पैलेस में 9 परिवारों के 29 सदस्य, होटल ब्रहमकमल में 3 परिवारों के 11 सदस्य, होटल महिम रेजीडेंसी में 4 परिवारों के 16 सदस्य, चरक गेस्ट हाउस में 2 परिवारों के 6 सदस्यों को ठहराया गया है।
होटल शिवा पैलेस में 2 परिवारों के 11 सदस्य, होटल शिवलोक में 1 परिवारों के 3 सदस्य, होटल त्रिशूल में 5 परिवारों के 27 सदस्य, अनमोल होम स्टे में 4 परिवारों के 18 सदस्य, एनके होमस्टे में 3 परिवारों के 12 सदस्य, मंदिर समिति गेस्ट हाउस में 1 परिवार का 1 सदस्य, होटल धनेश में 10 परिवारों के 45, होटल दीपिका में 1 परिवार के 4 सदस्य सदस्यों को ठहराया गया है। इसके अतिरिक्त 31 परिवारों के 48 सदस्य अपने रिश्तेदारों/किराये पर रह रहे हैं।