राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने दी जन्मदिन की बधाई दी #राज्यपाल ने देहरादून मे आयेजित “बीटिंग दी रिट्रीट“ में प्रतिभाग किया। # मुख्यसचिव ने अधिकारियों से प्रदेश में निवेश योग्य योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की # कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल विधानसभा में विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया। #अग्निशमन सेवा द्वारा गोपेश्वर व गैरसैंण में छात्रों को अग्निशमन उपकरणों की जानकारी दी गयी।www.janswar.com

-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

 देहरादून 01 फरवरी, 2023

राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने दी जन्मदिन की बधाई दी

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक कपकोट सुरेश गड़िया, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने राज्यपाल से भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

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राज्यपाल ने देहरादून मे आयेजित  “बीटिंग दी रिट्रीट“  में प्रतिभाग किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित “गणतंत्र नमन“ के विशेष कार्यक्रम “बीटिंग दी रिट्रीट“  में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के दौरान आईएमए, आईटीबीपी, पुलिस व स्काउट्स के बैंड ने अपने प्रदर्शन से सभी का मन मोह लिया। रिट्रीट के पश्चात सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम के उपरान्त राज्यपाल द्वारा सभी बैंड के जवानों को सम्मानित किया गया।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर 6 दिनों तक चले “गणतंत्र नमन“ कार्यक्रम में “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ थीम पर फोटो प्रदर्शनी एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना “आत्मनिर्भर भारत“ के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विभिन्न स्टालों का प्रदर्शन भी किया गया।

राज्यपाल ने इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजकों, बैंड के जवानों, सभी कलाकारों एवं महिला बैंड की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी बैंड ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।

इस अवसर पर कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, आईजी गढ़वाल श्री करन सिंह नगन्याल, केंद्रीय संचार ब्यूरो के अपर महानिदेशक श्री विजय कुमार एवं सहायक निदेशक डॉ. संतोष आशीष उपस्थित रहे।

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मुख्यसचिव ने अधिकारियों से प्रदेश में निवेश योग्य योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में शासन और विभाग के सभी अधिकारियों के साथ प्रदेश में निवेश योग्य योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की। उन्होंने नियोजन विभाग से खरीद वरीयता नीति (Purchase Preference Policy) तैयार करने के निर्देश दिए। इस पॉलिसी के तहत विभागों से जानकारी मांगी जाए कि किस विभाग को किस प्रकार की खरीद करनी होती है। इसके अनुसार प्रदेश में ही वस्तुओं आदि का उत्पादन पर फोकस किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए प्रत्येक विभाग से एक प्रारूप में सभी प्रकार की जानकारियां मांगी जाएं ताकि प्रदेश में इन खरीदे जाने वाली वस्तुओं का उत्पादन किया जाए। इससे प्रदेश में उत्पादित होने से रोजगार तो उत्पन्न होगा ही साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खपत संचालित योजनाओं से प्रदेश को लाभ होगा।
मुख्य सचिव ने लैंड बैंक को पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग लैंड बैंक पोर्टल पर अपने लिए सबसे उपयुक्त भूमि की तलाश कर सकेगा। इससे उस भूमि पर योजना की सफलता के अधिक सम्भावना होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग के पास पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विभिन्न जगहों पर अपनी भूमि हैं। पर्यटन विभाग के लिए पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए उसकी लोकेशन बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। और पर्यटन इन भूमियों को प्रयोग करने की योजनाएं बना रहा है, परन्तु आसपास में किसी अन्य विभाग की भूमि है जो पर्यटन की उस योजना के लिए, अधिक अनुकूल है। तो पर्यटन विभाग को अपनी भूमि के बजाय उस अधिक उपयुक्त भूमि पर निवेश करने की आवश्यकता है न कि अपनी भूमि पर। उन्होंने कहा कि विभागों के पास जो भी भूमियां हैं वह सार्वजनिक सम्पत्ति है, जो विभाग को उनके कार्यों के लिए दी गयी है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा उनके विभाग की भूमि में उन्हीं के विभाग से सम्बन्धित योजनाओं का ही संचालन हो, की मानसिकता को त्यागे जाने की जरूरत बताया। कहा कि प्रदेश के हित में जिस भूमि का जिस कार्य अथवा योजना के लिए अधिक उपयोगिता होगी, उसी कार्य के लिए प्रयोग की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पोषक अनाजों पर अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को हॉर्टी टूरिज्म की दिशा में योजनाएं लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को धनौल्टी की तर्ज पर प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून मसूरी के आवासीय विद्यालय भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इस प्रकार के आवासीय विद्यालयों पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। इससे सिर्फ इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को किसी न किसी रूप में लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत से निवेश और उद्योग छोटी-छोटी समस्याओं के कारण अटक जाते हैं। इनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर तीन स्तर में समितियां गठित की जा सकती हैं। पहले स्तर पर शासन स्तर पर समस्या का निराकरण किया जाए। यदि वहां समस्या का निस्तारण नहीं होता तो मुख्य सचिव स्तर पर किया जाएगा उसके बावजूद नहीं हो सकेगा तो मुख्यमंत्री स्तर पर गठित समिति उस समस्या का निस्तारण करेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार एवं अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में शासन और विभाग के सभी अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में शासन और विभाग के सभी अधिकारियों के साथ प्रदेश में निवेश योग्य योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की। उन्होंने नियोजन विभाग से खरीद वरीयता नीति (Purchase Preference Policy) तैयार करने के निर्देश दिए। इस पॉलिसी के तहत विभागों से जानकारी मांगी जाए कि किस विभाग को किस प्रकार की खरीद करनी होती है। इसके अनुसार प्रदेश में ही वस्तुओं आदि का उत्पादन पर फोकस किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए प्रत्येक विभाग से एक प्रारूप में सभी प्रकार की जानकारियां मांगी जाएं ताकि प्रदेश में इन खरीदे जाने वाली वस्तुओं का उत्पादन किया जाए। इससे प्रदेश में उत्पादित होने से रोजगार तो उत्पन्न होगा ही साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खपत संचालित योजनाओं से प्रदेश को लाभ होगा।
मुख्य सचिव ने लैंड बैंक को पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग लैंड बैंक पोर्टल पर अपने लिए सबसे उपयुक्त भूमि की तलाश कर सकेगा। इससे उस भूमि पर योजना की सफलता के अधिक सम्भावना होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग के पास पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विभिन्न जगहों पर अपनी भूमि हैं। पर्यटन विभाग के लिए पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए उसकी लोकेशन बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। और पर्यटन इन भूमियों को प्रयोग करने की योजनाएं बना रहा है, परन्तु आसपास में किसी अन्य विभाग की भूमि है जो पर्यटन की उस योजना के लिए, अधिक अनुकूल है। तो पर्यटन विभाग को अपनी भूमि के बजाय उस अधिक उपयुक्त भूमि पर निवेश करने की आवश्यकता है न कि अपनी भूमि पर। उन्होंने कहा कि विभागों के पास जो भी भूमियां हैं वह सार्वजनिक सम्पत्ति है, जो विभाग को उनके कार्यों के लिए दी गयी है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा उनके विभाग की भूमि में उन्हीं के विभाग से सम्बन्धित योजनाओं का ही संचालन हो, की मानसिकता को त्यागे जाने की जरूरत बताया। कहा कि प्रदेश के हित में जिस भूमि का जिस कार्य अथवा योजना के लिए अधिक उपयोगिता होगी, उसी कार्य के लिए प्रयोग की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पोषक अनाजों पर अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को हॉर्टी टूरिज्म की दिशा में योजनाएं लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को धनौल्टी की तर्ज पर प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून मसूरी के आवासीय विद्यालय भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इस प्रकार के आवासीय विद्यालयों पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। इससे सिर्फ इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को किसी न किसी रूप में लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत से निवेश और उद्योग छोटी-छोटी समस्याओं के कारण अटक जाते हैं। इनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर तीन स्तर में समितियां गठित की जा सकती हैं। पहले स्तर पर शासन स्तर पर समस्या का निराकरण किया जाए। यदि वहां समस्या का निस्तारण नहीं होता तो मुख्य सचिव स्तर पर किया जाएगा उसके बावजूद नहीं हो सकेगा तो मुख्यमंत्री स्तर पर गठित समिति उस समस्या का निस्तारण करेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार एवं अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।। उन्होंने नियोजन विभाग से खरीद वरीयता नीति (Purchase Preference Policy) तैयार करने के निर्देश दिए। इस पॉलिसी के तहत विभागों से जानकारी मांगी जाए कि किस विभाग को किस प्रकार की खरीद करनी होती है। इसके अनुसार प्रदेश में ही वस्तुओं आदि का उत्पादन पर फोकस किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए प्रत्येक विभाग से एक प्रारूप में सभी प्रकार की जानकारियां मांगी जाएं ताकि प्रदेश में इन खरीदे जाने वाली वस्तुओं का उत्पादन किया जाए। इससे प्रदेश में उत्पादित होने से रोजगार तो उत्पन्न होगा ही साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खपत संचालित योजनाओं से प्रदेश को लाभ होगा।
मुख्य सचिव ने लैंड बैंक को पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग लैंड बैंक पोर्टल पर अपने लिए सबसे उपयुक्त भूमि की तलाश कर सकेगा। इससे उस भूमि पर योजना की सफलता के अधिक सम्भावना होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग के पास पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विभिन्न जगहों पर अपनी भूमि हैं। पर्यटन विभाग के लिए पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए उसकी लोकेशन बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। और पर्यटन इन भूमियों को प्रयोग करने की योजनाएं बना रहा है, परन्तु आसपास में किसी अन्य विभाग की भूमि है जो पर्यटन की उस योजना के लिए, अधिक अनुकूल है। तो पर्यटन विभाग को अपनी भूमि के बजाय उस अधिक उपयुक्त भूमि पर निवेश करने की आवश्यकता है न कि अपनी भूमि पर। उन्होंने कहा कि विभागों के पास जो भी भूमियां हैं वह सार्वजनिक सम्पत्ति है, जो विभाग को उनके कार्यों के लिए दी गयी है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा उनके विभाग की भूमि में उन्हीं के विभाग से सम्बन्धित योजनाओं का ही संचालन हो, की मानसिकता को त्यागे जाने की जरूरत बताया। कहा कि प्रदेश के हित में जिस भूमि का जिस कार्य अथवा योजना के लिए अधिक उपयोगिता होगी, उसी कार्य के लिए प्रयोग की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पोषक अनाजों पर अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्यान विभाग को हॉर्टी टूरिज्म की दिशा में योजनाएं लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को धनौल्टी की तर्ज पर प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून मसूरी के आवासीय विद्यालय भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इस प्रकार के आवासीय विद्यालयों पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। इससे सिर्फ इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को किसी न किसी रूप में लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बहुत से निवेश और उद्योग छोटी-छोटी समस्याओं के कारण अटक जाते हैं। इनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर तीन स्तर में समितियां गठित की जा सकती हैं। पहले स्तर पर शासन स्तर पर समस्या का निराकरण किया जाए। यदि वहां समस्या का निस्तारण नहीं होता तो मुख्य सचिव स्तर पर किया जाएगा उसके बावजूद नहीं हो सकेगा तो मुख्यमंत्री स्तर पर गठित समिति उस समस्या का निस्तारण करेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार एवं अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय बजट 2023 -24 हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए  कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। 2014 से सरकार के प्रयासों से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर बजट पेश किया है। समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र को समर्पित ये बजट, अमृत काल के विजन को बताता है। यह अमृत काल का पहला बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्गो के विकास की रूपरेखा है।
केन्द्रीय बजट 2023-24 देश के समावेशी विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने वाला है।
बजट में खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित रखते हुए अगले 1 वर्ष तक सभी प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति का निर्णय अत्यन्त सराहनीय है। बजट में राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया गया है। ये केंद्र की टीम इंडिया की भावना को बताता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता मिलेगी। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य के किसानों, बागवानों, पशुपालको और मत्स्य पालकों को भी लाभ मिलेगा।
जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी और सार्वजनिक पार्टनरशिप के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार किया जाएगा। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन का महत्व बहुत अधिक है। निश्चित रूप बजट में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए की जा रही पहल प्रदेश में पर्यटन विकास में काफी सहायक सिद्ध होगी। वाइब्रेंट विलेज के माध्यम से सीमावर्ती गांवों के विकास पर फोकस किया जायेगा। इससे राज्य के सीमावर्ती गांवों को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि बजट में नया टैक्स स्लैब लाया गया है। इससे मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा को काफी राहत मिलेगी। आयकर छूट का दायरा बढ़ाया गया। यह बजट हमारे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए भी खास रहा है। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा अब 4.5 लाख से बढ़कर 9 लाख की जाएगी। महिलाओं के लिए नई बचत योजना की घोषणा की गई है। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। बजट में जहां गरीबों, मध्यम वर्ग, महिलाओं, युवाओं, उद्यमियों  किसानों, शिल्पकारों, वरिष्ठ नागरिकों सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, वही इकोनॉमी की मजबूती और रक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुल मिलाकर कहा जाए तो यह बजट सच्चे मायनों में अमृत काल का बजट है। युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों, मध्यम वर्ग का बजट है। आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड राज्य तथा प्रदेशवासी बजट से पूर्णतः लाभान्वित होंगे।

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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल विधानसभा में विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिचांई, लघु सिचांई, संस्कृति, ग्रामीण निर्माण, पंचायतीराज, जलागम प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण एवं भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजना मंत्री मा0 सतपाल महाराज ने आज चौबट्टाखाल विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया।
बुधवार को मा0 मंत्री सतपाल महाराज ने संतुधार में शिवहरि उत्तराखंड फाउंडेशन अस्पताल का शिलान्यास किया। इसके साथ ग्राम पंचायत कोटा पंचायत भवन, ग्राम पंचायत बल्यूली पंचायत भवन, ग्राम पंचायत ग्वाड़ तल्ला पंचायत भवन, ग्राम पंचायत जैतोली पंचायत भवन, ग्राम पंचायत भेड़गांव पंचायत भवन, ग्राम पंचायत पवोली पंचायत भवन का शिलान्यास भी किया। इसके उपरांत राजीव गांधी नवोदय विद्यालय संतुधार में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, जिसमें नवोदय विद्यालय के छात्र-छात्राओं और आशुकला समिति कोटद्वार सांस्कृतिक द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गयी।
उन्होंने उत्तराखंड की झांकी मानसखण्ड के प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सभी को बधाई दी। कहा कि ढाई हजार ढोल सागर को बढ़ावा दिया जायेगा, पंचायती राज विभाग के मर्ज होने से गौरा कन्या की तिथि विस्तार और सरलीकरण दोनों आदेशों का स्थगन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गांव में स्थापना दिवस मनाने के साथ ही  गांव के उत्पाद, वन पंचायत में पौधरोपण, सफाई अभियान आदि कार्यों को लेकर पंचायतों को मजबूत करना है। कहा कि उत्तराखंड का भोजन बड़े-बडे़ होटल में उच्च दामों में मिल रहा है। उन्होंने पहाड़ी उत्पादों को ओर बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे अच्छे दामों पर पहाड़ी उत्पादों को लोग खरीद सकेंगे।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, उपजिलाधिकारी चौबट्टाखाल संदीप कुमार, शिवहरि फाउंडेशन के डॉ0 हरिओम, शिव ओम, लक्ष्मी देवी, अनिता देवी, बद्री केदार मंदिर समिति सदस्य पुष्कर जोशी सहित क्षेत्रीय जनता व नवोदय विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।
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अग्निशमन सेवा द्वारा गोपेश्वर व गैरसैंण में छात्रों को अग्निशमन उपकरणों की जानकारी दी गयी।

फायर सर्विस द्वारा राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज गोपेश्वर व राजकीय प्राथमिक विद्यालय गैरसैंण में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर फायर उपकरणों के सम्बन्ध में छात्रों को किया जागरूक

आज दिनांक 01/02/2023 को श्रीमान पुलिस अधीक्षक चमोली श्री प्रमेन्द्र डोबाल महोदय के आदेशानुसार फायर स्टेशन गोपेश्वर व फायर यूनिट गैरसैंण द्वारा क्रमश: श्री 1008 गीतास्वामी राजकीय इंटर कॉलेज गोपेश्वर व राजकीय प्राथमिक विद्यालय गैरसैंण में फायर एक्सटिंग्विशर व उपकरणों के संचालन के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उक्त जागरूकता कार्यक्रम में छात्रों व शिक्षक स्टाफ को अग्नि सुरक्षा विषय पर जानकारी व उपकरणों के संचालन का अभ्यास कराने के साथ आग से बचाव एवं सावधानियों के बारे में जानकारी साझा की गयी । इस दौरान विद्यालय शिक्षण स्टाफ व समस्त छात्र-छात्राएं व फायर स्टाफ के कर्मी मौजूद रहे। गोपेश्वर मे प्रभारी अग्निशमन अधिकारी श्री धीरज सिंह तड़ियाल व गैरसैंण में लीडिंग फायरमैन राजीव राठौर द्वारा अभ्यास करवाया गया। राजकीय इंटर कॉलेज गोपेश्वर में लगभग 400 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। जनपद फायर सर्विस द्वारा लगातार इस प्रकार से विभिन्न स्कूलों-कालेज, संस्थाओं, प्रतिष्ठानों में जाकर अग्नि सुरक्षा के संबन्ध में जागरूक किया जा रहा है, ताकि प्राथमिक स्तर पर किसी भी विपरीत परिस्थितियों में अपरिहार्य घटना को घटने से रोका जा सकें।