समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी।
मुख्यसचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की ऋषिकेश -कर्ण प्रयाग रेल लाईन निर्माण प्रगति समीक्षा।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलाधिकारियों से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन निर्माण के प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के साथ समन्वय बनाकर हर तरह की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि अवशेष कार्य को जल्द से जल्द टाईमलाईन सहित पूर्ण कर लिया जाए साथ ही कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्य सचिव ने आर.वी.एन.एल. के अधिकारियों से कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि जल संस्थान जल्द से जल्द पाईप लाइन शिफ्टिंग का कार्य पूर्ण कर लें उसमें आ रही समस्याओं से समय-समय पर शासन को अवगत कराया जाए ताकि समस्याओं का निराकरण हो। रेल लाइन से संबंधित भूमि अधिग्रहण के कार्य के पश्चात् भूमि मुआवजा सम्बन्धी कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जाए। टनल निर्माण एवं अन्य निर्माण से होने वाले मलबा के निस्तारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को अवशेष निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने निर्देश दिये कि रेलवे लाइन में बनने वाले टनलों में विशेषकर जो वन क्षेत्र में हो उन टनलों में सेंसरयुक्त गेट लगाये जाएं जिससे जंगली जानवरों के टनल में जाने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 के 03 स्थानों ब्यासी डायवर्जन, नरकोटा डायवर्जन व सुमेरपुर डायवर्जन के प्रकरणों पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक श्री जय राज, सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री नितेश कुमार झा, श्री शैलेश बगोली, श्री सुशील कुमार, अपर सचिव डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक पिटकुल श्री संजय मित्तल, रेल विकास निगम लि. के एडिशनल जनरल मैनेजर श्री विजय डंगवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सुरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।
चार दिग्गज राज्य निर्माण आंदोलन कारी, आंदोलनकारी समिति के संरक्षक मनोनीत।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट से परामर्श के बाद उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के चार दिग्गज राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को समिति का संरक्षक मनोनीत किया है ।
यह नियुक्तियां तत्काल प्रभावी हो गई हैं।
जिन प्रमुख राज्य निर्माण आंदोलन कार्यों को समिति ने संरक्षक मनोनीत किया है उनमें चंपावत के प्रसिद्ध राज्य निर्माण आंदोलनकारी नवीन मुरारी, कोटद्वार के दिग्गज आन्दोलनकारी डॉक्टर शक्तिशैल कपरवाण , रुड़की के विख्यात आंदोलनकारी हर्षपति काला और समिति के संस्थापक केंद्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय जे पी पांडे की धर्मपत्नी व राज्य आंदोलनकारी श्रीमती कमला पांडे शामिल है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि राज्य आन्दोलनकारियो ने सरकार की उपेक्षा को देखते हुए अपनी आंदोलनकारी रणनीति को तेज करने का निश्चय किया है व समिति आगामी 23 सितंबर को विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा के सम्मुख चिनहिकरण, 10% आरक्षण दिवंगत आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन और गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर आंदोलन करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की आंदोलनकारियों के प्रति उपेक्षा और अवहेलना के भाव की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री से राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के प्रति संवेदनशील होने को कहा है।