प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूडी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के मामले में जो ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं, उसके लिए वे उत्तराखण्ड की जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव करने से देश व जम्मू कश्मीर में अभी तक रही दूरियां मिटेंगीं। इससे जम्मू कश्मीर में विकास को बढ़ावा मिलेगा और वहां के लोग देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे। आज प्रधानमंत्री ने अपने वायदे को निभाया है। उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर का पुनर्जन्म हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का प्रभाव खत्म करने का साहस दिखाया है। अब जम्मू कश्मीर व लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होंगे। इससे यहां विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। सीमान्त क्षेत्रों की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे। देश के अन्य राज्यों के लोगों का कश्मीर से बेहतर तालमेल होगा, व्यापार होगा तो इससे निश्चित रूप से कश्मीर की तरक्की होगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कश्मीर के लिये हमारे सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने बड़ा बलिदान दिया है। आज पं0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी का सपना भी साकार हुआ है। उन्होंने इसके लिये देश की जनता को बधाई भी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वास्तव में देश एक हुआ है। आज हमारे वीर सैनिकों की वीरांगनाओं, विधवाओं को भी बड़ी खुशी हुई होगी, जिस भूमि के लिये उनके पारिवारिक जन ने शहादत दी है उस पर उनका हक स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे एक देश, एक विधान, एक निशान की अवधारणा को भी बल मिला है। इस एतिहासिक पहल से देश की सीमाओं के साथ ही सीमान्त क्षेत्र के नागरिकों की भी सुरक्षा हो सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सभा द्वारा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित होने पर खुशी जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने इसे देश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना बताया है।
राज्यों में निवास कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा आदि के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों मं अध्ययनरत कश्मीरी छात्रों एवं नागरिकों की सुरक्षा की कारगर व्यवस्था सुनिश्चत की जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया में प्रसारित होने वाली विरोधाभाषी खबरों का भी संज्ञान लेने को कहा है।