मुख्यमंत्री से पूर्वोत्तर भारत से आये छात्रों के दल ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को देर सायं मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्यमंत्री सेवक सदन में अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन के अंतर्गत पूर्वोत्तर भारत से आये छात्रों के दल ने भेंट की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्वाधान में राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा कार्यक्रम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर के छात्रों ने देहरादून एवं मसूरी के भ्रमण के अनुभवों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने प्राकृतिक सुंदरता के साथ राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं लोक संस्कृति से परिचित होना सुखद अहसास बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नार्थ ईस्ट के साथ उत्तराखण्ड की कई मामलों में समानता है। पर्वतीय भौगोलिक स्थिति के साथ हमारा हिमालय से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अध्ययन यात्रायें एक दूसरे राज्य की समृद्ध विरासत को समझने का अवसर प्रदान ही नहीं करती बल्कि इससे जन कल्याण के लिये संचालित की जाने वाली योजनाओं की जानकारी साझा होती है। ऐसे आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ की संकल्पना को सार्थक करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं तथा विभिन्न राज्यों के बीच पारस्परिक समन्वय, सहयोग और प्रेम को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों और देवभूमि उत्तराखण्ड के बीच प्राचीन काल से ही एक अनूठा संबंध रहा है, अपने असीम नैसर्गिक सौंदर्य व सतरंगी लोक संस्कृति से परिपूर्ण पूर्वोत्तर राज्यों से पधारे छात्र इस संबंध को और अधिक सुदृढ़ करने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी ने अपनी इस यात्रा द्वारा निश्चित रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड की विशिष्ट आध्यात्मिक और धार्मिक पद्धतियों को समझने का प्रयास किया होगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक पद्धतियों का समूचे विश्व में मान बढ़ रहा है। आज संपूर्ण विश्व “वसुधैव कुटुंबकम“ की हमारी प्राचीन अवधारणा का महत्व समझ रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम सभी प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश में किए जा रहे महान कार्यों के साक्षी हैं। चाहे वो कश्मीर से धारा 370 हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक की समस्या का समाधान हो या फिर उत्तर पूर्व के प्रदेशों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का महान कार्य हो, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। आज हम सभी एक नए भारत, समृद्ध भारत और शक्तिशाली भारत के अपने सपने को पूरा होते हुए देख पा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, श्री राम सिंह कैड़ा, यात्रा संयोजक चाऊ खगंको वाय लोंग, प्रांत अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह के साथ पूर्वोत्तर के छात्र छात्रायें करजुम करलो, अत्तमची आर.मारक, पेई पानी गोदक, मोनिता जमातिया, संगे कामरो, लालरिनफेली आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नार्थ ईस्ट के साथ उत्तराखण्ड की कई मामलों में समानता है। पर्वतीय भौगोलिक स्थिति के साथ हमारा हिमालय से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अध्ययन यात्रायें एक दूसरे राज्य की समृद्ध विरासत को समझने का अवसर प्रदान ही नहीं करती बल्कि इससे जन कल्याण के लिये संचालित की जाने वाली योजनाओं की जानकारी साझा होती है। ऐसे आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ की संकल्पना को सार्थक करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं तथा विभिन्न राज्यों के बीच पारस्परिक समन्वय, सहयोग और प्रेम को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों और देवभूमि उत्तराखण्ड के बीच प्राचीन काल से ही एक अनूठा संबंध रहा है, अपने असीम नैसर्गिक सौंदर्य व सतरंगी लोक संस्कृति से परिपूर्ण पूर्वोत्तर राज्यों से पधारे छात्र इस संबंध को और अधिक सुदृढ़ करने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सभी ने अपनी इस यात्रा द्वारा निश्चित रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड की विशिष्ट आध्यात्मिक और धार्मिक पद्धतियों को समझने का प्रयास किया होगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक पद्धतियों का समूचे विश्व में मान बढ़ रहा है। आज संपूर्ण विश्व “वसुधैव कुटुंबकम“ की हमारी प्राचीन अवधारणा का महत्व समझ रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम सभी प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश में किए जा रहे महान कार्यों के साक्षी हैं। चाहे वो कश्मीर से धारा 370 हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक की समस्या का समाधान हो या फिर उत्तर पूर्व के प्रदेशों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का महान कार्य हो, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। आज हम सभी एक नए भारत, समृद्ध भारत और शक्तिशाली भारत के अपने सपने को पूरा होते हुए देख पा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, श्री राम सिंह कैड़ा, यात्रा संयोजक चाऊ खगंको वाय लोंग, प्रांत अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह के साथ पूर्वोत्तर के छात्र छात्रायें करजुम करलो, अत्तमची आर.मारक, पेई पानी गोदक, मोनिता जमातिया, संगे कामरो, लालरिनफेली आदि उपस्थित थे।
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मुख्य सचिव ने यातायात संकुलन के कम करने हेतु अधिकारियों की बैठक ली।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रैफिक कंजेशन को कम करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (UMTA) को सक्रिय किया जाए। साथ ही, इसकी प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने इसके लिए जहां आवश्यकता हो साइकिल ट्रैक, अंडरपास, अर्बन रोप-वे आदि की संभावनाओं को तलाशे जाने की भी बात कही। कहा कि जहां संभव हों नए रूट्स विकसित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (UMTA) को सक्रिय किया जाए। साथ ही, इसकी प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने इसके लिए जहां आवश्यकता हो साइकिल ट्रैक, अंडरपास, अर्बन रोप-वे आदि की संभावनाओं को तलाशे जाने की भी बात कही। कहा कि जहां संभव हों नए रूट्स विकसित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिन स्थानों पर इंजीनियरिंग वर्क से सुधार आ सकता है, इसे सम्बन्धित विभागों द्वारा तुरंत कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि चौराहों पर अगले 15 दिन में विद्युत पोल को स्थानांतरित कर दिया जाए। जिन स्थानों पर अधिक यातायात संकुलन है उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे आदि के माध्यम से गलत तरीके से अथवा नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करने वालों का भी चालान किया जाए। इसके लिए ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को किस प्रकार से कम किया जा सकता है, इसके लिए स्कूलों से बात करके सुझाव मांगे जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम पर स्कूलों के लिए परिवहन निगम की बसों को भी लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है। बड़े मॉल और संस्थान जो अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे या पार्किंग को अन्य कार्यों के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात प्रणाली में सुधार लाए जाने की आवश्यकता है। कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री एस. एन. पाण्डेय, निदेशक यातायात श्री मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, मुख्य नगर अधिकारी श्री मनुज गोयल एवं एसपी ट्रैफिक श्री अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को किस प्रकार से कम किया जा सकता है, इसके लिए स्कूलों से बात करके सुझाव मांगे जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम पर स्कूलों के लिए परिवहन निगम की बसों को भी लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है। बड़े मॉल और संस्थान जो अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे या पार्किंग को अन्य कार्यों के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात प्रणाली में सुधार लाए जाने की आवश्यकता है। कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री एस. एन. पाण्डेय, निदेशक यातायात श्री मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, मुख्य नगर अधिकारी श्री मनुज गोयल एवं एसपी ट्रैफिक श्री अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में शासन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर प्रदेश के सभी कार्मिकों की एसीआर ऑनलाइन किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति में एसीआर का उपलब्ध न होना एक बहुत बड़ा कारण रहा है। अच्छा कार्य कर रहे कार्मिक भी एसीआर की उपलब्धता न होने से या अन्य किसी कारण से पदोन्नति से वंचित रह जाते हैं, जिससे कुंठा होना स्वाभाविक है, और इससे कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि एसीआर प्रक्रिया को ऑनलाइन कर इस समस्या से बचा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने कार्मिकों की एसीआर ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इस वर्ष की एसीआर ऑनलाइन ही की जाए साथ ही पुरानी एसीआर को स्कैन कर अपलोड किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर सचिव श्री शैलेश बगोली एवं श्री रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति में एसीआर का उपलब्ध न होना एक बहुत बड़ा कारण रहा है। अच्छा कार्य कर रहे कार्मिक भी एसीआर की उपलब्धता न होने से या अन्य किसी कारण से पदोन्नति से वंचित रह जाते हैं, जिससे कुंठा होना स्वाभाविक है, और इससे कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि एसीआर प्रक्रिया को ऑनलाइन कर इस समस्या से बचा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने कार्मिकों की एसीआर ऑनलाइन किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इस वर्ष की एसीआर ऑनलाइन ही की जाए साथ ही पुरानी एसीआर को स्कैन कर अपलोड किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर सचिव श्री शैलेश बगोली एवं श्री रविनाथ रमन सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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