मुख्यमंत्री से औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने की भेंट #प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री ने खाद्य विभाग के अधिकारियों तथा सस्ता गल्ला विक्रेताओं के साथ गल्ला विक्रेताओं की समस्याओं के सम्बन्ध में बैठक की। #मुख्य सचिव ने सचिवालय सभागार में 2021-22 के खरीफ सीजन में धान की खरीद के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया।# पौड़ी गढवाल के मुख्यविकास अधिकारी पौड़ी गढवाल ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार व सौर स्वरोजगार योजना की समीक्षा की-Janswar.com  

  1. -अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री से औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने की भेंट

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में औद्योगिक संगठन, हरिद्वार  सिडकुल इंटरप्रेन्योर वेलफेयर एसोसिएशन(सेवा), भगवानपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, बहादराबाद इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं रूड़की स्माल स्केल इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भेंट की। उन्होंने सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से संबंधित विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने सरकारी विभागों में खरीद में स्थानीय उद्योगों को वरीयता देने, निर्यात संवर्द्धन और अन्य विषयों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु भी मुख्यमंत्री से अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों की बेहतरी के लिये सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं। भविष्य में और अधिक उद्योग राज्य में स्थापित हों इसके लिये हमने उद्यमियों को ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो इसके लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। परिवहन, कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में तेजी से काम हो रहा है। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये भी बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना जरूरी है। उन्होंने उद्योगों से जुड़े सभी लोगों से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर श्री देवेन्द्र शर्मा, श्री केतन भारद्वाज, श्री दिनेश कुमार, श्री सुयश वालिया उपस्थित थे।——————————- प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में खाद्य विभाग के अधिकारियों तथा सस्ता गल्ला विक्रेताओं के साथ विधानसभा स्थित कक्ष में खाद्यान्न वितरण तथा सस्ता गल्ला बिक्रेताओं की समस्याओं के सम्बन्ध में बैठक की।

विभिन्न जनपदों के सस्ता गल्ला राशन  बिक्रेताओं की समस्याओं के सम्बन्ध में पूर्व बैठकों में तय किया गया था कि लाभांश पर 50 रूपये देने, दाल पर 100 रूपये प्रति कुन्तल देने तथा बायोमेट्रिक प्रक्रिया मे छूट देने एवं जो दुकाने सम्बद्ध हैं उन्हे उसी स्थान पर भेजने के सम्बन्ध में आज पुनः विस्तार से विभागीय अधिकारियों तथा राशन विक्रेतओं के साथ चर्चा की गई।

जिसमें विभागीय अधिकारियों द्वारा मा0 मंत्री जी को अवगत कराया गया कि लाभाशं दिये जाने तथा दाल पर 100 रूपये कुन्तल दिये जाने का प्रकरण वित्त विभाग में विचाराधीन है।

सस्ता गल्ला विक्रेताओं के पदाधिकारियों द्वारा मा0 मंत्री को उपरोक्त समस्याओं के निराकरण किये जाने हेतु अनुरोध किया गया। मा0 मंत्री ने कहा कि राशन विक्रेता बहुत मेहनत करने के पश्चात भी लाभांश नही मिल पता है। जिस पर मा0 मंत्री द्वारा राशन विक्रेतओं की समस्याओं का निराकरण करने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।

इस दौरान बैठक में सचिव, भूपाल सिंह मनराल, अपर निदेशक पी.एस. पांगती डिप्टी आर.एम.ओ. सी.एम धिल्डियाल, तथा सस्ता गल्ला राशन विक्रेताओं के प्रतिनिधि मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री देवी दयाल उपाध्याय, प्रदेश महामंत्री संजय शर्मा , प्रदेश  महासचिव दिनेश पाण्डे, जिला अध्यक्ष नैनीताल नरेद्र शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।


मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस. संधु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में 2021-22 के खरीफ सीजन में धान की खरीद के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों खाद्य विभाग, सहकारिता तथा संबंधित पक्षों से धान की खरीद में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं, बाधाओं और व्यावहारिक कठिनाइयों के संबंध में संबंधित स्टेक होल्डर(पक्षों) का पक्ष सुनने के पश्चात् विभागीय अधिकारियों तथा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार को धान की व्यवस्थित, पारदर्शी और शीघ्रता से खरीद के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और क्रय केन्द्रो का संचालन करने वाले प्रबन्धकों के सख्त निर्देश दिये कि धान की खरीद में किसानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी अथवा किसानों का किसी भी प्रकार का शोषण बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों से धान की व्यवस्थित और पारदर्शी खरीददारी में जो भी प्रबन्धन स्तर की, प्रशासनिक स्तर की तथा तकनीकी स्तर की कठिनाईया हैं, उनको तत्काल दूर करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि जिन स्थानों पर और धान क्रय केन्द्र खोलने की डिमांड है वहां  शीघ्रता से खोले जाए। जहां पर बोरे अथवा धान क्रय से सम्बन्धित सामग्री इत्यादि की कोई जरूरत हो उनको तत्काल पूरा करें। विभागीय अधिकारियों ने जब मुख्य सचिव को अवगत कराया कि किसानों के प्रत्येक वर्ष क्रय प्रक्रिया हेतु खाते खोले और क्रय प्रक्रिया पूरी होने के तत्काल बाद बंद हो जाते है तो इस पर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि जिन किसानों से खरीददारी की जाती हैं उन सभी का एक ही बार जीरो बैलेंस पर खाता खुलवायें तथा उसको बार-बार बंद ना करें बल्कि चलता रहने दें क्योंकि इससे अनावश्यक रूप से प्रक्रिया में देरी हो जाती है। साथ ही किसान खाता खोलने, बंद करवाने में अनावश्यक परेशान होते हैं। उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर 50 से 100 मॉस्चर(नमी) मीटर रिजर्व के रूप में रखने के निर्देश दिये। कहा कि जब तक क्रय केन्द्रों पर किसानों का धान आ रहा है तब तक उसको खरीदते रहें।
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि विभागीय स्तर पर विभिन्न कार्यों में जो औपचारिकता और कार्य पहले किये जा सकते हैं उनको पहले से ही पूरा कर लें, बिना किसी वाजिब कारण के हर एक कार्य को अन्तिम मूवमेंट के लिए पेंडिंग ना रखें, इसको गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि सारी प्रक्रिया समय से पूरी हो, इसके लिए वार्षिक कैलेण्डर बना लें और उसका अनुपालन करें। उन्होंने भुगतान की पहले की पेंडेंसी को तत्काल निपटाने तथा आगे से भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को सरलीकृत करने तथा पोर्टल से सम्बन्धित जो भी तकनीकी समस्या है उसको भी तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रत्येक क्रय केन्द्रों और मंडी के मुख्य द्वार पर अनिवार्य रूप से विजिबल आकर्षक साइन बोर्ड लगा होना चाहिए जिस पर स्पष्ट शब्दों में लिखा हो कि किसानों को यदि धान क्रय से संबंधी किसी भी तरह की शिकायत हो तो वे इन नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं। साथ ही सम्बन्धित जिलाधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि शिकायत करने वाले नम्बर न केवल सक्रिय हो बल्कि शिकायतकर्ता की समस्या का तत्काल उचित निराकरण भी हो। जिलाधिकारी उस पर खुद कॉल करते रहें। साथ ही यदि कोई किसान जिलाधिकारी अथवा संबंधित उप जिलाधिकारी के पास धान क्रय की उचित निस्तारण के संबंध में कोई शिकायत करता है तो उस पर अनिवार्य रूप से त्वरित व उचित कार्यवाही करनी ही होगी। इसके अतिरिक्त जहां तक संभव हो मण्डी अथवा क्रय केन्द्रों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने तथा उसकी नियमित मॉनिटरिंग करने को भी कहा।
मुख्य सचिव ने जनपद ऊधमसिंहनगर के लिये धान क्रय के संबंध में निर्देश दिये कि ऊधमसिंह नगर में दिनांक 01 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक केवल उत्तराखण्ड के ही किसानों के धान की खरीद की जाएगी। उसके पश्चात् सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने स्तर से इस तिथि को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य जनपदों के जिलाधिकारी अपने स्तर से अपने विवेक से ये सुनिश्चित करने को स्वतंत्र होंगे कि केवल उत्तराखण्ड के ही किसानों से कब तक खरीद करनी है तथा किस तिथि के बाद उत्तराखण्ड अथवा अन्य राज्यों के किसानों दोनों से खरीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ये आवश्यक ध्यान रखा जाए कि उत्तराखण्ड के किसानों को खरीद में वरियता मिले। साथ ही उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर विभिन्न क्रय केन्दों का औचक निरीक्षण करके स्वयं व्यवस्थाएं देखें तथा अधीनस्थ अपर जिलाधिकारियों- उपजिलाधिकारियों सभी से एन्फोर्समेंट की कार्यवाही संपादित करवाते हुए सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी तरह से किसानों के उपज को मॉस्चर(नमी) अथवा खराब बताकर अथवा घटतौली या बिचौलियों की भूमिका से या अन्य किसी भी तरह से किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी अपने स्तर पर विक्रय हेतु टोकन अथवा पर्ची सिस्टम जो भी उचित लगता हो प्रकिया अपना सकते हैं।
इस दौरान बैठक में सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, मीनाक्षी सुन्दरम्, एच.एस. बोनाल, अपर सचिव प्रताप शाह, आर.एफ.सी(संभागीय खाद्य नियंत्रक) गढ़वाल बी.एस. राणा, वित्त नियंत्रक डॉ0 एम.एस. बिसेन सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी तथा सम्बन्धित पक्षों के सदस्य उपस्थित थे। साथ ही जनपद ऊधमसिंहनगर तथा हरिद्वार के जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

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मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य की अध्यक्षता में आज विकास भवन सभागार पौड़ी में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। मुख्य विकास अधिकारी ने सबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र बैंक के पास लंबित है, वे संबंधित बैंक से सम्पर्क कर औपचारिकतायें पूर्ण करवायें, जिससे बैंक द्वारा ऋण वितरण से संबंधित अग्रिम कार्यवाही को पूर्ण किया जा सके। कहा कि अभ्यर्थी आवेदन करने से पूर्व अपना सिविल स्कोर जांच कर लें तथा पात्रता होने पर ही आवेदन करें। जिससे बैंक से आवेदन अस्वीकार की संभावना न होने पाये। उन्होंने कहा कि आवेदनकर्ता किसी भी जानकारी/ समस्या होने पर कॉल सेंटर नम्बर 9528516766 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
समीक्षा बैठक में शाखा प्रबन्धकों द्वारा अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत जिन आवदेनकर्ताओं के पास अपनी जमीन नहीं है और उनके प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुके हैं। वे आवेदनकर्ता इस संबंध में बैंकों से सम्पर्क कर लीज एग्रीमेंट बनाने हेतु कार्यवाही करायें, जिससे बैंक द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जा सके। बैंक अधिकारियों द्वारा आवेदनकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि आवेदन करने से पूर्व एक बार संबंधित बैंक शाखा से अवश्य सम्पर्क कर लें ताकि आवेदन करने हेतु आवश्यक अभिलेखों एवं औपचारिकताओं की जानकारी दी जा सके।
इस अवसर पर अग्रणी जिला प्रबन्धक, परियोजना अधिकारी उरेडा पौड़ी तथा बैंक शाखा प्रबन्धक उपस्थित थे।

 

 

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