/ दिनांक 15 अगस्त 2020
————————————————————
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। उन्होंने कोरोना वारियर्स को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने गैरसैंण के लिए 12 घोषणाएं की। जिसमें सी.एच.सी गैरसैंण में 50 बेडेड सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थापना की जायेगी। हॉस्पिटल में टेली मेडिसन की सुविधा प्रदान की जायेगी। भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में मिनी सचिवालय की स्थापना की जायेगी। भराड़ीसैंण क्षेत्र में पम्पिंग पेयजल लाईन का निर्माण कराया जायेगा। भराड़ीसैंण-गैरसैंण में साइनेजेज लगाये जायेंगे। भराड़ीसैंण-गैरसैंण क्षेत्र में जियो ओएफसी, नेटवर्किंग का विस्तारीकरण कार्य कराया जायेगा। लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन, गैरसैंण में 08 कमरों के निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी। गैरसैंण ब्लॉक में कृषि विकास हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जायेगी। बेनीताल का एस्ट्रो विलेज के रूप में विकास किया जायेगा। भराड़ीसैंण में ईको ट्रेल/ईको पार्क की स्थापना की जायेगी। जीआईसी भराड़ीसैंण में 02 अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण किया जायेगा। राजकीय आईटीआई गैरसैंण का भवन निर्माण एवं उपकरणों हेतु धनराशि स्वीकृत की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने आजादी की 73 वीं वर्षगांठ पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने देश के लिये अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले, सभी स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों और सैन्य व अर्धसैन्य बल के शहीद जवानों और अमर शहीदों और आंदोलनकारियों नमन किया। उन्होंने कहा कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर परिस्थितियां बहुत अलग हैं। पूरा देश, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश हित में सही समय पर साहसिक फैसले लिए, जिससे यह महामारी नियंत्रित अवस्था में है।अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है। इसमें मजदूरों, गरीबों, किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेशवासियों की भावना का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। पिछले वर्ष 36 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। इसलिए भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड में सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं। सर्विलांस, सेम्पलिंग, टेस्टिंग पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। आज राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम की व्यवस्था है। देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, रुद्रपुर के बाद अब हरिद्वार और पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पिछले लगभग तीन साल में पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या पहले से लगभग ढाई गुनी की जा चुकी है। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी लाभदायक साबित हो रही हैं। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों का हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर के रूप अपग्रेडेशन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अभी तक लगभग 40 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं, और लगभग 1 लाख 82 हजार मरीजों को योजना में निशुल्क उपचार मिला है। जिस पर लगभग 162 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। राज्य के सरकारी कार्मिकों और पेंशनरों को भी इसके अंतर्गत शामिल किया गया है। अटल आयुष्मान योजना में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं। प्रदेश में लगभग चार लाख प्रवासी भाई बहनों को विभिन्न माध्यमों से उत्तराखण्ड में सकुशल वापस लाया गया हे। हमें इनके रोजगार की भी चिंता है। इनकी स्किल मैपिंग करते हुए होप पोर्टल पर इनका पंजीकरण किया गया है।युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के लगभग 62 लाख व्यक्तियों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल निशुल्क वितरित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की परिस्थितियों में उद्योगों को अनेक प्रकार से राहत दी गई हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और पं.दीनदयाल उपाध्याय होम-स्टे योजना में ऋण लेने वालों को अप्रेल से जून माह तक ब्याज पर छूट दी गई। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से केन्द्र की लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियाजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं। सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में काफी विस्तार हुआ है। एयर कनेक्टीवीटी पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य में 27 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। राज्य में उच्च स्तरीय संस्थाओं की स्थापना की है। इनमें देहरादून में देश का पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर, डोईवाला में सीपेट, कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिंटी, अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर शामिल हैं। भारत सरकार ने भारत नेट फेज -2 परियोजना के लिए 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। ‘‘हर घर को नल से जल’’ योजना में प्रदेश के 15 लाख से अधिक परिवारों को स्वच्छ जल दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। तीन वर्षों में ये लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 1 रूपए पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। नमामि गंगे में 15 प्राथमिकता के शहरों में नए एस.टी.पी. निर्माण किए गए हैं। हरिद्वार में देश का पहला हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल पर आधारित 14 एमएलडी क्षमता का एसटीपी स्थापित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार में विकास का मूलमंत्र, सुशासन है। उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है।टिहरी गढ़वाल में डोबरा चांठी पुल सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण है। 14 साल के लम्बे इंतजार के बाद टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने के लिए डोबराचांठी पुल बनकर तैयार हो गया है। पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर मिले पुरस्कार इस बात की पुष्टि करते हैं। नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है। राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया। उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया। जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले। मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार ने राज्य में निवेश लाने के लिए पूरी गम्भीरता से काम किया। हमने राज्य में शांति व कानून व्यवस्था, प्रभावी सिंगल विंडो, इन्वेटर्स फ्रेंडली सिस्टम और दक्ष मानव संसाधन के प्रति हमने निवेशकों को भरोसा दिलाया है। उद्यमियों, औद्योगिक संस्थाओं द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करते हुए निवेश के अनुकूल नीतियों में संशोधन किया गया और नई नीतियों का निर्माण किया। इसी का परिणाम है कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 24 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। आयोग ने जिलावार अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दी जिसके अनुसार योजनाएं बनाई जा रही है। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। 96 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है। बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं। इससे ग्रामीण आर्थिकी मजबूत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। पिथौरागढ़ के मोस्टमानू में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनाया जा रहा है। राजकीय स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने के साथ ही क्वालिटी एजुकेशन के लिए स्मार्ट क्लासेज भी शुरू की गई हैं। प्रदेश की नदियों, झीलों, तालाबों और जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक जनअभियान शुरू किया गया है। देहरादून में सूर्यधार झील बनकर लगभग तैयार है। सौंग बांध से ग्रेविटी बेस्ड जलापूर्ति होगी। गैरसैण, कोलीढे़क, गगास, थरकोट, ल्वाली आदि झीलों पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश के लोक कलाकारों का मानदेय दोगुना किया गया। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को 1000 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1200 रूपए प्रतिमाह किया गया। ग्राम प्रहरियों का मानदेय रूपए 2000 हजार प्रतिमाह किया गया।पुलिस विभाग के कार्मिकों की पुलिस कार्यवाही के दौरान वीरगति प्राप्त होने पर अनुग्रह राशि को बढ़ाकर 15 लाख रूपए किया गया। होमगार्ड स्वयं सेवकों का ड्यूटी भत्ता 600 रूपए प्रतिमाह किया गया। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया। दुर्घटना राहत राशि को मृत्यु पर 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख, गम्भीर घायल होने पर 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार और साधारण घायल होने पर 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए किया है। 1975 में आपातकाल के दौरान जेल जाकर लोकतंत्र की रक्षा में अहम योगदान देने वाले गए 62 लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान स्वरूप पेंशन दी जा रही है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दी जा रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजानदास, श्री विनोद चमोली, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, डीजीपी श्री अनिल कुमार रतूड़ी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इससे पूर्व मुख्यमंत्री आवास में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय एकता की सपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री वंशीधर भगत, सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, विधायक श्री हरवंश कपूर आदि उपस्थित थे।
———————————————————-मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कर स्वर्णिम इतिहास रचा। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रघुवीर सिंह चौहान सहित क्षेत्रीय विधायक श्री सुरेंद्र सिंह नेगी थराली विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
स्वतंत्रता पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने आयोजित कार्यक्रम में 12 विभिन्न विकास योजनाओं की घोषणाएं भी की। जिसमें सीएचसी गैरसैंण 50 बैड के सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की स्थापना, भराडीसैंण में मिनि सचिवालय की स्थापना, हॉस्पिटल में टेली मेडिसिन की सुविधा, भराडीसैंण क्षेत्र में पम्पिंग पेयजल लाईन निर्माण, भराडीसैंण-गैरसैंण में साईनेज लगाने, भराडीसैंण-गैरसैंण में जिओ ओएफसी नेटवर्किंग का विस्तारीकरण, लोनिवि निरीक्षण भवन में 8 कमरों का निर्माण, गैरसैंण ब्लाक में कृषि विकास हेतु कोल्ड स्टोरेज एवं फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना, बेनीताल को एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित करने, भराडीसैंण में ईको ट्रेल/ईको पार्क की स्थापना, राइका भराडीसैंण में दो अतिरिक्त कक्षाकक्ष निर्माण, आईटीआई गैरसैंण के भवन निर्माण एवं उपकरणों हेतु धनराशि की स्वीकृति शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 76 करोड़, 67 लाख, 65 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण करते हुए जनपदवासियों को बडी सौगात भी दी।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 4 मार्च, 2020 को सदन में बजट पेश करने के तुरंत बाद गैरसैंण (भराडीसैंण) को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण पहुॅचकर स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ही राज्य में विकास कार्यो को आगे बढाने के लिए उनकी सरकार संकलपबद्व है।
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण विधानसभा परिसर में 6071.82 लाख की विकास योजनाओं का शिलान्यास तथा 1595.83 लाख की योजनाओं का लोकार्पण किया। जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में बुंगीधार-मेहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 51 मे डामरीकरण व सुधारीकरण लागत 60 लाख, गैरसैंण में पुनगांव-विषौणा मोटर मार्ग सुधारीकरण व डामरीकरण लागत 312.93 लाख, गोपेश्वर में ईवीएम वेयर हाउस का निर्माण लागत 223.31 लाख, पोखरी के विनायकधार में स्व0 श्री नरेन्द्र सिंह भण्डारी की मूर्ति स्थापना एवं पार्क विकास निर्माण कार्य लागत 14.30लाख, भराडीसैंण में हैलीपैड निर्माण लागत 216.76 लाख, राइका थिरपाक में भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान प्रयोगशाला निर्माण लागत 82.02 लाख, हाईस्कूल पुडियाणी में रमसा के तहत विविध कार्य लागत 74.14 लाख, गैरसैंण में अक्षयबाडा पेयजल योजना लागत 83.53 लाख, सारिगंगाव ग्राम समूल पेयजल योजना लागत 94.79 लाख, टंगणी तल्ली से टंगणी मल्ली तक मोटर मार्ग लागत 260.46, कुहेड मैठाणा से रोपा चलधर मोटर मार्ग निर्माण लागत 441.58लाख, कुहेड-मैठाणा पलेठी-सरतोली-मथरपाल-नैथोली मोटर मार्ग लागत 989.23 लाख, मारवाडी-थेंग मोटर मार्ग लागत 813.08 लाख, मारवाडी-पुलना मोटर मार्ग 673.50 लाख, बूंगीधार-मैहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 12 से कोलानी मोटर मार्ग लागत 296.69 लाख, रोहिडा-पज्याणा मोटर मार्ग लागत 353.09 लाख, गौचर-ढमढमा मोटर मार्ग लागत 806.04 लाख, नन्द्रप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के किमी 11 से मंगरोली मोटर मार्ग 182.44 लाख तथा घाट-थराली मोटर मार्ग के किमी 10 से स्यारी मोटर मार्ग लागत 108.23 लाख शामिल है।
जिन योजनाओं को लोकापर्ण किया गया उनमें जिलासू-उत्तरौं मोटर मार्ग डामरीकरण कार्य लागत 185.06 लाख, गैरसैंण में क्रीडा स्थल का विस्तारीकरण तथा विकास कार्य लागत 65.81 लाख, कर्णप्रयाग में बाला से सिरकोट मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 65.81 लाख, आदिब्रदी-नौटी से कॉसुवा होते हुए चांदपुर गढी तक नवनिर्माण कार्य लागत 250.64 लाख, चेपडो गधेरे में लौह सेतु का निर्माण लागत 214.89 लाख, राइका कुराड में कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 50.46 लाख, राउमावि कण्डवाल में कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 55.25 लाख, राउमावि सणकोट मे प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 74.94 लाख, गैरोली-मल्ली ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 154.77 लाख, हेलंग-ल्यारी-उगर्म मोटर मार्ग स्टेज2 लागत 225.35 लाख तथा गीबर से पैब मोटर मार्ग शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज लिए भराडीसैंण में से बनाए गए कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
—————————————————————-मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने आज शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के 73वें वर्षगांठ के अवसर पर सचिवालय में ध्वजारोहण किया। मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने उत्तराखण्ड वासियों एवं उपस्थित कर्मियां को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्य सचिव ने कहा कि आज के दिन हम उन पुण्य आत्माओं को याद करते हैं, जिनके बलिदान से हम स्वतंत्र हुए हैं, और हमें उन्हें नमन करने का यह अवसर प्राप्त हुआ है।
श्री ओमप्रकाश ने कहा कि शहीदां के बलिदान एवं हमारे पूर्वजों के अथक प्रयासों से ही हमें स्वतंत्रता मिली है। मुख्य सचिव ने कहा कि सन 1947 के बाद देश ने चार बड़े बाहरी युद्ध लड़े हैं, तथा आंतकवाद का सामना किया है, जिसमें हमारे कई सैनिक शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमारे कुछ सैनिक निहत्थे दुश्मनों से लड़ते हुए हमारी सुरक्षा हेतु शहीद हुए है। उन्होंने शहीद जवानों को नमन किया।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के विकास के साथ-साथ लोगां में समरसता कायम करने में भी हमारा सहयोग होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से काम करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में हम दो संक्रमणों से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में स्वास्थ्य, पुलिस एवं सफाईकर्मियों आदि की सहायता से कोरोना महामारी को हम छः माह में नियंत्रित करने में काफी सफल हुए है। उन्होंने कोरोना से लड़ने में योगदान देने वाले समस्त वारियर्स का आभार प्रकट किया। उन्होंने लॉकडाउन से परेशान लोगों का भी आभार प्रकट किया। उनका कहना था कि लॉकडाउन करना तत्कालिक आवश्यकता थी। मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना के कारण सकल घरेलू उत्पाद में भी कमी आई है तथा बेरोजगारी बढ़ी है। कोरोना के कारण राज्य में रिवर्स पलायन हुआ है। उत्तराखण्ड के संदर्भ में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि लगभग 10 लाख उत्तराखण्डवासी अन्य स्थानों से यहां आए है। उन्हें आजीविका देनी की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र कृषि में ज्यादा ध्यान देनी की आवश्कता देने पर बल देते हुए कहा कि हमें किसानों को बिचोलियों के शोषण से शत प्रतिशत मुक्त करना हैं। श्री ओमप्रकाश ने कहा कि प्रदेश में कृषि की उन्नति से देश के विकास में योगदान होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सहक्रियात्मक विकास के प्रयास से प्रदेश एवं देश का समन्वित विकास होगा। पर्वतीय जनपद में समेकित परियोजना फॉरमूलेशन की अवधारणा से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने रूद्रप्रयाग तथा अल्मोड़ा के जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य अधिकारियों से उनका अनुश्रवण करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ उससे सम्बद्ध कुटीर एवं सूक्ष्म उद्योग प्रोत्साहन की आवश्यकता है। इससे ग्रामीणों की आर्थिकी में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में शासन तथा जनपद स्तर पर बाहर से आए बेरोजगार लोगों को स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट की भी ग्रामीण क्षेत्र में उपयोग की आवश्यकता हैं। उनका कहना है कि यह एक सीमान्त राज्य है। यहां सीमान्त क्षेत्र में अवस्थापना विकास कार्य में और तेजी लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चारधाम, पेयजल, रेलवे लाइन, निर्माण परियोजना में जो कठिनाईयां आ रही है उनको व्यक्तिगत प्रयास से भी हल करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे को प्रासंगिक बताते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मियों से आत्मप्रेरणा, स्वप्रेरणा से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टीम भावना से कार्य करेंगे तो लक्ष्य हासिल हो जाएगा और आत्मप्रेरणा एवं स्वप्रेरणा से नए-नए आयाम खुलेंगे। उन्होंने महाकवि जयशंकर प्रसाद की पंक्तियों ‘‘ हिमाद्री तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती, स्वयं प्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती, अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो, असंख्य कीर्ति-रशिमयाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी, सपूत मातृभूमि के-रूको न शूर साहसी, अराति सैन्य सिंधु में, सुवाडवाग्नि से जलो, प्रवीर हो जयी बनो-बढ़े चाले, बढ़े चलो’’ का उल्लेख करते हुए समस्त कर्मियों से इसका अनुश्रवण करने का आह्वान किया।
समारोह में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी एवं श्रीमती मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव न्याय श्री प्रेम सिंह खिमाल, सचिव श्री अमित सिंह नेगी, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, श्री शैलेश बगोली, श्री आर.के.सुधांशु, श्री नितेश कुमार झा, श्री हरबंस सिंह चुघ, डी. सेन्थिल पाण्डियन, श्री एल.फैनई, प्रभारी सचिव डॉ पंकज पाण्डेय, विनोद रतूड़ी, सहित समस्त सचिव, अपर सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
——————————————————————
15 अगस्त 2020 को 74वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर पौड़ी में प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण कर प्रदेश एवं देशवासियों को 74वा स्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।
मा. मंत्री डॉ रावत ने देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए, अपने संबोधन में कहा कि देश का स्वतंत्रता की इतिहास लिखा जाता है तो उसमें पौड़ी जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं आंदोलनकारियों का उल्लेख अवश्य होगा, तभी देश का इतिहास पूर्ण होंगे । उन्होंने कहा कि पौड़ी की भूमि से देश की स्वतंत्रता से लेकर देश की सुरक्षा में अनेक वीर नायक का जन्म हुआ है। कहा कि यह भूमि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सहित अन्य वीर सैनिकों की धरती है, हम सभी सौभाग्यशाली है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा से लेकर राज्यों के नेतृत्व में भी पौड़ी के लोग अपना श्रेष्ठ कार्य कर रहे है जो हमारे जनपद के लिए सौभाग्य की बात है। कहा कि देश की सुरक्षा के शीर्ष पर अजीत डोभाल, बिपिन रावत, श्री धस्माना सहित अन्य लोग बेहतर कार्य कर रहे हैं । जबकि हमारे राज्य एवं उत्तर प्रदेश राज्य का नेतृत्व भी पौड़ी जनपद के श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।
उन्होंने उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में अपने सराहनीय कार्यों को याद करते हुए बताया कि संघर्ष के बाद ही हमारे राज्य बने है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व का वर्णन करते हुए कहा कि जहां विश्व एक ओर कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी के चलते सहमे हुए हैं, यही नहीं विकसित राष्ट्र अमेरिका जैसे देशों में जहां स्वास्थ्य सेवा की सबसे बेहतर विकल्प है उन देशों में महामारी के प्रकोप से सारा दुनिया सहमा हुआ है। किन्तु प्रधानमंत्री माननीय मोदी ने सही समय पर सही निर्णय लेकर एक कुशल नेतृत्व का देश के लिए परिचय दिया। उन्होंने कहा कि पौड़ी जनपद ने कोरोना काल में बचाव एवं सुरक्षा के लिए जो निर्णय जिला प्रशासन एवं टीम ने लिए है वो निर्णय पूरे राज्य एवं देश के लिए बनाए गए। उन्होंने कहा कि चीन ने जब हमारे देश को आंख दिखाया तो हमने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है।
प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व से चीन के सैनिक पीछे हट गए हैं, जिससे हमारे सैनिकों के मनोबल भी बड़ा है। कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की हरकत को हम क्षमा नहीं करेंगे देश के लिए मर मिटने वाली वीर सैनिकों की यह धरती भारत मां की रक्षा के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू कश्मीर में विकास की अवरोधक धारा 370 को हटाकर
देश में एक संविधान एक निशान लागू किया है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले को देश के सभी नागरिकों ने स्वीकार करते हुए राम मंदिर कि निर्माण कार्य में अपनी सहयोग दी है। उन्होंने देश के सभी नागरिकों को मिलजुल कर कार्य करने तथा देश की सुरक्षा एवं विकास में सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ने की अपील की।
क्षेत्रीय विधायक पौड़ी मुकेश कोली ने अपने संबोधन में राज्य एवं केंद्र सरकार की उपलब्धियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व राज्य आंदोलनकारी द्वारा की गई कार्य की जानकारी देते हुए, सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने अपने संबोधन में कहा कि देश एवं राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व राज्य आंदोलनकारी का योगदान हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष मा. प्रेम चंद अग्रवाल एवं मा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा भवन गैरसैंण में 74वा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। जो हमारे लिए सौभाग्यशाली है।
इस मौके पर माननीय मुख्य अतिथि एवं जिलाधिकारी व गणमान्य द्वारा समाज कल्याण विभाग के तत्वाधान में नशा मुक्ति अभियान का शुभारंभ किया गया।
आयोजित कार्यक्रम के बाद सभी मुख्य अतिथि एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा राशि मैदान के समीप वन भूमि पर वृहद वृक्षारोपण किया गया जहां माननीय मंत्री डॉ रावत ने बुरांश के वृक्षारोपण किया वहीं क्षेत्रीय विधायक एवं जिलाधिकारी ने तेज पत्ते के वृक्ष लगाए साथी उपस्थित सभी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने बुरांश तेजपत्ता एवं देवदार के वृक्षारोपण किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, अपर जिलाधिकारी डॉ एस के बरनवाल, उपजिलाधिकारी एस एस राणा, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, सेवा योजन अधिकारी मुकेश रायाल, डी ओ आबकारी राजेन्द्र लाल, डीपीआरओ एम एम खान, मधु खुगशाल, समानता ध्यानी, ओमप्रकाश जुगरान, प्रेमचंद ध्यानी, दीपक नेगी, योगम्बर पोली , जसपाल रावत सहित अन्य लोग उपस्थित थे। जबकि वृक्षारोपण कार्यक्रम में वन संरक्षक एसएन पांडेय, उप वन संरक्षक आकाश वर्मा एसडीओ अनिल भट्ट सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।