मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने, आय के संसाधनों को बढ़ाने, राजस्व हानि रोकने के प्रयासों के साथ ही बजट के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु कारगर प्रयासों की जरूरत बतायी है। राज्य से गरीबी, बेरोजगारी एवं पलायन से मुक्ति के लिये संतुलित एवं समावेशी विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। राज्य की वार्षिक विकास दर, औद्योगिक विकास दर, कृषि एवं सम्बद्ध विकास दर को बढ़ाने के प्रयासों पर भी उन्होंने ध्यान देने को कहा है।
सोमवार को देर रत तक मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव वित्त, वित्त के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। सचिव वित्त श्री अमित नेगी ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिति आय-व्ययक आदि से सम्बन्धित विषयगत जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि राजय का इस वर्ष का बजट 58 हजार करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में आय के संसाधनों तथा पूंजी निवेश को बढ़ाने के प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि कोविड 19 के दृष्टिगत वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। बावजूद इसके बेहतर वित्तीय प्रबंधन के द्वारा हमें इस स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं के लिये केन्द्र से वित्तीय मदद मिलनी है उनके प्रस्ताव तैयार किये जाए। उन्होंने उ0प्र0 से परिवहन, ऊर्जा एवं अन्य विभागों से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनन्द वर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, विशेष सचिव श्री पराग मधुकर धकाते, प्रभारी सचिव श्री वी षणमुगम, अपर सचिव श्री अरूणेन्द्र सिंह चौहान, श्रीमती अमिता जोशी सहित कोषागार, ऑडिट, पेंशन स्टेट जी.एस.टी. स्टाम्प रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रार सोसायटी आदि विभागों के उच्चाधिकारियों मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को और मजबूती दी जाएगी। समूहों को उनके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि मांग आधारित उत्पादन किया जाए। कोशिश की जाएगी कि समूहों का टाईअप बड़ी कम्पनियों से हो। मुख्यमंत्री, सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद कर उनका फीडबैक ले रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इन्हें और अधिक मजबूती दी जाएगी। इन समूहों को क्या समस्याएं आ रही हैं, उनके अनुसार राज्य सरकार और क्या कर सकती है, इसे जानने के लिए यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन किए जाने की जरूरत है। निजी बड़ी कम्पनियों के साथ समूहों के जाइन्ट वेंचर की सम्भावनाएं भी देखी जाएंगी। दीनदयाल अन्त्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य स्वरोजगार के माध्यम से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्तियों को सशक्त करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित होती हैं, इसलिए राज्य सरकार का रिक्त पदों पर भर्ती के साथ ही लाखों लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने पर भी फोकस है। लोगों को बहुत बार औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण बैंक से ऋण स्वीकृत नहीं हो पाता है। इन समस्याओं को देखते हुए हमने कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं जहां राज्य सरकार के अधिकारी और बैंक अधिकारी मौके पर ही फार्म आदि भरने और औपचारिकताएं पूरी करने में सहायता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में उद्यमियों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार विचार करेगी कि कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों की किस प्रकार सहायता की जा सकती है। रक्षा बंधन तक इस संबंध में कुछ न कुछ निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश में मुफ्त वैक्सीन, सबको वैक्सीन का अभियान शुरू किया गया है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड में आगामी चार माह में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से अपने आसपास के लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किए जाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के बैंक लिंकेज, वैल्यु एडीशन, प्रशिक्षण और गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करना सुनिश्चित किया जाए।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 13 जिलों के 95 विकासखण्डों में संचालित की जा रही है। 33 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह इससे जुड़े हैं। लगभग 2.5 लाख महिलाएं इन समूहों की सदस्य हैं। प्रत्येक समूह को 10 से 15 हजार रूपए राशि का रिवाल्विंग फंड उपलब्ध करवाया जाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों ने अपने समूह की गतिविधियों और समस्याओं की जानकारी देते हुए सुझाव भी दिए। कुछ महिला स्वयं सहायता समूहों ने मुख्यमंत्री को अपने उत्पाद भी भेंट किए।
प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि बरसाती जल स्रोत द्वारा टैंक के माध्यम से जल संग्रह कर पेयजल हेतु उपयोग किया जाय। इस सम्बन्ध में उन्होने जल जीवन मिशन के तहत चलायी जाने वाली योजना के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल मद के योजना का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाय जहॉ पेयजल की समस्या है अथवा पानी का स्रोत नही है। पंचायत के माध्यम से इस कार्य के लिए लगभग 300 करोड रूपये के बजट का उपयोग किया जायेगा।
पहाडी क्षेत्र में 08-10 किलों के बीच बहुत से स्थान है जहॉ जल स्रोत नही है या पेयजल की समस्या है। ऐसे क्षेत्रों में बरसाती जल स्रोत का उपयोग ढाई लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में संग्रह कर साफ सफाई के बाद बरसात के बाद भी पेयजल हेतु उपयोग किया जायेगा। बरसाती जल स्रोत का उपयोग परम्परागत रूप में भी किया जाता रहा है। इसकी लागत भी अत्यन्त कम आयेगी। ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जहॉ पेयजल की मात्रा कम है।
बैठक में कहा गया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाय और टेण्डर इत्यादि करा कर सितम्बर से कार्य प्रारम्भ करा दिया जाय।
इस अवसर सचिव नितेश झा, अपर सचिव पेयजल श्री नितिन भदौरिया, मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान एस0 के0 शर्मा, मुख्य अभियन्ता विजय पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर संस्कृति विभाग से प्रेम चन्द्र ध्यानी, विनीत गिरी, नागेन्द्र बिष्ट, नवीन चन्द, अनिल नेगी, विजय, दिलीप, शांति प्रकाश मौजूद थे।
—————————प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी अरुण बंग्यिाल ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के तहत खेल एवं युवा कल्याण विभाग पौड़ी द्वारा आगामी 14 अगस्त 2021 को प्रातः 9 बजे से कंडोलिया-देवप्रयाग मार्ग पर क्रॉस कंट्री दौड़ का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दौड़ में 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक एवं बालिकाओं द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। प्रतियोगिता में प्रवेश निःशुल्क है। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले बालक-बालिकाओं की आयु 14 अगस्त 2021 को 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रॉस कंट्री में प्रतिभाग करने वाले प्रतियोगियों को आधार कार्ड लाना अनिवार्य है। बताया कि प्रतियोगिता में बालक और बालिका वर्ग के विजेता व उप विजेताओं को खेल विभाग की ओर से आकर्षक पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।