द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री ने आई.डी.पी.एल ऋषिकेश में 500 बेड के कोविड सेंटर का उद्घाटन किया।
- कोविड केयर सेंटर में सभी ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा।
- 100 आईसीयू बेड की भी है व्यवस्था ।
- ब्लैक फंगस के मरीजों और बच्चों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था ।
- कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने आई.डी.पी.एल ऋषिकेश में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित 500 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर (राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम.वी.सी) का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटर की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।
आधुनिक सुविधायुक्त इस कोविड केयर सेंटर में सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं। 100 बेड में आईसीयू की व्यवस्था भी है। इसमें म्यूकरमायोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों एवं बच्चों के लिए भी अलग से वार्ड बनाये गये हैं। बच्चों के वार्ड में स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी आईसोलेशन एरिया बनाया गया है। मात्र 02 सप्ताह में डीआडीओ द्वारा इसे तैयार किया गया है। इस कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने इस कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि की गई है। ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आईसीयू एवं ऑक्सीजन बेड की पर्याप्त उपलब्धता है। जल्द ही हल्द्वानी में भी 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा। आई.डी.पी. एल ऋषिकेश में राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम. वी.सी के नाम से यह कोविड केयर सेंटर बनाया गया। मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने कहा कि राइफलमैन जसवंत सिंह रावत ने 1962 भारत-चीन युद्ध में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस युद्ध में वे शहीद हो गए थे। पौड़ी के बीरोखाल के बाड्यू पट्टी में जन्मे जसवंत सिंह रावत की वीरता की कहानी आज भी सबको प्रेरणा देती है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनीता ममगाई, एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकान्त, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंट एम्स ऋषिकेश डॉ. मधुर उनियाल एवं डीआडीओ के अधिकारी उपस्थित थे।
जनपद के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मंे स्वास्थ्य विभाग द्वारा 100 से 300 एलपीएम आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की जानी है। जिलाधिकारी गढ़वाल डाॅ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज विकास भवन पौड़ी में संबंधित फर्मो के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्लांट स्थापना के संबंध में चर्चा की। बैठक में दो फर्माे के अधिकारियों द्वारा आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट के संबंध में प्रजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने पैरामीटर की जानकारी दी गई।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने संबंधित फर्मों के अधिकारियों से सिविल कार्य, प्लांट के लिए विद्युत लोड की आवश्यकता, वार्षिक मेंटनेंस काॅन्ट्रेक्ट आदि के संबंध में विस्तृत चर्चा की। कहा कि आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापना के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। उनके द्वारा वित्तीय निविदा समिति को निर्देशित किया गया कि कल ही वित्तीय निविदा को खोलने की कार्यवाही की जाये। तत्पश्चात् टेक्निकल टीम द्वारा इसका परीक्षण कर टैक्निकल बिड्स एवं तुलनात्मक चार्ट के आधार पर क्रय समिति द्वारा उचित निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद के 13 विकासखण्डों के अन्तर्गत जिन सीएचसी/पीएचसी में आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट की व्यवस्था नहीं है, वहां पर 100 एलपीएम के आॅक्सीजन जनररेशन प्लांट स्थापित कर रहे हैं। इसके साथ ही दुर्गम स्थल के सीएचसी यथा नैनीडांडा, बीरोंखाल, घण्डियाल, पाबौं, सतपुली व थलीसैंण में 200 से 300 एलपीएम क्षमता के आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के प्रयास कर रहे है। इन स्थानों पर आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए भारत सरकार, एनजीओ तथा अन्य माध्यमों से जो आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है, उससे क्रय कर व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ से क्रय करने हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज शर्मा, मुख्य कोषाधिकारी लखेन्द्र गौंथियाल सहित संबंधित अधिकारी एवं फर्माे के अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने अपने भागीरथीपुरम, जीएमएस रोड स्थित आवास से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित 30 नए आई.सी.यू बेड का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने संबंधित फर्मों के अधिकारियों से सिविल कार्य, प्लांट के लिए विद्युत लोड की आवश्यकता, वार्षिक मेंटनेंस काॅन्ट्रेक्ट आदि के संबंध में विस्तृत चर्चा की। कहा कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापना के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। उनके द्वारा वित्तीय निविदा समिति को निर्देशित किया गया कि कल ही वित्तीय निविदा को खोलने की कार्यवाही की जाये। तत्पश्चात् टेक्निकल टीम द्वारा इसका परीक्षण कर टैक्निकल बिड्स एवं तुलनात्मक चार्ट के आधार पर क्रय समिति द्वारा उचित निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद के 13 विकासखण्डों के अन्तर्गत जिन सीएचसी/पीएचसी में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की व्यवस्था नहीं है, वहां पर 100 एलपीएम के ऑक्सीजन जनररेशन प्लांट स्थापित कर रहे हैं। इसके साथ ही दुर्गम स्थल के सीएचसी यथा नैनीडांडा, बीरोंखाल, घण्डियाल, पाबौं, सतपुली व थलीसैंण में 200 से 300 एलपीएम क्षमता के आॅक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के प्रयास कर रहे है। इन स्थानों पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए भारत सरकार, एनजीओ तथा अन्य माध्यमों से जो आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है, उससे क्रय कर व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ से क्रय करने हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनोज शर्मा, मुख्य कोषाधिकारी लखेन्द्र गौंथियाल सहित संबंधित अधिकारी एवं फर्माे के अधिकारी मौजूद थे।