द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी।
मुख्यमंत्री श्री तीरथसिंह रावत ने हल्द्वानी के कोविड केयर सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया तथा उनकी सहमति से शिक्षा मंत्री ने की इण्टर की परीक्षा छात्रहित में निरस्त।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में 500 बेड के कोविड केयर सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया।
कोविड केयर सेंटर में 375 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था।
125 आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर की भी व्यवस्था।
बच्चों के लिए अलग वार्ड के साथ ही अभिभावकों के लिए भी की गई है व्यवस्था।
ब्लैक फंगस (म्यूकरमायोसिस) के मरीजो के लिए बनाया गया है अलग से वार्ड।
कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल द्वारा किया जायेगा।
मात्र तीन सप्ताह में बनकर तैयार हुआ कोविड केयर सेंटर।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने हल्द्वानी में डी.आर.डी.ओ द्वारा स्थापित 500 बेड के अस्स्थाई कोविड केयर सेंटर (जनरल विपिन चन्द्र जोशी) का वर्चुअल उद्घाटन किया।
10 हजार वर्गफीट में बनाये गये इस आधुनिक सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर में 375 ऑक्सीजन बेड, 125 आईसीयू एवं वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए अलग वार्ड के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। इसमें ब्लैक फंगस (म्यूकरमायोसिस) के मरीजों के लिए भी अलग वार्ड बनाया गया है। डीआरडीओ द्वारा यह कोविड केयर सेंटर मात्र तीन सप्ताह में तैयार किया गया है। अब इसका क्लीनिकल मैनेजमेंट डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य के समन्वित प्रयासों से यह कोविड केयर सेंटर जल्द बनकर तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में इस कोविड केयर सेंटर के बनने से कुमायूं मण्डल के लोगों को ईलाज कराने में काफी सुविधा होगी। देवभूमि उत्तराखण्ड की परम्परा हमेशा सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की रही है। जो भी मरीज यहां ईलाज के लिए आयेंगे, उन्हें उचित ईलाज दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर एवं अन्य आवश्यक दवाओं की पूर्ण उपलब्धता है। कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी पुख्ता व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
कैबिनेट मंत्री श्री बंशीधर भगत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हल्द्वानी में यह एक महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि कुमायूं क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है। कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत भी यह कोविड केयर सेंटर बहुत मददगार साबित होगा।
सांसद श्री अजय भट्ट ने कहा कि सीएम श्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। राज्य के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में भी ऑक्सीजन, कन्संट्रेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कोविड केयर सेंटर की बहुत कम समय में स्थापना करने पर डी.आर.डी.ओ के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया।
नेता प्रतिपक्ष/विधायक डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हल्द्वानी में इस कोविड केयर सेंटर के बनने से मरीजों को ईलाज करने में काफी सुविधा होगी। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। हल्द्वानी में कुमांयू एवं उत्तर प्रदेश से अनेक मरीज ईलाज के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है। उन्होंने कहा कि कोविड लड़ने के लिए सबको मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मेयर हल्द्वानी डॉ. जोगेन्द्रपाल सिंह रौतेला, नैनीताल के भाजपा जिलाध्यक्ष श्री प्रदीप बिष्ट, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार श्री शत्रुघ्न सिंह, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी श्री जे. सुंद्रियाल, कुमायूं कमश्निर श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी नैनीताल श्री धीराज गर्ब्याल, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, डॉ सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ. सी.पी. भैंसोड़ा एवं सीएमएस सुशीला तिवारी मेडिकल अस्पताल डॉ. अरूण जोशी आदि उपस्थित थे।
कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में इण्टरमीडिएट की परीक्षा की गई निरस्त
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत की सहमति के पश्चात् शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डे ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में भी इण्टरमीडिएट परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की है। इस सम्बन्ध में बुधवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डे की अध्यक्षता में बैठक भी आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव शिक्षा श्री आर0मीनाक्षी सुन्दरम, महानिदेशक शिक्षा श्री विनय शंकर पाण्डे सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश में भारत सरकार एवं सीबीएसई बोर्ड द्वारा राष्ट्रहित में लिये गये निर्णय एवं दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में इण्टरमीडिएट परीक्षा को निरस्त किया जायेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इण्टरमीडिएट में किसी भी छात्र को अनुतीर्ण नही किया जायेगा। इस सम्बन्ध में सीबीएसई बोर्ड के मानको एवं निर्णय के अनुसार प्रदेश में भी तदनुसार कार्ययोजना तैयार करने के भी उन्होंने निर्देश दिये तथा सीबीएसई द्वारा अपनायी गई प्रक्रिया का अनुपालन किये जाने की बात कही।
बैठक के पश्चात् मीडिया से वार्ता करते हुए शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डे ने बताया कि देश में कोरोना के हालात देखते हुए केन्द्र सरकार एवं सीबीएसई बोर्ड ने छात्रो, शिक्षकों एवं अभिभावकों एवं राष्ट्रहित में इण्टरमीडिएट परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है उसका वे स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में वे प्रदेश में इण्टरमीडिएट परीक्षा निरस्त करने की घोषणा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय कोविड 19 के दृष्टिगत प्रदेश, छात्रों शिक्षकों एवं अविभावकों के व्यापक हित में लिया गया
जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं राज्य खाद्य योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को चयनित करते हुए तत्काल डेटा डिजिटाइज करना सुनिश्चित करें। कहा कि योजना के तहत अवशेष कार्ड धारक जिनके कार्ड तकनीकी कारणों से आॅनलाइन एप्रूव नहीं हो पाये है, उनको राज्य खाद्य योजना का कार्ड निर्गत करते हुए सम्मूर्ण अभिलेख जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय को आॅनलाइन/एपू्रव हेतु उपलब्ध कराये जाएं, ताकि ऐसे व्यक्यिांे को भी खाद्यान्न प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी डाॅ. जोगदण्डे ने समस्त खण्ड विकास अधिकारी, नगर आयुक्त नगर निगम कोटद्वार, समस्त नगरपालिका एवं नगर पंचायत को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत प्राथमिक परिवार एवं अन्त्योदय परिवारों को अपने-अपने विकास खण्ड/नगर निगम/ नगरपालिका एवं नगर पंचायतों में लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष रिक्तियों पर नियमानुसार पात्र लाभार्थियों का चयन करते हुए तत्काल लक्ष्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करें। कहा कि जो लाभार्थी अन्त्योदय एवं प्राथमिक परिवार में अच्छादित नहीं हो पा रहें, उन्हें नियमानुसार राज्य खाद्य योजना के अन्तर्गत सम्मिलित किया जाय। राशन कार्ड की श्रेणी का निर्धारण अनिवार्य रूप से नियमानुसार पात्रता के अनुरूप ही किया जाय। कहा कि भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अवशेष लक्ष्य से अधिक कार्ड/यूनिट ऑनलाइन/एप्रूव हो चुके ऐसे कार्ड धारक जो ऑनलाइन नहीं हो पाये हैं उन्हें राज्य खाद्य योजना के तहत अच्छादित किया जाना है।