समाचार प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी

मुख्यमंत्री ने 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष से भेंट कर आभार जताया
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन.के.सिंह से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने श्री सिंह को 15 वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड के दृष्टिकोण को समझते हुए राज्य की मांगों के अनुरूप संस्तुतियां किए जाने पर उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व घाटा अनुदान मिलने से राज्य के वित्तीय प्रबंधन में सहायता मिलेगी। इससे विकासात्मक कार्यों में तेजी आएगी। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। यहां प्रतिवर्ष विभिन्न दैवीय आपदाओं से करोड़ों का नुकसान होता है। इसका राज्य के संसाधनों पर भी प्रभाव पड़ता है। वित्त आयोग ने राज्य के इस पक्ष का समझा और आपदा राहत निधि के अंश में वृद्धि करते हुए लगभग 1041 करोड़ रूपए कर दिया। इससे आपदा प्रबंधन में सुधार आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड बहुमूल्य पर्यावरणीय सेवाएं देता है। परंतु उत्तराखण्ड को विकासात्मक कार्यों में वन संबंधी अवरोधों का सामना करना पड़ता है। राज्य केी लम्बे समय से मांग थी कि उत्तराखण्ड जैसे राज्यों, जो कि पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हैं, को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वित्त आायोग ने डिवोलेशन फार्मूला में वनों का अंश 7.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है, जिससे राज्य के अंश में वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड के शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं के अनुदान में भी 148 करोड़ रूपए की वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर 2018 को 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन0के0 सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय, देहरादून में वित्त आयोग की बैठक आयोजित की गई थी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वित्त आयोग से राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत विशेष सहायता, राज्य की आपदा संवेदनशीलता, पेयजल व अन्य परियोजनाओं की अधिक लागत, राज्य सरकार के जल संरक्षण कार्यक्रमो, राज्य का ईको सर्विसेज व कार्बन क्रेडिट में योगदान, राजस्व डेफिसिट ग्रान्टस की हानि व 14वे वित्त आयोग का राज्य की वितीय स्थिति पर दुष्प्रभाव पर चर्चा की थी। बैठक के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया गया था।
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उत्तराखण्ड सेवा का अधिकारअधिनियम,2011के अन्तर्गत कार्यवाही।
ई-डिस्ट्रिक पोर्टल पर लंबित मामलों में कार्मिकों पर शास्ति आरोपित।
आयोग के सचिव श्री पंकज नैथानी ने बताया कि आयोग ने ई-डिस्ट्रिक पोर्टल पर नैनीताल जनपद के वर्ष २०१८-१९(दिनाँक १-४-२०१८ से दिनाँक ३१-३-२०१९तक) के राजस्व विभाग की राजस्व सेवाओं(स्थाई निवास-२७,आय प्रमाणपत्र ८३७, जाति प्रमाणपत्र३३,चरित्रप्रमाणपत्र सामान्य-०७एवं हैसियत प्रमाणपत्र-०९ कुल- ९१३) मामले लंबित पाये ।उक्त में ८३७ मामले आय प्रमाणपत्र से संबंधित थे। आय प्रमाणपत्र के संबंध मे मार्गदर्शक नियमों के अभाव में आयोग ने राज्य सरकार को संस्तुत किया था कि तत्संबंधित शासनादेश जारी किया जाय,उन मामलों को छोड़ कर शेष ७६ मामलों में स्वत:संज्ञान लेकर दोषी कर्मियों के विरुद्ध उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम २०११की धारा-०९ के अन्तर्गत द्वितीय अपीलीय अधिकारी/ जिलाधिकारी नैनीताल को संदर्भित किया।
इन मामलों में इस अधिनियम के अन्तर्गत प्रथमत:सुनवाई /आदेश आलोक कुमार जैन तत्कालीन मुख्य आयुक्त श्री आलोक कुमार जैन और तदोपरांत शेषभाग सुनवाई/आदेशश्री डी.एस.गर्ब्याल मुख्य आयुक्त (प्रभारी)द्वारा जारी किए गये।
जिलाधिकारी नैनीताल ने सुनवायी में पाया कि जन्म प्रमाणपत्र के पॉच मामले तकनीकी त्रुटियों के कारण लंबित हैं शेष ७१ लंबित मामलों में सुनवायी के बाद तहसील हल्द्वानी व रामनगर के जिम्मेदार १७ कर्मियों को अपने स्तर से प्रत्येक दोषी पाते हुए दोषी राजस्व उपनिरीक्षकों व रामनगर थाने के प्रभारी निरीक्षक पर लंबित दिनों की गणना के आधार पर शास्ति आरोपित की गयी। जिनमें राजस्व उप निरीक्षक-लछमपुर एवं जगतपुर पर कुल ०९ प्रकरणों के लिए रु.१००००/-,राजस्व उप निरीक्षक- अर्जुनपुर पर कुल ०३ प्रकरणों के लिए रु ५०००/-,राजस्व उप निरीक्षक- खेड़ा पर कुल २ प्रकरणों के लिए रु.५०००/-,राजस्व उप निरीक्षक -लामाचौड़ पर कुल०१ प्रकरणों के लिए रु.४५००/-,राजस्व उप निरीक्षक -दमुवाढुंगा पर कुल ०३प्रकरणों के लिए रु५०००/-,राजस्व उप निरीक्षक- मुलवागांजा पर कुल ०१ प्रकरणों के लिए रु.५०००/-,राजस्व उप निरीक्षक-लोहरियासाल पर कुल०४ प्रकरणों के लिए ५०००/-,राजस्व उप निरीक्षक- भगवानपुर पर कुल ०१ प्रकरणों के लिए रु.४०००/-की राजस्व उप निरीक्षक- हल्द्वानी खास पर कुल- १२प्रकरण रु.५०००/- , राजस्व उप निरीक्षक- चॉदनी चौक पर कुल-०१ प्रकरण रु.३०००/- राजस्व उप निरीक्षक-मालघन चौड़ कुल- १४ प्रकरण रु.५०००/-, राजस्व उप निरीक्षक- कॉनिया कुल- ०६ प्रकरण रु.५०००/- राजस्व उप निरीक्षक- खुशालपुर कुल-०५ प्रकरण रु.५०००/- राजस्व उप निरीक्षक- बसई कुल-०३ प्रकरण रु.३०००/- राजस्व उप निरीक्षक-रामनगर कुल- ०३ प्रकरण रु.५०००/- राजस्व उप निरीक्षक-बुक्सार कुल- ०१प्रकरण रु.५०००/- तथा थाना रामनगर के प्रभारी निरीक्षक रामनगर कुल -२ प्रकरण रु.५०००/-की शास्ति तय की गयी।