प्रस्तुति-नागेन्द्र प्रसाद रतूड़ी (राज्य मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार)
सीएम डेशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ में विभिन्न विभागों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। सरकारी विभागों में आउटकम अधारित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए की-प्रोग्रेस इंडिकेटर तैयार किये गये हैं। इसे अधिकारियों के वार्षिक परफोरमेंस मूल्यांकन से जोड़ा गया है। इसके तहत 143 प्राथमिकता वाले कार्यक्रम रखे गये हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम डेशबोर्ड के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विभागों को प्रतिमाह जो लक्ष्य मिला है, वह लक्ष्य पूर्ण किया जाय। इसके लिए संबधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना जरूरी है। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संगंध पौध केन्द्र के लोगो का विमोचन भी किया।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा रहे हैं, उनका सही इस्तेमाल हो। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाय कि किसानों को इसका लाभ हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा के लिए जो क्लेम हो रहें हैं, उनका भुगतान जल्द हो। लघु व सीमांत कृषकों तक कृषि यंत्रों की पहुंच हो, इसके लिए फार्म मशीनरी बैंक की सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत कृषि को बढ़ावा दिया जाय। परम्परागत फसलों मण्डुवा, सॉवा, रामदाना, गहत के उत्पादन में कैसे वृद्धि की जा सकती है, इसके लिए प्रयास किये जाये। कृषकों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जाय। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका भी आकलन किया जाए कि जमीनी स्तर पर कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता क्या रही उन्होंने उद्यान विभाग में रिक्त पदों को भरने से पूर्व कृषि एवं उद्यान विभाग में कुल पदों की स्थिति की जानकारी करने के बाद सरप्लस पदों पर भर्ती की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग 85 प्रतिशत लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। परम्परागत कृषि योजना के तहत सभी 3900 कलस्टरों में कार्य शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 69641 के क्लेम का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 5.50 लाख कृषकों को 165.97 करोड़ रूपये का वितरण किया जा चुका है।
उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रेशम के उत्पादन व इससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर विकसित किया जाए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कृषकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सचल दलों को मजबूत करना जरूरी है। कृषि व बागवानी को वन्यजीवों के नुकसान से बचाने के लिए कारगर उपाय तलाशे जाय। सगन्ध उत्पादों, औषधीय व औधनिक फसलों के उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि के प्रयास किये जाय।
बैठक में कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव श्री राम विलास यादव, कृषि निदेशक श्री गौरी शंकर एवं कृषि व उद्यान विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने स्वीकृत की लक्ष्मण झूला में निर्मित होने वाले पैदल झूला पुल के निर्माण हेतु 303.60 लाख की धनराशि
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश ने बताया कि विगत 12 जुलाई, 2019 को जनपद टिहरी गढ़वाल में विधानसभा क्षेत्र नरेन्द्र नगर तथा जनपद पौड़ी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर के मध्य मुनिकीरेती में गंगा नदी पर ब्रिटिश काल में निर्मित लगभग 90 वर्ष से अधिक पुराना लक्ष्मण झूला सेतु अत्यधिक जीर्ण-शीर्ण होने तथा उसके विभिन्न कम्पोनेन्ट (Component) की लोडिंग क्षमता वर्तमान में यातायात के दृष्टिगत सुरक्षित न होने के कारण आवागमन हेतु बन्द कर दिये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त सेतु के अपस्ट्रीम साईड (Upstream side) में पैदल झूला सेतू निर्मित किये जाने के उद्देश्य से विभागीय अधिकारियों द्वारा साईट सलेक्शन ( Site selection) किया गया तथा 150 मीटर स्पान का पैदल झूला सेतु निर्मित किये जाने हेतु उक्त लोकेशन (Location) को उपयुक्त पाया गया।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सेतु के निर्माण से पूर्व प्रथम चरण के प्रक्रियात्मक कार्यों जैसे भूमि एवं स्ट्रक्चर का प्रतिकर, Utility shifting , विस्तृत सर्वेक्षण, डिजायन/ड्राइंग तथा Vetting आदि कार्यों हेतु आगणन का गठन किया गया तथा शासन द्वारा आज दिनांक 02 अगस्त, 2019 को इन कार्यों हेतु रू. 303.60 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के कार्य पूर्ण होने के पश्चात सेतु के निर्माण से सम्बन्धित विस्तृत आगणन (डी.पी.आर.) शासन द्वारा स्वीकृत की जायेगी तथा कुम्भ मेला-2021 से पूर्व उक्त सेतु का निर्माण पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि लक्ष्मण झूला सेतु पर रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) का कार्य कराते हुए इसे पर्यटन के दृष्टिगत धरोहर के रूप में उपयोग में लाया जायेगा।