मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु 19.17 करोड़ रूपये की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विभिन्न 06 कार्यों हेतु 376.25 लाख रूपये की धनराशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अन्तर्गत विजयनगर तैला मोटर मार्ग के मरघट से बाराकोट से सिरोडगांव मला, सिल्ला तक अतिरिक्त मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 46.61 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत विभिन्न 08 निर्माण कार्यों हेतु 372.06 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत चम्बा कॉलेज रोड़ से ग्राम मंज्यूड के चमाणगांव से होते हुये ऑल वेदर रोड तक मोटर मार्ग के नव निर्माण हेतु 3.30 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र देहरादून कैण्ट के अन्तर्गत प्रेमनगर के केहरी गाँव व विंग 01 से 04 में मार्ग एवं नाले के पुनर्निर्माण हेतु 54.85 लाख रूपये की धनराशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति मुख्यमंत्री ने प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत कर्णगांव से राज राजेश्वर मंदिर तक मोटर मार्ग का नव निर्माण हेतु 170.40 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत विभिन्न 03 निर्माण कार्यों हेतु 72.24 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर में विभिन्न 02 निर्माण कार्यों हेतु 85.81 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत विभिन्न 05 निर्माण कार्यों हेतु 255.31 लाख रूपये की धनराशि तथा उत्तरकाशी वन प्रभाग के गंगोत्री रेंज के अन्तर्गत लंका नामक स्थान पर हिम तेंदुआ संरक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु 480.22 लाख रूपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय, वेदीखाल, पौड़ी गढ़वाल में रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान विषयों के संचालन हेतु असिस्टेंट प्रोफेसर के 03 पदों के सृजन हेतु स्वीकृति प्रदान की है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र विकासनगर के अन्तर्गत विभिन्न 02 निर्माण कार्यों हेतु 97.24 लाख की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ग्राम झूनी में तुलानी-चण्डीका घाट लिंक रोड के निर्माण हेतु 13.71 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
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प्रदेश के कृषि, एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा कक्ष में उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड के मध्य आने वाली समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने कहा कि चम्पावत और नौटी में बन्द पडे़ चाय फैक्ट्री को पुनः चालू करने के लिए योजना बनाये और समस्याओं का निराकरण किया जाय। फैक्ट्री की वसूली को देखते हुए इस सम्बन्ध में एक मूल्यांकन समिति से लेन देन को पूर्ण करें। यदि देनदारी करने में फैक्ट्री सक्षम ना हो तो इसे सरकार स्वयं चलायेगी। फैक्ट्री पुनः चालू होने से चाय कृषकों की आमदनी बढेगी एवं प्रोसेसिंग के माध्यम से वैल्यू एडिसन भी होगा। इस सम्बन्ध में 15 दिन के अन्दर निस्तारण करने के निर्देश दिये।
बैठक में कहा गया कि कृषि करोना पुरूष्कार की 06 करोड की धनराशि को बैंक में रखा जाय एवं इससे मिलने वाली ब्याज राशि को लधु एवं सीमान्त कृषको के बालक एवं बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। प्रत्येक जनपद के प्रथम आने वाले बालक-बालिकाओं को हाई स्कूल के लिए 05 हजार रूपये, इन्टर के लिए 08 हजार रूपये एवं स्नातक के लिए 10 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप मंे दिया जाय। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और सदस्य सचिव मुख्य कृषि अधिकारी की एक समिति बना कर पात्र का चयन कर लिया जाय। चयन में पारदर्शिता बरती जाय। इसके अन्तर्गत आयकर देने वाले अथवा संवैधानिक पदों पर कार्य करने वाले अपात्र होगें। —————————————————
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. सन्धु ने शुक्रवार को सचिवालय में उद्यान विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यान के क्षेत्र में प्रदेश में बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बागवानी उत्पादों का उत्पादन के साथ ही मार्केट बढ़ाए जाने पर फोकस किया जाए। साथ ही ऐसे उत्पादों पर भी फोकस किया जाए जिनकी मार्केट पहले से ही अच्छी है परन्तु उत्पादन कम है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एन्टरप्रिन्योर को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सम्मानित किया जा सकता है, ताकि अन्य लोग प्रोत्साहित होकर इस क्षेत्र में रूचि दिखाएं। साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा कर सहयोग दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में माल्टा का बहुत अधिक उत्पादन होता है, जो अधिक उत्पादन के कारण अंत में फेंकना पड़ता है। उन्होंने माल्टा की खेती को भी बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर पीपीपी मोड में संचालन किए जाने के भी निर्देश दिए। इससे स्थानीय लोगों के उत्पाद बर्बाद नहीं होंगे और इससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी।
मुख्य सचिव ने किसानों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत वित्तीय, तकनीकी और कारोबारी सहायता उपलब्ध कराने हेतु विशेष प्रयास किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई योजना के अन्तर्गत एक जनपद एक उत्पाद योजना की साप्ताहिक समीक्षा कर बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही ऐसे उत्पादों को जो जिनमें अच्छी सम्भावनाएं हैं, परन्तु ओडीओपी में किसी कारणवश कवर नहीं हो पा रही हैं, इसके लिए राज्य स्तरीय योजना तैयार की जाए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में वॉलनट (अखरोट) की खेती में सुधार लाने के लिए उसकी वैरायटी में सुधार लाने की बात कही। कहा कि प्रदेश में बेस्ट वैरायटी उत्पादित की जाए ताकि अखरोट प्रदेश के अखरोट की डिमांड बढ़े। इसके साथ ही मधुग्राम योजना और कीवी की खेती को पूरे प्रदेश में बढ़ावा दिया जाए।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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29 अक्टूबर 2021,
जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आज विकास भवन सभागार पौड़ी में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि शीतकाल को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के संवेदनशील, पालाग्रस्त सड़क स्थलों का चिन्हीकरण कर एक माह के भीतर समुचित कार्य कराते हुए, मार्ग को सुगम बनाना सुनिश्चित करें। जिससे वाहनों के रपटने का खतरा न बना रहे। साथ ही उन्होंने परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि लोक निर्माण विभाग से मार्गों के प्रपोजल लेना सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने मार्गों की जानकारी लेते हुए सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि दुर्घटना वाले स्थानों में बोर्ड तथा मोडो पर मिरर लगाना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि स्पिट ब्रेकर में थर्मा प्लास्टिक पेंट लगाएं, जिससे वाहन चालकों को ध्यान रहते हुए सावधानी बरत सकेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने सम्बन्धित अधिकारी से घटित सड़क दुर्घटनाओं, चिन्हित ब्लैक स्पॉट के सुधार, दुर्घटना संभवित क्षेत्रों के चिन्हीकरण, वाहन चालकों की ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक, गड्डो के कारण दुर्घटना, हिट एंड रन प्रकरणों सहित 15 बिंदुओं कर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि कोटद्वार में आबंटित भूमि पर ड्राइविंग टेस्ट सेंटर हेतु डीपीआर बनवाने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने परिवहन व पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि श्रीनगर व कोटद्वार नगर क्षेत्र में सांय के समय अधिक दुर्घटना होने पर अधिक से अधिक संख्या में इंफोरमैन एक्टिविटी करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो ऐसे मार्ग हैं जहां दुर्घटना होने की अधिक संभावनाएं हैं वहां दो ब्लैक स्पाटों का चिन्हीकरण कर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कमेठी द्वारा जहां रोड़ सेफ्टी आडिट का निरीक्षण किया गया है वहां सुधारीकरण करना सुनिश्चित करें। जिससे उन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं का प्रभाव कम हो सकेगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा जो छोटी सड़के राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य मार्ग से मिलती हैं उन क्षेत्रों में बोर्ड, साइनेज, केट आई, सहित अन्य सुरक्षा के कार्य नहीं किये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देशित किया कि उन क्षेत्रों में जिला योजना निधि या अन्य निधि से कार्य किया जा सकेगा। जिस हेतु उन्होंने उक्त स्थलों के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
साथ ही उन्होंने वाहन दुर्घटना की लंबित एक मजिस्ट्रेट जांच को 15 दिवस के अंदर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि दुर्घटना हेतु जो ट्रामा सेंटर स्थापित किये गए हैं उन पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जिससे दुर्घटना होने पर मरीजों को उन ट्रामा सेंटरों में भर्ती कर बेहतर उपचार किया जा सकेगा। तथा अस्पताल में तैनात डॉक्टर को ट्रामा सेंटर में कार्य हेतू नामित कर तैनाती की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
आरटीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में हिट एंड रन की कोई मामला नहीं है। उन्होंने बताया कि पुलिस एवं विभाग द्वारा ओवर लोडिंग के 240 चालान, ओवर स्पीड के 716, नशे की हालत में 209, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर 246, भार वाहन में यात्री ढोने पर 80, गलत दिशा में वाहन चलाने पर 13 तथा रेड लाइट जम्प करने पर 27 वाहनों का चालान किया गया है।
इस अवसर पर आरटीओ अनिता चंद, सीओ सदर प्रेम लाल टम्टा, सहायक निदेशक सूचना बद्री चंद नेगी, एआरटीओ राजेन्द्र विराटीया, एसीएमओ आशीष गुसाईं, अधि.अभि. प्रा.ख. लोनिवि अरुण कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।