द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार व प्रशस्तिपत्र प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस प्रतियोगिता में प्रथम तीन विजेताओं को क्रमशः 01 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार रूपये की धनराशि का चेक दिया गया। राज्य स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में डी.डब्ल्यू.टी कॉलेज की बीएड की छात्रा सौम्या ने प्रथम, डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र उज्जवल शर्मा ने द्वितीय एवं बाल गंगा महाविद्यालय सैन्दूल कैमर की छात्रा अंजलि मंमगई ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। युवा कल्याण विभाग द्वारा ‘‘ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस युवाओं की प्रेरणा’’ विषय पर राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें देहरादून के श्री गौतम खट्टर ने प्रथम, अल्मोड़ा की हिमानी दुर्गापाल ने द्वितीय एवं नैनीताल के रोहित सिंह रावत एवं हरिद्वार की कुमारी अक्षी गौड़ ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शीघ्र ही राज्य में युवा आयोग का गठन किया जायेगा, ताकि हमारे युवा क्या सोचते हैं, अपने लक्ष्यों को पूरा करने की उनकी क्या आकांक्षायें हैं। इसका स्पष्ट रोड मेप तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि आज के युवा हर क्षेत्र में अपडेट हैं वे अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण कर स्वयं के भाग्य विधाता बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जो वीर गाथायें तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है उसे हमारे विश्वविद्यालयों को आगे बढ़ाना होगा ताकि हमारी भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़े तथा देश व दुनिया को भी इसकी जानकारी हो सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने उन्हें जो सम्मान दिया है वह सराहनीय है। वे सच्चे अर्थों में देश के सच्चे सपूत थे। इसी प्रकार स्वामी विवेकानन्द ने तमाम देशों का भ्रमण कर लोगों को भारत की संस्कृति से परिचित कराया। अमेरिका में उनका सम्बोधन भारत की वैश्विक सांस्कृतिक एकता की पहचान बना। वे सच्चे अर्थों में हमारे सांस्कृतिक गुरू थे।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस से 23 जनवरी तक युवा चेतना और ऊर्जा में नवीन प्रवाह गतिमान करने के उद्देश्य से युवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इसमें उच्च शिक्षा विभाग एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। ’’स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों की उत्तराखण्ड राज्य में प्रासंगिकता’’ विषय पर राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कुल 5229 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस पखवाड़े में 1005 रक्तदाताओं द्वारा 545 यूनिट रक्तदान किया गया।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने सनातन धर्म की संस्कृति एवं उच्च आदर्शों का परिचय विश्वभर में कराया। उन्होंने भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं का व्यापक स्तर पर प्रसार किया। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्र को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनमें साम्प्रदायिक एकता एवं सबको साथ लेकर चलने की भावना थी।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री साधू सिंह बिष्ट ने अपने विचार व्यक्त किये। स्वामी नरसिम्हानन्द ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन एवं प्रो. संजय कुमार ने श्री सुभाष चन्द्र बोस के जीवन दर्शन के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, उच्च शिक्षा उन्नयन परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ कुमकुम रौतेला, प्रो. एच. सी. पुरोहित, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने पुरूकुल में किया सैन्यधाम का शिलान्यास
शहीद सैनिकों के आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शनिवार को पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया। नेताजी श्री सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को ‘‘पराक्रम दिवस’’ के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के पंचम धाम के रूप में आज सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी गई उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो। यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो। जो लोग यहां आयेंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो। प्रदेश की राजधानी में अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से कोई देहरादून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आयें। उन्होंने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए। राज्य की प्रमुख नदियों एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये। गढ़वाल राइफल, कुमायूं रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत एवं पहचान हैं। हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि और वीरभूमि है। जब भी देश को जरूरत पड़ी हमारे जवानों ने देश की सेवा के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया और पूरी बहादुरी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि हमारे शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनाया जायेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यहां पर एडवेंचर एवं उससे संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं। देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे। विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे। अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं।
विधायक श्री गणेज जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सैनिकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था की है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं। वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली वार्षिकी राशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई है। पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की सेवाओं में समूह ‘ग’ की रिक्तियों में 05 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किया गया हैं।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री हरबंस कपूर, श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व मंत्री ले. जनरल (रिटा.) श्री टी.पी.एस रावत, मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले. जनरल (रिटा.) श्री जे. एस. नेगी, एमडी उपनल ब्रिगेडियर (रिटा.) पी.पी.एस पाहवा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (रिटा.) के.बी चन्द, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव एवं अन्य सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
अध्यक्ष विधान सभा ने श्रीनगर में कमलेश्वर महादेव के दर्शन किये।
अध्यक्ष विधान सभा उत्तराखण्ड श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल अपने चार दिवसीय गढ़वाल भ्रमण कार्यक्रम के तहत आज कमलेश्वर महादेव मंदिर श्रीनगर पहुंचे तथा कमलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
तत्पश्चात् मा. विधान सभा अध्यक्ष ने गढ़वाल मण्डल विकास निगम श्रीनगर के टीआरएच में अल्प विश्राम के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बजट सत्र किसी भी सरकार का महत्वपूर्ण सत्र होता है और उनके इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य गैरसैंण में होने वाला बजट सत्र है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार उनके ही कार्यकाल में गैरसैंण में पहला बजट सत्र हुआ था और ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद पहली बार सरकार ने निर्णय लिया है कि बजट सत्र गैरसैंण मंे होगा, जिसकी तैयारियों का जायजा लेने वे गैरसैंण/भराड़ीसैंण जा रहे हैं। कहा कि राज्य सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है और लगभग 25 हजार करोड़ रूपये की धनराशि से गैरसैंण के आस-पास के क्षेत्र का विकास किया जायेगा। कहा कि जब वे विधान सभा अध्यक्ष बने तो उन्होंने परम्परा बनाई कि विधान सभा भवन भराड़ीसैंण में राष्ट्रीय पर्व मनायेंगे और ध्वजारोहण करेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी, 2021 को भराड़ीसैंण में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में मैधावी छात्र-छात्राओं व उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में स्थानीय लोगों की कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें नियमानुसार निस्तारित किये जाने का प्रयास किया जायेगा। आंदोलनकारियों के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक आंदोलनकारी रहे हैं और आंदोलनकारियों के हित में फैसला लिया जायेगा। कहा कि विकास को लेकर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है और प्रत्येक व्यक्ति की समस्या का संज्ञान लेते हुए प्राथमिता से निस्तारण कर रही है। जनप्रतिनिधियों के कार्य के संबंध में उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि बनने के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है, और उन्हें जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए। तत्पश्चात् मा. अध्यक्ष जी ने आॅलवेदर रोड़ का निरीक्षण करते हुए रूद्रप्रयाग के लिए प्रस्थान किया।
इस मौके पर मण्डल अध्यक्ष भाजपा श्रीनगर गिरीश चंद्र पैन्यूली, एसडीएम रविन्द्र बिष्ट, मीडिया प्रतिनिधि मा. विधान सभा अध्यक्ष एस थपलियाल, तहसीलदार सुनील राज, सम्मानित पत्रकार प्रतिनिधि संदीप थपलियाल, के.के. उनियाल, सुधीर भट्ट, पंकज मैन्दोली, विनय भट्ट, देवेन्द्र गौड़ सहित अन्य मीडिया प्रतिनिधि मौजूद थे।