मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिह रावत ने भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा लेह से देश मे बीआरओ द्वारा दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बनाये गये पुलों (ब्रिजों) का लोकार्पण कार्यक्रम में वचुर्वल प्रतिभाग किया।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने लेह से बीआरओ द्वारा देश मे बनाये गये 63 पुलों एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सडकों का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किये। जिसमें उत्तराखण्ड में 1928.74 लाख की लागत से कुल 06 पुलों का लोकार्पण किया गया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सम्बोधित करते हुये कहा कि देश के दुर्गम क्षेत्रों में पुल, सडक निर्माण कर कनेक्टीविटी देना सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बीआरओ को दुर्गम क्षेत्रों मे पुल, सडक निर्माण करने पर बधाई दी व कार्यो की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि पुल व सडकें देश के विकास की गति बढाते हैं तथा सडकें विकास, पर्यटन के साथ ही देश रक्षा की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि हम समृद्व-सशक्त देश निर्माण मे तेजी से आगे बढ रहे है।
लोकार्पण कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने रामनगर से वचुर्वल प्रतिभाग किया। उन्होने कहा कि प्रदेश मे 06 पुलों का लोकार्पण किया गया है। उत्तराखण्ड में जोशीमठ -मलार रोड पर रानी पुल लागत 348.12 लाख, ऋषिकेश- धरासू सडक पर खादी पुल लागत 513.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर कुरकुटिया ब्रिज लागत 142.00 लाख, जौलजीबी-मुनस्यारी सडक पर जुनालीगढ ब्रिज लागत 649.62 लाख, तवाघाट-घाटियाबागढ सडक पर जुंटीगढ ब्रिज लागत 156.00 लाख तथा मुनस्यारी- बगडियार-मिलन सडक पर लास्पा पुल लागत 120.00 लाख के पुलों का लोकापर्ण किया।
उन्होने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों मे पुल सडक निर्माण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। बीआरओ ने दुर्गम क्षेत्रों मे दिन-रात ठंड व बर्फबारी मे भी लगातार काम कर पुलों का निर्माण किया यह बहुत ही सराहनीय व साहसिक कार्य है। उन्होने कहा इन पुलों के निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही सैन्य गतिविधियों के लिये बहुत सुविधा मिलेगी।
वर्चुवल लोकार्पण मे सांसद श्री अजय टम्टा ने भी प्रतिभाग किया।
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जिलाधिकारी गढ़वाल डा0 विजय कुमार जोगदण्डे ने रविवार को अपने भ्रमण निरीक्षण कार्यक्रम जारी रखते हुए देर रात्रि ग्राम सभा असगढ़ पहुंचे जहां उन्होने उपस्थित अधिकारी एवं ग्रामीण की मौजूदगी में लालटेन के सहारे विकास कार्यो का निरीक्षण किया। हालांकि ग्रामीण जिलाधिकारी को अपने मध्य पाकर उत्साहित हुए और जिलाधिकारी का पुष्पगुच्छ से स्वागत करते हुए गांव आगमन पर आभार व्यक्त किया। जिलाधिकारी ने गांव में हुए बेहतर कार्य पर ग्रामीणों की तारीफ करते हुए कहा कि अन्य गांव के ग्रामीणों को भी इसी तहर विकास कार्यो में अपनी सहभागिता बनाये रखना चाहिए। जिलाधिकारी ने बैठक कर सुनी ग्रामीणों की समस्या तथा निस्तारण हेतु दिये अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश।
जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे अपने गांव भ्रमण निरीक्षण कार्यक्रम के तहत विकास खण्ड एकेश्वर के मलेथा गांव की निरीक्षण के बाद जनपद के विकास खंड कल्जीखाल के बूंगा तथा असगड़ गांव पहुंचकर जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी देर रात को असगड़ गांव पहुंचे, जहां जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर ग्रामीण बेहद खुश नजर आए। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का गांव में पहुंचने पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। उन्होंने ग्रामीणों के साथ देर रात को लगभग 02 घंटे से ऊपर जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने लालटेन के माध्यम से गांव में बने वर्मी कम्पोस्ट, सामुदायिक शौचालय तथा रास्तों का जायजा भी लिया। उन्होंने गांव में बेहतर कार्य होने पर ग्रामीणों की तारीफ कर कहा कि अन्य ग्रामीणों को भी इसी तरह अपने-अपने गांव में विकास कार्य करना चाहिए। जिससे गांव की एक अलग पहचान बन सकेगी। उन्होंने गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगे नलों का निरीक्षण भी किया।
इससे पहले जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कल्जीखाल विकासखण्ड के बूंगा गांव पहुंचे, उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत गांव में हो रहे कार्यों की जानकारी ग्रामीणों से ली। उन्होंने ग्रामीणों को कहा कि अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें, जिससे गांव में जल्द से जल्द पानी आ सकेगा। साथ ही उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि गांव में समिति बनाकर पेयजल में आ रही समस्या को लेकर बैठक कर निस्तारित करना सुनिश्चित करें। कहा कि आंगनबाड़ी, पंचायत घर, प्राथमिक विद्यालय तथा जो परिवार पेयजल कनेक्शन से छूट गए हैं वहां भी जल्द कनेक्शन लगवाना सुनिश्चित करें। इस दौरान पेयजल अधिकारी को गांव के परिवारों की जानकारी सही न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि गांव में बैठक कर परिवारों की संख्या सही रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही कहा कि गांव की क्षमता के अनुरूप टैंक बनाये, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए जगह-जगह न भटकना पड़े। जिलाधिकारी ने गांव में प्राकृतिक स्रोतों की जानकारी लेते हुए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि उन स्रोतों को संरक्षित कर पेयजल लाइन में जोड़े। उन्होंने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि गांव में बैठक की तिथि निर्धारित कर तथा बैठक में मौजूद ग्रामीणों के हस्ताक्षर लेना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी पौड़ी एस.एस. राणा, स्वजल अधिकारी दीपक रावत, सहायक अभियंता जल निगम सतेंद्र पाल सिंह, अपर सहायक अभियंता चंद्रवीर सिंह, खंड विकास अधिकारी सत्य प्रकाश भारद्वाज, ग्राम प्रधान असगड़ नीलम नेगी, जगपाल सिंह, बुद्धि सिंह, अनिता देवी, जगमोहन डांगी सहित अन्य उपस्थित थे।