विचार – श्री विश्वजीत नेगी
अध्यक्ष स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड
पत्रकारों की सुध लेने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने दी ऐसे सूचना महानिदेशक को दी जो पत्रकारों के फोन तक उठाने में अपनी तौहीन मानते हैं ,,,,उनकी बला से मरता है तो मरे पत्रकार ,,,,,इस आपदा की घड़ी में जहाँ पूरा देश पत्रकारों को सम्मानजनक दृष्टि से देख रहा है और उत्तराखंड में पत्रकारों की जान रामभरोसे ,,,,,,,,,इससे बड़ी बात क्या होगी ,,,,,,घर बैठे के विज्ञापन देने में महारत हासिल कर चुके हैं महानिदेशक,,,,,,सुना है कि पत्रकारों को बोलते हैं मुख्यमंत्री का रिस्तेदार हु,,,,मेरा क्या कोई कुछ कर लेगा,,,,,,
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आज तक जितने महानिदेशक रहे हमेशा पत्रकारों के साथ उनके दुख सुख में खड़े रहे हो,,,पत्रकारों पर रोजी रोटी का संकट और साहब ऐजेंसी से कुछ अखबारों को ही विज्ञापन देने में जुटे हैं।
जबकि पिछले 5 दिनों से लोग आज अखबार ले ही नही रहे हैं सरकारी धन की ऐसे बंदरबाट जीरो टोरलैंस की धज्जियां मुख्यमंत्री के कार्यालय में बैठ कर उड़ाई जा रही है
मुख्यमंत्री जी ध्यान दे ऐसे महानिदेशक की जगह ऐसे अधिकारी को बिठाया जाए जो पत्रकारों से सामंजस्य बना कर सरकार जो 2022 के चुनाव में विजय दिलवाए