मुख्यमंत्री ने पंचायतराज विभाग की समीक्षा की।:वनाग्नि रोकने के लिये युद्धस्तर पर की जाए तैयारियांः मुख्यमंत्री#उपनल कार्मिकों की समस्या निराकरण हेतु मुख्यसचिव की अध्यक्षता में उप समिति गठित#बीससूत्रीय कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन:पढिए Janswar.com में

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पंचायतीराज विभाग के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें जल जीवन मिशन को भी जोड़े जाने के निर्देश दिए। जल जीवन मिशन के अंतर्गत अनुमन्य कार्यों और 15 वें वित्त आयोग की टाईड फण्ड के अन्तर्गत कार्ययोजना को जोड़ने पर बल दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने 15 वें वित्त आयोग के अन्तर्गत त्रिस्तरीय पंचायतों को आवंटित धनराशि के व्यय की समीक्षा करने और शीघ्र ही प्राप्त धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां पंचायत भवनों के पुनरीक्षण की आवश्यकता है, उसके प्रस्ताव को लागू किया जाएगा।विभागीय योजनाओं की प्रगति और गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के संबंध में नियमित रूप से समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिया गया है कि पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत पूर्व में कार्यरत के माध्यम से तैनात डेटा एन्ट्री ऑपरेटर और कनिष्ठ अभियन्ता की एक वर्ष की तैनाती के लिए विभाग तत्काल प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि जिला योजना समिति के निर्वाचन, और राज्य के 12 जनपदों में वर्ष 2019 में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त रिक्त त्रिस्तरीय पंचायतों में रिक्त पदों पर निर्वाचन और जनपद-हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन सम्पादित किए जाने के संबंध में। । ससमय कार्यवाही कर ली जाएगी।उन्होंने विभाग में गत वर्ष के माध्यम से तैनात 376 डेटा एन्ट्री ऑपरेटर और 95 कनिष्ठ अभयता को केन्द्र वित्त आयोग की कन्टीजेन्सी से नियोजित किए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव अगले काउंटर बैठक में लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत अधिकारियों की समस्याओं को जनपद और राज्य स्तर पर सुनते हुए नियमनुयार समाधान प्रदान किए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।
सचिव पंचायतीराज द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं प्रगति से अवगत कराया गया।राज्य की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने के संबंध में सचिव, पंचायतीराज द्वारा संविधान की 11 वीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों से संबंधित रेखीय विभागों को ग्राम पंचायत विकास योजना, क्षेत्र पंचायत विकास योजना और जिला पंचायत विकास योजना की तैयारी के दौरान रेखीय विभागों के कार्मिकों से लाभार्थी परक योजना और गतिविधियों को योजना के भाग बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। तत्पश्चात सचिव द्वारा ग्राम स्वराज अभियान योजना के अन्तर्गत त्रिस्तरीय पंचायतों के सलाहकार एवं कार्मिकों को विभाजित -19 महामारी के दृष्टिगत सम्पादित अनलाइन प्रशिक्षणों, ई-प्रशिक्षण मॉड्यूलयूल एवं प्रशिक्षण सामग्री दूरवर्ती एवं यूटयूब एवं विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध होने तथा अप्रैल, 2021 से 95 विकासखंडों का विकास । विकास एवं न्याय पंचायतों में भौतिक प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के कार्ययोजना के संबंध में अवगत कराया गया है।
सचिव पंचायतीराज द्वारा आर.जी.एस.ए.के अन्तर्गत हरिद्वार में कॉमन वेस्टर रिसाईकलिंग फैसिलिटी की उपादेयता और भौतिक प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए महीने अप्रैल, 2021 के अंत तक प्लास्टिक कार्ड रिसाईकलिंग मशीन के स्थापित होने के संबंध में अवगत कराया गया है। साथ ही आर.जी.एस.ए. योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में काठगोदाम में स्थापित प्लास्टिक अवशिष्ठ रिसोईकलिंग मशीन के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए जाने के संबंध में अवगत कराया गया। उत्तराखण्ड राज्य में कुल 7791 ग्राम पंचायत है जिसके सापेक्ष 6610 ग्राम पचायतों में पंचायत भवन निर्मित है। राज्य में 1181 ग्राम पंचायतें पंचायत भवन विहीन है जबकि 1157 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन जीर्ण क्षीण क्षेत्र में है। इस प्रकार कुल 2338 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण / नव निर्माण की आवश्यकता है।पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 ग्राम पंचायतों में रू ० 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से पंचायत भवन निर्माण, 150 ग्राम पंचायतों में नियमित 04 पंचायत भवन की दर से पंचायत भवन की मरम्मत। और 150 ग्राम पंचायतों में रू 0 04 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से कॉमन सर्विस सेंटर संचालन चौक अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किए गए थे किन्तु वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा पंचायत भवनों का निर्माण केंद्रीय वित्त आयोग (अनीति फंड) / राज्य वित्त आयोग (50 प्रतिशत) और मनरेगा (50 प्रतिशत) की धनराशि से किए जाने के का प्रारूप तैयार किया गया।उत्तराखण्ड में पंचायतों की सबसे कम जनसंख्या और विषम भौगोलिक क्षेत्र के दृष्टिगत ग्राम पंचायत को केन्द्र / राज्य वित्त से प्राप्त होने वाली धनराशि पंचायत भवन निर्माण हेतु प्रेषित है जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में पंचायत भवन हेतु रू। 0 20.00 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
बैठक में श्री अरविन्द पाण्डेय, पंचायतीराज मंत्री, सचिव वित्त श्री अमित नेगी और श्री सौजन्या और श्री हरिचन्द्र सेमवाल, सचिव एवं निदेशक पंचायतीराज के साथ-साथ अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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वनाग्नि रोकने के लिए युद्ध युद्ध पर की जाए तैयारियों: मुख्यमंत्री
दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में वनाग्नि शमन के लिए जरूरत होने पर हेलीकाप्टर का उपयोग हो
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने प्रमुख वन संरक्षक श्री राजीव भरत को निर्देश दिया – वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए। के लिए। लिए पुख्ता व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर ली जाएँ। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर ली भेंट। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में जहाँ पहुँचना बहुत मुश्किल हो सकता है, वहाँ वनाग्नि शमन के लिए हेलीकाप्टर की उपलब्धता होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि के प्रति जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए और इसे रोकने में स्थानीय लोगों से भी सहयोग लिया जाए। स्थानीय सहभागिता से ही वन्स का संरक्षण किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन की नियमित समीक्षा की जाए और फील्ड लेवल तक सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। फायरलाइन की भी अपडेटिंग की जाए। इसके लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि शमन के दौरान मृतक कार्मिकों और स्थानीय नागरिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि अविलम्ब वितरित किए गए हैं।

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उपनल कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की घोषणा में उप समिति गठित
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर समिति बनाई गई
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर उपनल कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण / सम्यक परीक्षण के लिए मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया गया। । है। अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव, सैनिक कल्याण विभाग, उत्तराखंड शासन उक्त उप समिति में सदस्य सचिव होंगे और प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त, सचिव कार्मिक, प्रबन्ध निदेशक उपनल, निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास, उत्तराखंड के सदस्य सचिव तौर पर। शामिल होंगे। रहना।इसके साथ ही उक्त उप समिति में प्रायोजित उपनल कर्मचारी महासंघ के 02 पदाधिकारी को भी सम्मिलित किया जाएगा, इन पदाधिकारियों को पृथक से सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आमंत्रित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि उपनल कार्मिकों का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी रुचि सुनिश्चित करें
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