समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा देहरादून शहर में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ़ कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत हुई है, और पर्यावरण की दृष्टि से यह उत्तराखण्ड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी देहरादून के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 30 बसें चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा यह भी प्रयास रहेगा कि धीरे-धीरे मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार तक इन इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का भी प्रयास है कि वर्ष 2030 तक पूरे देश को इलेक्ट्रिक बसों की ओर लाया जाए।
इस अवसर पर मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री गणेश जोशी एवं सीईओ स्मार्ट सिटी देहरादून श्री आशीष श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में जनपद हरिद्वार के लिए कोविड-19 के कारण आईसोलेट में रह रहे व्यक्तियों की मॉनिटरिंग हेतु इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पोंस सिस्टम (आई.वी.आर.एस.) के ट्रायल रन का शुभारम्भ किया।
इस आई.वी.आर.एस प्रणाली के द्वारा कोविड-19 के कारण आईसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। सिस्टम द्वारा पूछे गए सवालों की प्रतिक्रिया के अनुसार सभी समस्याएं एवं जानकारियां सिस्टम में दर्ज हो जाएंगी। इस प्रणाली के माध्यम से लक्षण, टेस्टिंग एवं फॉलो-अप से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। उनके उत्तरों के अनुसार सभी समस्याओं के निराकरण हेतु सम्बन्धित नोडल अधिकारियों को सूचित कर तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आईसोलेशन में रह रहे एक व्यक्ति से फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से संक्रमित व्यक्ति की मॉनिटरिंग करना तो आवश्यक है, परन्तु यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित के अनुसार सुविधाजनक समय पर सम्पर्क किया जाए। फीडबैक लेने के दौरान आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को कम से कम परेशानी हो।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार से कहा कि हरिद्वार में मंदिरों में प्रयोग होने के बाद फूलों की अत्यधिक बर्बादी होती है। इसके लिए एक सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए कि यह फूल उसके बाद भी प्रयोग हो सकें। इनका प्रयोग धूप व अगरबत्ती बनाने में किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष चंडीघाट में साउंड एण्ड लाईट शॉ का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके साथ ही, जिला प्रशासन हरिद्वार की ओर से कोरोना वॉरियर्स के लिए समर्पित वीडियो सौंग ‘‘कोटि कोटि नमन‘‘ को भी लाँच किया गया। उन्होंने कहा कि हम सब जान रहे हैं कि कोरोना से लड़ने में हमारे कोरोना वॉरियर्स ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह सारा जोखिम आपके लिए, मेरे लिए, हमारे लिए उठा रहे हैं। कोरोना वॉरियर्स के लिए समर्पित यह गाना उनका हौसला बढ़ाने में सहायक होगा।
इस अवसर पर मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा, मुख्यमंत्री के आई.टी. सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त पेटवाल एवं एस.एस.पी. हरिद्वार श्री सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस. भी उपस्थित थे।
‘‘ईज ऑफ डुईंग बिजनेस तथा GSDP का अतिरिक्त 02 प्रतिशत ऋण सुविधा लिये जाने से सम्बन्धित अपेक्षित सुधार तेजी से पूरा करें- मुख्य सचिव’’
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के अंतर्गत निर्धारित कार्य बिन्दुओं तथा GSDP (ग्रोस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट- सकल राज्य घरेलु उत्पाद) का अतिरिक्त 2 प्रतिशत ऋण सुविधा लिये जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्य सचिव ने उद्योग, राजस्व विभाग, शहरी विकास, पंजीकरण विभाग, वित्त विभाग, श्रम विभाग, वन विभाग, खनन विभाग, खाद्य आपूर्ति आदि विभागों को तेजी से ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में किये जाने वाले अपेक्षित सुधारों को पूरा करने के निर्देश दिये ताकि राज्य को GSDP का अतिरिक्त 02 प्रतिशत ऋण सुविधा का लाभ पॉपर तरीके से मिल सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के स्तर पर जो सुधार किये जाने हैं, उन्हें अविलम्ब पूरा करें। उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड, ऊर्जा सैक्टर में सुधार, नवीनीकरण की आवश्यकता में सुधार या इसकी समाप्ति तथा जनपद स्तर पर ईज ऑफ डुईंग बिजनेस के विभिन्न बिन्दुओं पर सम्बन्धित विभागों को निर्धारित टाइमलाइन देते हुए अपेक्षित सुधारों को पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में 100 प्रतिशत आधार कार्ड सीडिंग प्रक्रिया को आगामी 15 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से शत् प्रतिशत करने के निर्देश दिये, जिसकी प्रगति अभी तक 99 प्रतिशत हो चुकी है। उन्होंने सर्टिफिकेशन ऑफ फौरेस्ट लैण्ड और ई मॉड्यूल डेवलपमेन्ट में शीघ्र सुधार करने के भी निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने टैण्डर प्रक्रिया में शिकायत निवारण जिसके तहत निर्धारित टाइमलाइन में डैशबोर्ड पर शिकायतों का बेहतर निस्तारण हो जाये के सम्बन्ध में सचिव समिति के स्तर पर चर्चा करते हुए इसके समाधान करने के निर्देश दिये।
इसके अतिरिक्त ऊर्जा सैक्टर में सुधार, ऑनलाइन पोर्टल पर तीव्र भुगतान, शहरी निकायों में सुधारीकरण, नवीनीकरण की आवश्यकता की समाप्ति अथवा अपेक्षित सुधार तथा जनपद स्तर पर ईज ऑफ डुईंग बिजनेस से सम्बन्धित सुधारों के सम्बन्ध में भी सम्बन्धित विभागों को तेजी से सुधार पूरा करते हुए कृत विवरण से सूचित करने को कहा।
मुख्य सचिव ने ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में लक्षित सुधार लाने और GSDP का 2 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण धनराशि का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रत्यके 15 दिन में इस सम्बन्ध में समीक्षा बैठक करने के भी निर्देश दिये। साथ ही दो या दो से अधिक विभागों के अपेक्षित संयुक्त सुधारों में प्रगति लाने के लिए आपसी समन्वय से प्रगति बढ़ाने को निर्देशित किया।
विदित है कि उत्तराखण्ड द्वारा यदि वन नेशन वन राशन कार्ड, ऊर्जा सैक्टर में सुधार नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त करने या इसमें सुधार कार्य तथा जनपद स्तर पर ईज ऑफ डुईंग बिजनेस से सम्बन्धित बिन्दुओं में यदि दिसम्बर 2020 तक अपेक्षित सुधार किया जाता है तो राज्य की कुल GSDP का 2 प्रतिशत (लगभग 4600 करोड़ रूपये) की अतिरिक्त ऋण सुविधा का लाभ राज्य को प्राप्त होगा, जिसका राज्य लक्षित कार्यों में उपयोग कर सकेगा।
इस दौरान सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या व सचिन कुर्वे, आयुक्त उद्योग एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव विनोद सुमन, आलोक कुमार पाण्डेय, प्रताप शाह आदि सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में शीतलहर से निपटने के लिए विभागों और जनपद स्तर पर की गयी तैयारियों के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में सर्वप्रथम उत्तराखण्ड क्षेत्र के मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से उत्तराखण्ड में शीतलहर से प्रभावित होने वाले मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी, कुहरा आदि से सम्बन्धित घटनाओं की संभावना और उसकी तीव्रता से अवगत कराते हुए उससे निपटने के लिए कारगर प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
इसके पश्चात् मुख्य सचिव द्वारा प्रत्येक जनपद से शीतलहर को लेकर की गई पूर्व तैयारी, बनाये गये प्लान और उनके संसाधनों इत्यादि की जानकारी लेते हुए विभिन्न जनपदों का शीतलहर से निपटने के लिए संसाधनों की डिमान्ड इत्यादि की जानकारी ली।
इस दौरान विभिन्न जनपदों द्वारा शीतलहर से निपटने के लिए अपने-अपने जनपद स्तर पर बनाये गये SOP (स्टेडर्ण्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तथा उपलब्ध संसाधनों से अवगत कराते हुए उनके जनपदों में पड़नेवाली अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता से अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबन्धन से जुड़े अधिकारियों को प्रत्येक जनपद द्वारा की गयी संसाधनों को बढ़ाने तथा अतिरिक्त संसाधनों की मांग को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शीतलहर के दौरान आवश्यकतानुसार जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में अलाव जाते रहेंगे, रैनबसैरों को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाए अथवा उनकी क्षमता बढ़ाई जाए। जिन जनपदों में बर्फ के चलते सड़क जाम की समस्या आती है, वहाँ पर पर्याप्त मात्रा में स्नोफाँल मशीन, जे.सी.बी. और प्रशिक्षित कार्य बल उपलब्ध कराया जाए।
सभी जनपद इस बात को सुनिश्चित कर लेंगे कि शीतलहर के सीजन में उनके यहाँ पर्याप्त खाद्य आपूर्ति का स्टॉक उपलब्ध हो या निर्बाध आपूर्ति बरकरार बनी रहे। रैनबसैरों में पर्याप्त मात्रा में कम्बल उपलब्ध हो और उसमें पेयजल, शौचालय तथा पर्याप्त साफ-सफाई उपलब्ध हो। कोविड-19 से अधिक प्रभावित मैदानी जनपदों को रैनबसैरों में अतिरिक्त कम्बल की आपूर्ति की जाए जिससे कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत् कम्बल-बिस्तर की अदला-बदली की जा सके।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने दूरभाष नं0 को बेहतर और प्रभावी सूचनाओं के आधार प्रदान हेतु आदन-प्रदान करने और रिमोट एरियाज में सूचना बोर्ड पर आपातकालीन स्थिति के लिए महत्वपूर्ण अधिकारियों के मोबाइल नं0 चस्पा करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए भी तथा आपात स्थिति में उनके लिए जरूरी व्यवस्थाएँ पूर्व में ही संपादित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान बैठक में प्रभारी सचिव आपदा प्रबन्धन एस.ए. मुरूगेशन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण रिद्विमा अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून डॉ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, अधिशासी निदेशक राज्य आपदा प्रबन्धन डॉ0 पीयूष रौतेला सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।