प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी- संपादक
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खटीमा गोली कांड के शहीदों का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान को प्रदेश हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप समृद्ध और प्रगतिशील उत्तराखंड बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया है, जिससे प्रदेश का सप्पूर्ण विकास हो सके। हमने पलायन को रोकने, रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी तेजी एवं पारदर्शिता से कार्य किया है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खटीमा विधायक श्री पुष्कर सिंह धामी एवं राज्य आंदोलनकारी उपस्थित थे।
प्रदेश के आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में आयुष विभाग के कार्मिकों से सम्बन्धित समस्या के निदान के लिए आवश्यक निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महिनों से रूके हुए नर्सिंग स्टाफ का वेतन 24 घण्टे के अन्दर देने की कार्यवाही करें। उन्होंने कोविड काल में नर्सिंग स्टाफ की विशेष भूमिका और सेवा की महत्ता को स्वीकार किया एवं लिपिकीय त्रुटि के आधार पर वेतन को रोकने पर नाराजगी व्यक्त की। आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी, एमडी जो आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में मानक पूरा करने के कारण सम्बद्ध हैं, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में संविलियन करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
प्रशासकीय दक्षता बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक निदेशालय और आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय मिनिस्टीरियल संवर्ग को एकल संवर्ग में बदलने के लिए नियमावली लायी जायेगी। आयुर्वेदिक विभाग में कार्मिकों के पेंशन इत्यादि की समस्या के समाधान के लिए प्रस्ताव लाया जायेगा। होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक फार्मेसी के रिक्त पद, पुराने नियमावली के अनुसार भरे जायेंगे। चतुर्थ श्रेणी के पद आयुर्वेदिक विभाग आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जायेंगे।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का कार्य केवल डिग्री देना नहीं है बल्कि शोध और विकास कार्य करना भी है। विश्वविद्यालय प्रशासन से संबन्धित प्रकरण पर विश्वविद्यालय अपने स्तर से निर्णय लेगा और आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के पास मौजूद 72 करोड़ के फण्ड का उपयोग नियमानुसार प्रयोग करेगा। अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान के विकास व अन्य विकास के मद में उपयोग किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव आयुष डी. सेंथिल पांडियन, अपर सचिव वित्त देवेन्द्र पालीवाल, अपर सचिव कार्मिक एस.एस.वल्दिया, अपर सचिव आयुष राजेन्द्र सिंह, निदेशक डाॅ0 वाई.एस.रावत एवं डाॅ. राजेन्द्र सिंह तथा आयुर्वेदिक वि.वि. के वाइस चांसलर प्रो.सुनील कुमार जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय गंगा समिति की नवीं बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि गंगा में ड्रेनेज का अशोधित जल नहीं जाना चाहिए, साथ ही ऐसे स्थल जो सीवर लाइन से जुड़े नहीं हैं, का सेप्टेज मैनेजमेंट भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने देवप्रयाग, गंगोत्री, बदरीनाथ में भी सेप्टेज मैनेजमेंट की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन नगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था नहीं है उनमें सॉलिड वेस्ट के लिये ट्रांसपोर्टेशन एवं प्रोसेसिंग की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण की जाय।
उन्होंने पुराने कूड़े को प्रोसेसिंग कर उसके निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित नगर निकायों को दिये। मुख्य सचिव ने समस्त जिला विकास समितियों को एनजीटी की गाइड लाइन के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चत करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने प्रदेश की नदियों में सफाई व्यवस्था बनाये रखने तथा जनपद गंगा समितियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार के जिलाधिकारियों को दिये, तथा उनकी समस्याओं को भी सुना।
बैठक में अपर सचिव उदयराज सिंह ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि प्रदेश में 32 एस.टी.पी. में से 29 एस.टी.पी का निर्माण हो चुका है जिनमें सीवरेज ट्रीटमेंट चल रहा है। अवशेष 1 परियोजना जोशीमठ तथा 2 श्रीकोट में निर्माणाधीन है। इन परियोजनाओं की सीवरेज शोधन क्षमता 129 एम.एल.डी है।
मुख्य सचिव ने सीवरेज के शोधन की क्षमता परियोजना की क्षमता के अनुरूप विस्तार करने के निर्देश दिये। वर्तमान में इन परियोजनाओं से 27 एम.एल.डी पानी का शोधन हो रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा, अपर सचिव श्री उदयराज, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एस.पी. सुबुद्धि उपस्थित थे।
जिला मजिस्ट्रेट श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनपद में ग्राम प्रधान व सदस्यों के रिक्त पदों पर उपनिर्वाचन हेतु आरक्षण प्रस्ताव को लेकर एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां दर्ज करने को कहा है। आपत्तियां का निस्तारण आगामी 8 सितम्बर को प्रातः 11 बजे विकास भवन सभागार में किया जाएगा।
जिला मजिस्ट्रेट श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद के 15 विकास खंडों के सापेक्ष नौ विकास खंडों में ग्राम प्रधानों के 14 रिक्त पदों के साथ ही 12 ब्लाकों के 178 ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों पर उपनिर्वाचन कराये जाने के लिए आपत्तियां मांगी गई हैं। जिसमें ग्राम प्रधान के लिए पाबौ व कोट ब्लाक में तीन-तीन, दुगड्डा के दो तथा खिर्सू, बीरोंखाल, एकेश्वर, कल्जीखाल, रिखणीखाल तथा द्वारीखाल ब्लाक के एक-एक रिक्त पदों पर आपत्तियां मंागी गई हैं। जबकि ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त पद के लिए पौड़ी ब्लाक में 7, यमकेश्वर ब्लाक की 13, थलीसैंण व खिर्सू में 10-10, द्वारीखाल में एक, पाबौ में 34, एकेश्वर में 18, कोट में 42, दुगड्डा में 15, कल्जीखाल में 14 तथा रिखणीखाल और पोखड़ा के 7-7 पदों के लिए आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन विकास खंडों में आरक्षित श्रेणी का पात्र उम्मीदावार उपलब्ध न होने से चुनाव नहीं हो सका है। इन क्षेत्रों में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों को अनारक्षित श्रेणी के लिए अनंतिम रूप से आरक्षित किया जाना है। जिसके लिए इन क्षेत्रों में प्रधान एवं सदस्य के पदों हेतु आपत्तियां दर्ज कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय तय किया गया है। कहा कि आगामी 8 सितम्बर 2020 को विकास भवन सभागार में प्रातः 11 बजे से इन पदों पर दर्ज आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सूचना संबंधित सभी क्षेत्रों में प्रसारित करने के निर्देश दिये हैं।
