मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में चिकित्सकों के कार्य की सराहना की#अपनी मंजिल पाने के लिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों को मेहनत व लगन के साथ कार्य करना होगा- वनमंत्री हरक सिंह रावत#मत्स्य पालकों की आय वृद्वि पर विशेष ध्यान दें तथा उनके लिए बीमा का प्रावधान किया जाय। -राज्यमंत्री रेखा आर्य।पढिए Janswar.com में

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह नपलच्याल, महासचिव डॉ. मनोज वर्मा एवं डॉ. एन.एस बिष्ट ने संघ की विभिन्न मांगों को लेकर वार्ता की। संघ के मामलों पर बिन्दुवार चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मांगों को गम्भीरता से लिया जायेगा एवं सकारात्मक सहयोग किया जायेगा। प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपना आन्दोलन तत्काल वापस लेंगे।
     मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। जिस लगन से वे जन सेवा कर रहे हैं, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों व उनके परिजनों द्वारा भी चिकित्सकों के कठिन तपस्या की सराहना की गई।
      प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह नपलच्याल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा विभिन्न मांगों पर सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिये जाने पर संघ ने अपना आन्दोलन तत्काल वापस लेने का निर्णय लिया है।
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पौड़ी गढवाल के घुडदौडी में जीबी पंत अभियांत्रिकी एंव प्रोद्योगिकी संस्थान के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित इंटरनेशनल आॅनलाइन फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम विषय पर आधारित कार्यक्रम में प्रदेश के काबीना मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य बेहतर कार्य कर रहा है। कहा कि देश व दुनिया की जैव विविधता को बनाए रखने में उत्तराखंड की महत्वपूर्ण भूमिका है। आने वाले समय में उत्तराखंड अपनी जैव विविधता के कारण दुनिया का सबसे समृद्ध प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों को मेहनत व लगन के साथ कार्य करना होगा। जिससे वह अपनी मंजिल पा सकेंगे।
         काबीना मंत्री डा0 रावत ने जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी पौड़ी गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कोविड 19 की महामारी से बचने के लिए हर नागरिक को अपना ख्याल रखना होगा। जिससे आगे जाकर वह अन्य कार्यो के प्रति जागरूक हो सके। डाॅ रावत ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में पवन उर्जा को लेकर उत्तराखंड में परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं। इसलिए सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दे रही है। इस क्षेत्र में 25 किलोवाट से कम क्षमता वाले 270 से अधिक प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। जिनसे 10 हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। कहा कि छोटी- छोटी जल विधुत परियोजनाओं को भी बेहतर बताया। कहा कि इन परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन के साथ ही जल संवर्द्धधन भी होता है। छोटी परियोजनाओं से पर्यावरण पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों को लगन व मेहनत के साथ कार्य/अध्ययन करने की जरूरत है। जिससे आगे जाकर सफलता मिल सकेगा। कहा कि ज्ञान को प्राप्त करने के लिए कोई भी उम्र नहीं होती है। लक्ष्य बनाते हुए उसे प्राप्त करने की जुनून होना चाहिए।
            कार्यक्रम समन्वयक डा. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि एक सप्ताह तक चलने वाली इस आॅन लाइन कार्यशाला में नवीन माइक्रो मशीन व सोलर इंजीनियरिंग प्रणाली सहित अन्य पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो एमपीएस चैहान, एसडीएम सदर एसएस राणा, सीओ सदर वंदना वर्मा, कुलसचिव संदीप कुमार, डा भोला झा, डा सतेंद्र कुमार, डा किरीट सेमवाल, डा संजीव नैथानी, सुरभि आदि मौजूद थे।
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प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभाकक्ष में राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबन्ध समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने कहा कि मत्स्य पालको के आय वृद्वि पर विशेष घ्यान दिया जाए और मत्स्य पालको के लिए बीमा का प्रावधान किया जाय।
बैठक में कहा गया कि प्राकृतिक आपदा के कारण मत्स्य पालन ढाॅचे मंे हुए नुकसान की भरपाई के लिए मत्स्य पालको को बीमा से जोडा जाएगा। इसमें मत्स्य पालक, मत्स्य पालन विभाग और मत्स्य अभिकरण का योगदान होगा। बीमा कवर के अन्तर्गत ट्राउड सहित सभी मत्स्य प्रजाति को जोडा जायेगा। कोविड प्रभाव के चलते मत्स्य पालको के नुकसान की भरपायी के लिए जाॅच कमेटी की रिर्पोट द्वारा हुई क्षति की भरपायी की जायेगी।
डैम, तलाब, हैचरी पर सुरक्षा और मनिटरिंग के लिए सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल मत्स्य चोरी को रोका जा सकता है, बल्कि आयतित मछली के डाले गए बीज की भी चैकिंग की जा सकती है। इसके अतिरिक्त ऊर्जा बचत के लिए सोलर पम्प डैम, हैचरी, पर लगाने के लिए परीक्षण करके रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया।
मत्स्य पालन को बढावा देने के लिए ट्राउड प्रजाति को डेनमार्क से मगाया जाएगा। मछली के मण्डी का भी शुभारम्भ सभी जनपद में किया जायेगा। इससे पूर्व उधमसिंहनगर, रूड़की में मत्स्य मण्डी का संचालन किया जा रहा है। देहरादून, हरिद्वार सहित अन्य पहाड़ी जनपदों में भी इसका विस्तार किया जाएगा। मत्स्य अभिकरण के माध्यम से अच्छी क्वालिटी की फ्रेश मछली विभिन्न रेस्टोरेन्ट से सप्लाई भी की जाएगी।

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