-अरुणाभ रतूड़ी
मुख्यमंत्री ने किया सरस मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित।
सरस मेले जैसे आयोजनों को बताया ग्रामीण आर्थिकी एवं महिला सशक्तिकरण को मजबूती देने वाला।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सायं रेसकोर्स में आयोजित सरस मेले में प्रतिभाग कर मेले में प्रतिभागी महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया। उन्होंने विभिन्न प्रदेशों से आये स्वयं सहायता समूहों के प्रयासों की सराहना करते हुए सरस मेलों के आयोजन को ग्रामीण आर्थिकी एवं महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करने वाला बताया। मुख्यमंत्री ने मेले में स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों का भ्रमण कर उनके द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन विभिन्न राज्यों के परम्परागत हस्तशिल्प एवं लोक कलाओं को प्रभावी मंच प्रदान करने के साथ उनके संरक्षण के लिये भी प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। इससे शिल्पियों, बुनकरों एवं कारीगरों को अपने उत्पादों के विपणन के लिये बाजार भी उपलब्ध कराने में भी मदद मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया है जिससे प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा तथा जहां बाजारों को उत्पाद मिलेंगे वहीं उत्पादकों को बाजार उपलब्ध होगा। प्रदेश में वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए भी इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री खजान दास, सचिव श्री बी.वी.आर.सी. पुरूषोतम, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका, मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान आदि उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपने क्षेत्र की दस आवश्यक विकास प्रस्ताव देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी विधायकगणां से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की व्यापक जनहित से जुड़ी 10 औचित्यपूर्ण आवश्यक विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्राथमिकता के क्रम में तैयार करते हुए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
उत्तराखण्ड में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड राज्य का दशक होगा। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है।
उत्तराखण्ड में प्रत्येक क्षेत्र का योजनाबद्ध एवं चरणबद्ध रूप से विकास किये जाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास“ के तहत पार्टी सीमा से उपर उठकर उत्तराखण्ड राज्य के विकास में सभी विधायकगणो से सहयोग का अनुरोध करते हुए पत्र जारी किया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में विधायकों से अनुरोध किया है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की व्यापक जनहित से जुड़ी 10 औचित्यपूर्ण आवश्यक विकास योजनाओं के प्रस्ताव प्राथमिकता के क्रम में तैयार करते हुए उपलब्ध करायें, ताकि शासन स्तर पर राज्य के आर्थिक संसाधनों के समुचित प्रबन्धन के साथ प्रस्तावित योजनाओं की प्राथमिकता, उपयुक्तता एवं जन सरोकारों में आने वाले प्रभावों के सम्बन्ध में क्षेत्रीय विधायक गणों से विमर्श करते हुए योजनाओं को प्राथमिकता के क्रम में चरणबद्ध एवं समयबद्धता के साथ मूर्त रूप दिया जा सके।
राज्य गठन के बाद श्री धामी पहले मुख्यमंत्री है जिनके द्वारा राज्य के हर क्षेत्र का समान रूप से विकास किये जाने के लिए प्रत्येक विधायक से चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा क्यों न हो, से क्षेत्र की आवश्यकता और जनहित की दृष्टि से विकास योजनाओं के प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं। मुख्यमंत्री धामी का यह कदम राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ तक उत्तराखण्ड राज्य को श्रेष्ठतम राज्य बनाने के संकल्प पूर्ति में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपने क्षेत्र की दस आवश्यक विकास प्रस्ताव देने का अनुरोध किया।
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- आम जनता से भेंट कर मुख्यमंत्री ने सुनी जन समस्यायें।
- अधिकारी संवेदनशीलता के साथ करें जनता की समस्याओं का निराकरण।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों तथा विभिन्न संगठनों आदि से जुड़े लोगों से भेंट कर उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने सभी की समस्याओं से अवगत होते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान अधिकारियों की जिम्मेदारी भी है। जनपद स्तर पर स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान हो इसके लिये जिलाधिकारियों को प्रतिमाह अपने-अपने जनपदों के दूरस्थ क्षेत्रों में बहुउद्देशीय शिविरों के आयोजन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने एवं बीडीसी की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये हैं ।साथ ही सभी अधिकारियों को सोमवार को जनता से मिलने का समय निर्धारित कर अनिवार्य रूप से जन समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। आम जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिये अनावश्यक रूप से देहरादून न आना पड़े इसके लिये जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जनपदों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो जाय।