मुख्यमंत्री ने किया डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास।#लोकपरंपरा व संस्कृति के रंगों से सराबोर हुई कुंभनगरी।पढिए Janswar.com में।

द्वारा-अरुणाभ रतूड़ी

मुख्यमंत्री ने किया डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास।

पिछले पौने चार साल में सडकों के निर्माण के लिए 630 करोड़ की धनराशि दी गई।

डोईवाला विधानसभा सडकों एवं पुलों के ही 100 करोड़ रूपये से अधिक के कार्य हुए।
मुख्यमंत्री ने माजरीग्रान्ट के शेरगढ़ में स्थित भगत रविदास गुरूद्वारा में माथा में भी टेका।

   मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लालतप्पड़, डोईवाला में डोईवाला विधानसभा की लगभग 70 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें लगभग 35 करोड़ रूपये के लोकार्पण एवं 35 करोड़ रूपये के शिलान्यास शामिल हैं। जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण किया गया उनमें 2.73 करोड़ की लागत के चांडी प्लानटेशन गुरूद्वारा मोटर मार्ग, रानीपोखरी एवं अठूरवाला क्लस्टर में विभिन्न ग्राम सभाओं के लिए लगभग 18 करोड़ की लागत के आन्तरिक ग्राम सड़क सयोजकता के कार्य शामिल हैं। जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 1.38 करोड़ की अनुमानित लागत के ग्रामीण हाट बाजार रानीपोखरी का पुनरुद्धार, 1.61 करोड़ की लागत के  रानीपोखरी में बहुउदेशीय विकास केन्द्र एवं विपणन आउटलेट का निर्माण कार्य शामिल हैं।  
  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य सरकार का प्रयास है कि ईमानदारी और पारदर्शिता से कार्य हो, समाज और प्रदेश के हित के लिए कड़े निर्णय भी लिये गये हैं। जन समस्याओं के समाधान के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य बनने के बाद सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए कभी 200 करोड़ से अधिक धनराशि कभी नहीं दी गई, पिछले पौने चार साल में 630 करोड़ की धनराशि दी गई। कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी सुनियोजित आर्थिक प्रबंधन से विकास के कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि 125 पुलों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। सड़के एवं पुल विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। अच्छी सड़कें आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्राथमिकता के आधार पर योजनाएं बनाई गई। पानी के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई गई। सूर्याधार झील बनकर तैयार है, दीर्घकाल तक यह पेयजल एवं सींचाई के लिए आपूर्ति करेगा और करोड़ों रूपये की बिजली की बचत होगी। सौंग बांध का शिलान्यास जल्द किया जायेगा। इसके बनने से देहरादून को दीर्घ अवधि तक ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा। इससे 100 करोड़ से अधिक वार्षिक बिजली का खर्चा बचेगा।
  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड के बावजूद भी राज्य सरकार ने शत प्रतिशत बजट विभागों को रिलीज कर दिया है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि 2017 में राज्य में 1024 डॉक्टर थे, आज राज्य में 2400 डॉक्टर हैं। 720 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। आज सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। जल्द ही लगभग 2500 नर्सों की भर्ती की जायेगी। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों को 05 लाख रूपये तक का सुरक्षा कवच दिया गया है। 
   इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माजरीग्रान्ट के  शेरगढ़ में स्थित भगत रविदास गुरूद्वारा में माथा में भी टेका।

इस अवसर पर मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता मंमगई, वन पंचायत सलाहकार परिषद् के उपाध्यक्ष श्री करन बोहरा, गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार सिंघल, श्री राजपाल सिंह, श्री खेमपाल सिंह, माजरीग्रान्ट के मण्डल अध्यक्ष श्री राजकुमार, गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार गुरदीप सिंह, जिलाधिकारी देहरादून श्री आशीष श्रीवास्तव एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे

लोकपरंपरा व संस्कृति के रंगों से सराबोर हुई कुंभनगरी

 हरिद्वारः कुंभ 2021 के लिए तैयार हो रही धर्म नगरी इस बार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। यहां दीवारों पर उकेरा गया धार्मिक आस्था, लोक परंपराओं व पौराणिक सांस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा। सरकार की ओर से धर्मनगरी को सजाने-संवारने के साथ ही स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।  
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि “राज्य सरकार  दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है।  प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।“
 प्रदेश में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हरिद्वार कुंभ-2021 को भी इसके लिए मुफीद मौका माना जा रहा है। इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है। कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक मान्यताओं के पौराणिक चित्रों व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है। इसके पीछे भी मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था भाव का तो जागृत हो ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सकें। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। यहां दीवारों व खाली स्थानों पर देवभूमि की परंपराओं और संस्कृति के बखरे पड़ें रंग देखने लायक है। कहीं देवी-देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे। कुंभ तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य होगा।

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