मुख्यमंत्री ने किया जनपद चमोली पर पलायन आयोग की रिपोर्ट का विमोचन।##कृषि मंत्री ने नौथा में एग्रो क्लस्टर,फार्म,के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।##जिलाधिकारी द्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पौड़ी के पद के लिएअधिवक्ताओं के पैनल आमंत्रित।##पौड़ी में 39रोगी आइसेलेट व 13 लेगों कोक्वारंटाइन। पढिए Janswar.com में।

मुख्यमंत्री ने किया जनपद चमोली पर पलायन आयोग की रिपोर्ट का विमोचन।

मुख्यमंत्री ने की पलायन आयोग द्वारा तैयार की गई जनपद चमोली की रिपोर्ट का विमोचन।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में जनपद चमोली के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन आयोग द्वारा विभिन्न जनपदों की सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों के अध्ययन के साथ ही सम्बन्धित जनपदों से हुए पलायन, जनसंख्या, शैक्षिक स्थिति, स्वरोजगार एवं रोजगार की स्थितियों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार की गई है। जनपदों में इस प्रकार के अध्ययन से आधार भूत सुविधाओं के विकास एवं पलायन रोकने एवं स्वरोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो यह हमारा प्रयास है।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ0 एस0एस0नेगी ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार जनपद चमोली की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 3,91,605 है। जनपद में 9 विकासखण्ड, 12 तहसील तथा 1244 राजस्व ग्राम है। कुल जनसंख्या का 81.78 प्रतिशत आबादी गॉंवों में तथा 18.22 प्रतिशत आबादी नगर क्षेत्र में निवास करती हैं। जनपद के ग्रामों में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, तत्पश्चात् मजदूरी और सरकारी सेवा है। जनपद में पिछले 10 वर्षों में 556 ग्राम पंचायतों से कुल 32020 व्यक्तियों द्वारा अस्थायी रूप से पलायन किया गया है, हालांकि वे समय-समय पर अपने घरों में आना-जाना करते हैं, क्योंकि उनके द्वारा स्थायी रूप से पलायन नहीं किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 373 ग्राम पंचायतों से 14289 व्यक्तियों द्वारा पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है, जनपद के सभी विकासखण्डों में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। आकड़ों से स्पष्ट हुआ है कि लगभग 42 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया है।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जनपद चमोली की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। वर्ष 2001 एवं वर्ष 2011 के मध्य जनसंख्या वृद्धि की प्रतिशत 5.74 प्रतिशत था, जो कि राज्य औसत से कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि की दर और भी कम है तथा कुछ विकासखण्डों दशोली, पोखरी, कर्णप्रयाग और थराली में यह घटी है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 के बाद जनपद में 41 और गांव/तोक गैर आबाद हो गये हैं। वर्ष 2011-12 के अनुसार जनपद चमोली की आर्थिक विकास दर 6.23 प्रतिशत है। राज्य निवल घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17(अनन्तिम) अनुमानों में जनपद चमोली की प्रति व्यक्ति आय रू0 118448 अनुमानित है।
आयोग द्वारा सिफारिशें की गई है कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत एंव सुदृ़ढ़ करना, योजना को नचेबंसम करके विकासखण्ड स्तर पर आर्थिक विकास का एक ढ़ांचा तैयार किया जाये। प्राथमिक एवं तृतीयक क्षेत्र पर बराबर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है। पानी के पारम्परिक स्रोतो के सूखने से जल उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है। अतः भूजल पुनर्भरण की योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी। जलवायु परिवर्तन पर राज्य सरकार द्वारा तैयार की गयी योजना तथा इसमें प्रस्तावित कार्यों का पालन किया जाए। सभी योजनाओं और उनके कार्यान्वयन को सामाजिक-आर्थिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए एक महिला केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने, मनरेगा के तहत समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके सभी जनपदों के लिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व एवं कौशल विकास को प्राथमिकता दिया जाने, दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सामुदायिक जागरूकता और बैंक लिंकेज को सुदृढ़ बनाने, उत्पादों के विपणन और खुदरा के लिए गतिशील ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करने के साथ सोशल मीडिया से रणनीति विकसित किये जाने की भी रिपोर्ट में जरूरत बतायी है।
आयोग के अनुसार सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय भूमि पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध हो सके। पर्यटन विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाय। इको टूरिज्म मास्टर प्लान बनाया जाय। पर्यटन से जुड़े कौशल विकास कार्यक्रमों पर बल देकर इस क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। वन्यजीव पर्यटन, ट्रैकिंग और हाइकिंग, गृह आवास, राफ्टिंग जैसी गतिविधियों को जनपद में प्रोत्साहन दिया जाना जरूरी है। जनपदों में कृषि उत्पादन के लिए विशेष क्षेत्र या विकासखण्ड स्तर पर किसान उत्पादक संगठन का गठन किया जाना। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन तथा चारधाम सड़क परियोजना से जनपद चमोली के विकास में तेजी आयेगी तथा इसका लाभ उठाने के लिए जनपद प्रशासन को विशेष योजना बनानी होगी।
इस अवसर पर हॉर्क के श्री महेन्द्र सिंह कुंवर, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री आलोक भट्ट, तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।


कृषि मंत्री ने नौथा में एग्रो क्लस्टर,फार्म,के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।

प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में, टिहरी गढ़वाल जनपद के नौथा में एग्रो क्लस्टर, फार्म, नौथा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।
उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में एग्रो क्लस्टर स्थापित करने के लिए प्रभावी ढंग से कार्य किया जाय तथा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान कार्यों में प्रगति कर एक सप्ताह के भीतर 35 प्रतिशत की सब्सिडी प्राप्त किया जाय। इस योजना में भारत सरकार द्वारा कुल 10 करोड़ रूपये सब्सिडी प्राप्त होगी। प्रथम चरण में 35 प्रतिशत, द्वितीय चरण में 35 प्रतिशत एवं तृतीय चरण में 30 प्रतिशत की सब्सिडी प्राप्त होगी।
श्री उनियाल ने कहा कि इस सम्बंध में किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड पहला पर्वतीय राज्य है, जिसने भारत सरकार के सहायतार्थ इस योजना की संस्तुति प्राप्त की है। क्लस्टर आधारित इस योजना से कृषकों के उत्पाद में वैल्यू एडिसन किया जायेगा, जिसके प्रभाव से कृषकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा।
बैठक में कहा गया कि सेब उत्पादन इंटिग्रेटेड कोर चेंज प्रोजेक्ट में सुदूरवर्ती क्षेत्र में अवस्थापना का विकास किया जायेगा, इसके लिए 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी, कोल्ड सेंटर और कलेक्शन सेंटर की स्थापना की जायेगी।

इस अवसर पर सचिव कृषि हरबंस सिंह चुघ एवं वित्त विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

जिलाधिकारी द्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पौड़ी के पद के लिए अधिवक्ताओं के पैनल आमंत्रित।

पौड़ी:जिलाधिकारी गढ़वाल धीराज सिंह गर्ब्याल ने शासन के निर्देशों के क्रम में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पौड़ी, जिला पौड़ी गढ़वाल के रिक्त पद पर आबद्वता हेतु प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इच्छुक अधिवक्ताओं से पैनल आमंत्रित किये गये हैं। उन्होंने विज्ञप्ति जारी होने के दिनांक से 15 दिन अन्दर विधि परामर्शी निदेशिका के प्रस्तर 7.03 में दी गयी शर्तों के अधीन पैनल मांगे गये हैं।

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी पौड़ी/श्रीनगर/कोटद्वार एवं लैंसडोन को अपने अधीनस्थ बार संघ को प्रेस विज्ञप्ति के संबंध में अवगत कराने के निर्देश दिये गये हैं। वहीं बार संघ अध्यक्ष पौड़ी/ श्रीनगर/कोटद्वार एवं लैंसडौन से इच्छुक अधिवक्ताओं को अवगत करवाकर उनसे प्रस्ताव नियत समयान्र्तगत उपलब्ध करने का अनुरोध किया गया है।

पौड़ी जनपद में 39रोगी आइसेलेट व 13 लेगों कोक्वारंटाइन।

पौड़ी :मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित वार रूम से आज दिनांक 14.08.2020 को समय 01ः00 बजे की रिर्पोट के अनुसार जनपद में आइसोलेशन व रेण्डम रूप से 16514 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये, जिनमंे से 14110 नेगेटिव, 2094 लम्बित तथा 310 एक्टिव थे। एक्टिव केस 310 में से 230 ठीक हुए, 04 की मृत्यु हुई, जबकि 76 एक्टिव है।
जनपद में वर्तमान समय में 39 रोगी आइसोलेशन में भर्ती है, जिनमंे 04 बेस हाॅस्पिटल श्रीनगर तथा 35 बेस हाॅस्पिटल कोटद्वार में है। कोविड केयर सेंटर के अन्तर्गत 87 लोग हैं, जिनमंे 06 नर्सिंग काॅलेज डोबश्रीकोट, 22 परमार्थ निकेतन स्वार्गाश्रम ट्रस्ट, 44 सीसीसी कोड़िया कैम्प मंे तथा 15 गीता भवन स्वर्गाश्रम ट्रस्ट में है। जनपद में 13 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है, जिनमें 04 जी.एम.वी.एन. पौड़ी, 06 जूनियर हाईस्कूल गस्टरगंज, 02 वनप्रस्थ आश्रम ट्रस्ट तथा 01 होटल रिलेक्स कोटद्वार में क्वारंटाइन पर है।
आइसोलेशन से भर्ती 388 कोरोना संदिग्ध लोगों का सैम्पल जांच हेतु भेजा गया, जिनमें से 331 के निगेटिव तथा 57 की पाॅजिटिव रिपोर्ट आया। वहीं क्वारंटाइन आदि अन्य स्थलों में बाहर से आये 15784 लोगों का रेण्डम रूप से ली गई सैम्पल जांच हेतु भेजा गया, जिनमें से 13449 के निगेटिव, 2094 के लंबित तथा 241 पाॅजिटिव (जिसमें 02 संक्रमित जनपद टिहरी जनपद के) रिपोर्ट आया। जनपद में 1522 लोगों को विभिन्न क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर होम क्वारंटाइन में रखा गया है।


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