कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है। देश की आजादी से पहले एवं आजादी के बाद उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस युद्ध में वीर भूमि उत्तराखंड के 37 जवानों को वीरता पदक भी मिले। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की वीर माताओं का स्मरण भी किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार ने विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। परम विशिष्ट सेवा मेडल पर 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपए, अति विशिष्ट सेवा मेडल पर अनुमन्य एकमुश्त राशि को 7 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रूपए किया गया है। सेना मेडल पर राशि पहले अनुमन्य नहीं थी। अब इसके लिए 1 लाख रूपए की राशि अनुमन्य है। इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल में एकमुश्त अनुमन्य राशि को 3 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए किया गया है। हमने द्वितीय विश्वयुद्ध पेंशन को भी दो गुना किया है। इसे 4 हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 8 हजार रूपए प्रतिमाह किया गया है। पूर्व सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलम्बी बनाने के लिए सभी जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व सैनिक के आश्रितों को प्रान्तीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में प्रतिभाग करने पर प्रोत्साहन अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल में भर्ती होने पर 20 हजार रूपए की धनराशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। एन.डी.ए., आई.एम.ए., ओ.टी.ए., एयर फोर्स अकादमी, नेवल अकादमी, सिविल सेवा, पी.सी.एस., एम.बी.बी.एस., आई.आई.टी., आई.आई.एम. में चयन होने पर उत्तराखण्ड के निवासी पूर्व सैनिक आश्रितों को कोचिंग व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा पुनर्वास हेतु लिए गए ऋण पर अनुदान में वृद्धि की है। 5 लाख रूपए तक के ऋण पर 10 प्रतिशत और 5 से 10 लाख रूपए तक के ऋण पर 5 प्रतिशत या अधिकतम 75 हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। पूर्णतया दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के चलाए जा रहे शिक्षण केंद्रों को प्रति वर्ष दी जाने वाली राशि को 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 1 लाख रूपए कर दिया गया है। पूर्व सैनिकों के दैवीय आपदा में आवास क्षतिग्रस्त होने पर अनुदान की राशि को भी 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए किया गया है।
इस अवसर पर विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री गणेश जोशी, श्री खजान दास, श्री विनोद चमोली, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी देहरादून श्री आशीष श्रीवास्तव एवं सैन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
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सतत् कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन ( NMSA ) के तहत आयोजित बैठक में कृषि, उद्यान एवं रेशम विकास मंत्री श्री सुबोध उनियाल द्वारा विभागों को प्रभावी निर्देश दिये गये। इसमें मिशन का मुख्य उद्देश्य स्थान विशेष की आवश्यकतानुसार एकीकृत फसल पद्धति, जल संरक्षण कार्यों व मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन के माध्यम से मृदा पोषक तत्व प्रबंधन, जल उपयोग दक्षता तथा कृषि विविधीकरण से कृषि को अधिक उत्पादक, सतत् लाभकारी व बदलती जलवायु के अनुकूल बनाते हुए उत्पादन में निरन्तरता एवं स्थिरता बनाये रखना है।
RAD (वर्षा आधारित क्षेत्र विकास) के वर्ष 2019-20 के 52 कलस्टर्स मध्ये 16 पूर्ण कर लिये गये हैं। इसके अतिरिक्त 22 नये कलस्टर्स का चयन पर 2020-21 में 58 कलस्टर्स के लिए रू. 1103.96 लाख की कार्य योजना प्रस्तुत हुई।
कृषि मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि एकीकृत फसल प्रणाली के अन्तर्गत कार्य योजना सम्बन्धित विभागों यथा डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, वानिकी विभाग के सहयोग से तैयार कर मुख्य विकास अधिकारी स्तर से अनुमोदन लिया जाय। कलस्टरों का चयन वैली वॉईज किया जाये तथा कार्य योजना का क्रियान्वयन के फलस्वरूप प्रति इकाई उत्पादकता में वृद्धि तथा कृषकों की आय का आंकलन किया जाये तथा उत्पादन गुणवत्ता-युक्त होना चाहिए। अवगत कराया गया कि कार्ययोजना विभिन्न विभागों के समन्वय से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें कि मुख्य विकास अधिकारी तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी सदस्य होते हैं के अनुमोदन के पश्चात ही कार्ययोजना प्रस्तावित की जाती है।
बैठक में परम्परागत कृषि विकास योजना पर भी चर्चा हुई। इसमें वर्ष 2018-19 से 3900 क्लस्टर में योजना की गाइडलाइन के अनुसार कृषि, उद्यान, रेशम, कैप व जैविक उत्पाद परिषद कार्य कर रहे हैं। तीनों योजनाओं (वर्षा आधारित क्षेत्र विकास मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं परम्परागत कृषि विकास योजना) लगभग 149 करोड की कार्ययोजना को अनुमति प्रदान की गई। (पी.के.वी.वाई) गाइडलाइन के तहत जैविक उत्पादों के विपणन हेतु चारधाम यात्रा मार्ग एवं पर्यटक स्थलों पर रिटेल आउटलेट भी तैयार किये जायेंगे।
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जनपद पौड़ी गढ़वाल में आज 26 जूलाई के अवसर पर कारगिल विजय दिवस को शौर्य दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए कारगिल वीर शहीद सैनिकों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। कोविड 19 के महामारी के चलते आयोजित कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों ने सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए, वीर शहीदों को पुष्प अर्पित किया।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए, ऐजेंसी चैक पौड़ी में स्थापित कारगिल वीर सैनिक शहीद स्मारक पर विधिवत् राष्ट्रीय सम्मान के साथ पुष्पचक्र अर्पित किया तथा जनपद के वीर शहीद सैनिक के चित्र पर फूल माला एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जबकि नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, कर्नल जे. के. घोष, कर्नल के.सी. बहुखण्डी, अपर जिलाधिकारी डा. एस.के. बरनवाल ने कार्यक्रम में प्रतिभाग कर वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। वहीं जनपद के लैंसडोन एवं कोटद्वार में भी कारगिल विजय दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया।
मुख्य विकास अधिकारी श्री खुराना ने कारगिल युद्ध में शहीद वीर सैनिकों को नमन करते हुए कहा देश की सेवा के लिए शहीद होना, राष्ट्र भक्ति की सच्ची श्रद्धांजलि है। कहा कि जनपद से 17 सैनिक कारगिल युद्ध में वीर गति को प्राप्त हुए। वर्तमान समय में जनपद में 13 वीर शहीद सैनिकों के नाम दर्ज है। जिनमें से 10 लैंसडोन कार्यालय क्षेत्रान्र्तगत तथा 3 पौड़ी कार्यालय के अन्तर्गत है। जबकि 4 वीर शहीद के नाम अन्य जनपद में दर्ज है।
कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी एस.एस. राणा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर करण सिह रावत, सीओ पुलिस वंदना वर्मा, सहायक सैनिक कलल्याण अधिकारी एम.एस. बिष्ट, पूर्व सैनिक ना.सू. ओ.पी. काला, महिपत सिह रमोला, पुरातत्व विभाग से प्रेमचन्द ध्यानी, सा.सेवी सुमन लता ध्यानी, संगीता डोभाल, सहित अन्य गणमान्य ने कारगिल वीर शहीद सैनिकों के स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित तथा जनपद के वीर शहीद सैनिकों के चित्र पर फूलमाला एवं श्रद्धा सुमन अर्पित श्रद्धांजलि दी।