मुख्यमंत्री ने इस वर्ष की उपलब्धियों के साथ दी नव वर्ष की बधाई#मुख्यसचिव ने भारतीय मानक ब्यूरो की राज्य स्तरीय समिति के साथ द्वितीय बैठक की व रेल विकास निगम लिमिटेड और शासन के मध्य आयोजित बैठक की अध्यक्षता की गई ।पढिएJanswar.com में।

समाचार प्रस्तुति-अरुणाभ रतूड़ी।

नववर्ष पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का शुभकामना संदेश

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2021 की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों के सुख, शांति व समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाला वर्ष हम सभी के जीवन में नई आशा और ऊर्जा का संचार करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में पूरी मानव सभ्यता कोरोना से संघर्ष करने में लगी रही। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सभी देशवासियों ने भी कोरोना से जंग लड़ी है। यह लड़ाई अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री जी के सही समय पर लिए गए सही निर्णयों से देश सम्भली हुई स्थिति में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को उत्तराखण्ड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिये जाना जाएगा। राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमने गैरसैण को न केवल ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया बल्कि राजधानी परिक्षेत्र में राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक विकास करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। अगले दस वर्षों में वहां 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन किया गया। यह हमारी सरकार का बहुत बड़ा निर्णय है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रदेश के युवाओं को स्वावलम्बी बनाने में मददगार हो रही है। तीन लाख रूपये तक ब्याजमुक्त ऋण, किसानों के जीवन में खुशहाली लाएगा। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना से हम जंग लड़ रहे हैं। हमने हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया है। अब हर जिले में आईसीयू स्थापित है। हम राज्य में आने के इच्छुक उत्तराखंड के प्रवासी भाईयों को लाए और उनके रोजगार की भी चिंता की है। पर्यटन, उद्योग, कृषि आदि सभी क्षेत्रों को राहत दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गर्वनेंस के लिए ई-गर्वनेंस को बढ़ावा दिया है। ई-कैबिनेट और ई-आफिस का अमल में लाया गया है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़े जाने की शुरूआत की है। ग्रामीण घरों को केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस वर्ष न्यू-ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, डोबरा चांठी पुल, जानकी सेतु, सूर्याधार झील का उद्घाटन किया गया। पिरूल से एनर्जी के काम को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अभी तक 106 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 06 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों के हुआ है। महिलाओं को भूमिधरी हक, राज्य में महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हमने हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चौनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले का आयोजन होने जा रहा है। हमने इसकी पूरी तैयारियां की हैं। संत महात्माओं के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य कुम्भ का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को अपने जीवन का मंत्र बनाएं। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने और स्थानीय उत्पादों के प्रयोग का संकल्प लें। प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।

वर्ष 2020 की राज्य सरकार की उपलब्धियाँ

 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में साल 2020 में उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। बातें कम, काम ज्यादा की तर्ज पर इस वर्ष राज्य में तेजी से विकास कार्य हुए। एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई लड़ी गई, वहीं राज्य को नई दिशा देने वाले फैसले लिए गए। इस वर्ष जनभावनाओं का सम्मान देखा गया तो वर्षों से लम्बित परियेजनाओं को पूरा होते हुए भी देखा गया। यदि इस वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं पर नजर डालें तो उत्तराखंड में वर्ष 2020 में विकास ने निश्चित रूप से गति पकड़ी है। आइये जानते हैं सरकार की इस साल की उपलब्धियों के बारे में।

गैरसैंण बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण राज्य आंदोलन की मूल भावना थी। गैरसैंण प्रतीक है, समूचे पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का। इसी भावना और सोच के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। इस वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में आयेजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रति मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र की गम्भीरता इसी बात से पता चलती है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गया। उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर किसी मुख्यमंत्री द्वारा गैरसैंण-भराड़ीसैंण में ध्वजारोहण किया गया।
राज्य स्थापना दिवस पर 9 नवम्बर को गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की। साथ ही गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र की कार्ययोजना के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी का गठन किया गया। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है। पेयजल योजना पर काम चल रहा है। गैरसैण में फाईलों को बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता न पड़े, इसके लिए आईटी का उपयोग करते हुए ई-विधानसभा पर काम किया जा रहा है। बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। हैलीपेड बनाया जा रहा है। चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन
राज्य गठन के बाद किया गया सबसे बड़ा साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है, देवस्थानम बोर्ड बनाना। 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’ का गठन किया गया। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। केदारनाथ जी सहित चारधाम की व्यवस्थाओं में जो सुधार किया उसका परिणाम है कि पिछले वर्ष 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर 1 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। बड़े विचार विमर्श के बाद तीर्थ पुरोहितों के हितों को सुरक्षित रखते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। बजट में देवस्थानम बोर्ड के लिए मद भी खोल दी गई है। देवस्थानम बोर्ड का गठन भविष्


मुख्यसचिव ने भारतीय मानक ब्यूरो की राज्य स्तरीय समिति के साथ द्वितीय बैठक की व रेल विकास निगम लिमिटेड और शासन के मध्य आयोजित बैठक की अध्यक्षता की गई

मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में भारतीय मानक ब्यूरो की राज्य स्तरीय समिति की द्वितीय बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य सचिव ने उपभोक्ता संरक्षण हेतु जागरूकता कार्यक्रमों को लगातार आयोजित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक को प्रत्येक वर्ष दिसम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में आयोजित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अर्थक्वेक प्रोन जोन 4 एवं 5 में शामिल है। भवनों के निर्माण में मानकीकरण हेतु लोक निर्माण विभाग, आवास विभाग एवं भारतीय मानक ब्यूरो के प्रतिनिधि की समिति बनायी जाए। यह समिति 03 माह में अपनी संस्तुतियां देगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों में क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने हेतु भी प्रत्येक वर्ष अप्रैल व मई माह में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने पेयजल विभाग को निर्देश दिए कि पेयजल की गुणवत्ता के लिए मानक का कार्यान्वयन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिन स्थानों पर पानी की सप्लाई व्यवस्था पुरानी होने के कारण ऐसी समस्याएं आ रही हैं। उन स्थानों पर सप्लाई व्यवस्था में सुधार होने तक जल प्यूरीफिकेशन की व्यवस्था की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के ग्रोथ सेंटर बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने ग्रोथ सेंटर एवं स्टार्ट-अप के उत्पादों को सर्टिफिकेशन की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यदि ग्रोथ सेंटर आदि के उत्पादों को सर्टिफिकेशन मिल जाता है तो इससे उनकी मार्केटिंग के अवसर बढ़ेंगे। उनमें आत्म विश्वास भी जागृत होगा।
इस अवसर पर सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री एस.ए. मुरूगेशन एवं भारतीय मानक ब्यूरो से श्री सुधीर बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


रेल विकास निगम लिमिटेड और शासन के मध्य बैठक आयोजित की गई

मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेल लाइन परियोजना के सम्बन्ध में रेल विकास निगम लिमिटेड और शासन के मध्य बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने चमोली एवं रूद्रप्रयाग जनपदों को प्रोजेक्ट एरिया को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किए जाने हेतु शीघ्र कार्यवाही किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को प्रशासनिक व्यय की आवंटित धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र राजस्व विभाग को शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश ने जिलाधिकारियों को रेल विकास निगम लिमिटेड के साथ समन्वय बनाकर हर तरह की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि अवशेष कार्य को जल्द से जल्द टाईमलाईन सहित पूर्ण कर लिया जाए साथ ही कार्यों में गुणवत्ता, गति एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय।


जनस्वर डॉट कॉम के पाठकों को नववर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं-सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *