मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्मिकों को लगभग 24 करोड़ के मानदेय एवं 6.74 करोड़ के प्रोत्साहन राशि का डीबीटी के माध्यम से किया हस्तांतरण।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अन्तर्गत 3067 लाभार्थियों को दी गई 92 लाख की धनराशि
कोविड के दौरान हर समाज के हर वर्ग को राहत दी गई-मुख्यमंत्री
सीमित संसाधनों के बावजूद भी जन हित में लिए गये अनेक निर्णय।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास से महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम स्तर पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्मिकों को प्रोत्साहन एवं मानदेय धनराशि का एकसाथ ऑनलाइन डीबीटी हस्तान्तरण किया। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 33717 कार्मिकों को माह दिसम्बर हेतु देय लगभग 24 करोड़ रुपये मानदेय का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया। जिसमें 14495 आँगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को 9300 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 13.48 करोड़ एवं 14265 आँगनवाड़ी सहायिकाओं को 5250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 7.5 करोड़ तथा 4957 मिनी कार्यकर्त्रियों को 6250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 3 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
आंगनवाड़ी कार्मिक संगठनों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों, मिनी कार्यकर्त्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय में क्रमशः 1800, 1500 एवं 1500 की वृद्धि की गई है। जिसके पश्चात उत्तराखंड देश में आँगनवाड़ी कार्मिकों को सर्वाधिक मानदेय देने वाला तीसरा राज्य हो गया है। कोरोना काल में आंगनवाड़ी कर्मियों द्वारा समर्पित भाव से किये गए कर्तव्य पालन के लिए प्रोत्साहन स्वरूप मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु समस्त 33717 आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों, मिनी कार्यकर्त्रियों एवं सहायिकाओं को रु0 2000/- प्रति कार्मिक की दर से कुल रु0 6.74 करोड़ का ऑनलाइन डीबीटी हस्तांतरण भी किया गया।
मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में आंगनवाड़ी कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका के दृष्टिगत कोविड 19 के बचाव एवं रोकथाम हेतु सराहनीय प्रयास करने वाली कार्यरत कार्यकर्त्रियों एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन स्वरूप 5 माह तक रु0 2000 प्रतिमाह धनराशि के भुगतान की घोषणा की गई थी। जिसका क्रियान्वयन करते हुए माह सितंबर की प्रोत्साहन राशि अक्टूबर में माह अक्टूबर की राशि नवंबर में, माह नवंबर की राशि दिसम्बर में तथा माह दिसम्बर की प्रोत्साहन राशि आज कार्यक्रम के दौरान हस्तांतरित की गई। इसी प्रकार माह जनवरी की धनराशि फरवरी में हस्तांतरित की जाएगी। डीबीटी के माध्यम से इस धनराशि का हस्तांतरण इंडसइंड बैंक के सहयोग से किया गया ।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत 3067 लाभार्थियों को रुपये 3000 प्रति लाभार्थी की दर से माह जनवरी हेतु कुल रूपये 92 लाख का ऑनलाइन डीबीटी हस्तान्तरण भी कार्यक्रम के दौरान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोविड काल में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में हर वर्ग के लोगों को राहत देने का कार्य किया गया। कोविड के दौरान सराहनीय कार्य करने वाले फ्रंट लाईन वर्कर को प्रोत्साहन राशि भी दी गई। राज्य में सीमित संसाधन होने एवं कोविड के कारण राजस्व में वृद्धि न होने के बावजूद भी समाज के हर वर्ग को राहत देने के प्रयास किये गये हैं। लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान किया जा रहा है। स्वास्थ्य, चिकित्सा, संस्कृति, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों की हर संभव मदद की गई। जन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये गये। समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास श्री हरि चंद्र सेमवाल, निदेशक संस्कृति श्रीमती बीना भट्ट, स्टेट हेड इंडसइंड बैंक श्री संदीप सेमवाल, रीजनल हेड श्री आशीष गैरोला, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के उपनिदेशक डॉ0 एस0 के0 सिंह, कार्यक्रम अधिकारी श्री एस0 के0 त्रिपाठी, सुश्री भारती तिवारी, राज्य नोडल अधिकारी अखिलेश मिश्र, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी महिला कल्याण निदेशालय श्री मोहित चौधरी, श्रीमती अंजना, डॉ. कंचन नेगी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ एवं प्रोबेशन अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्य सचिव ने ली कोविड को लेकर नोडल अधिकारियों की बैठक।
सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता कर ली जाए सुनिश्चितः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को सचिवालय में कोविड हेतु नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने सभी नोडल अधिकारियों को एक्टिव रहने के निर्देश दिए। उन्होंने होम आईसोलेशन और उससे संबंधित सभी आवश्यक तैयारियों को एक्टिव मोड में रखे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत घर, स्कूल आदि के साथ ही उसमें दी जाने वाली सुविधाओं की समय रहते सुनिश्चित कर लिया जाए।
ऐलोपैथी के साथ ही आयुष का भी किया जाए प्रचार-प्रसार
मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि पी.एच.सी. एवं सी.एच.सी. लेवल तक सभी आवश्यक उपकरण, दवाएं एवं अन्य सामग्री पूर्व में ही उचित मात्रा में उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के मुकाबले प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बेहतर स्थिति में है। तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए हमें हर सम्भव तैयारी करनी है। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा इम्यूनिटी बूस्ट करने हेतु किए गए कार्यों को लगातार जारी रखा जाए और इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
जन-जागरूकता हेतु लगातार किया जाए प्रचार-प्रसार
मुख्य सचिव ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन में जागरूकता हेतु लगातार प्रचार प्रसार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी वीडियोज के माध्यम से आमजन को इसके प्रति सजग किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए स्थानीय भाषाओं में शॉर्ट वीडियोज के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्य सचिव ने मेडिकल इक्यूपमेंट डिस्ट्रीब्यूशन और ड्रग सप्लाई मैनेजमेंट से सम्बन्धित सभी तैयारियां सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
थूकने और इधर-उधर कचरा फेंकने वालों के विरूद्ध चलाया जाए अभियान
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रदेशभर में सफाई एवं सैनेटाईजर छिड़काव के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन को सजग करने हेतु लगातार अनाउसमेंट की जाए। उन्होंने सार्वजनिक स्थलों में मास्क न पहनने वालों के साथ ही थूकने और इधर-उधर कचरा फेंकने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई और चालान अभियान चलाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्धन, सचिव श्री अमित नेगी, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, डीजीपी श्री संजय गुंज्याल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री दिलीप जावलकर, श्री एस.एस. मुरूगेशन एवं श्री चन्द्रेश यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।